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चीन से भारत अलर्ट: तिब्बत सीमा पर चल रहा नई चाल, हाई-अलर्ट पर सेना

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना के जवानों के साथ धोखेेबाजी करने के बाद भी चीन अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में अब उसने हिमाचल के किन्नौर जिले की सीमा से लगे अपने कब्जे वाले तिब्बत में सड़क निर्माण किया है।

Newstrack
Published on: 24 July 2020 4:58 AM GMT
चीन से भारत अलर्ट: तिब्बत सीमा पर चल रहा नई चाल, हाई-अलर्ट पर सेना
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रिकॉन्गपिओ (किन्नौर)। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना के जवानों के साथ धोखेेबाजी करने के बाद भी चीन अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में अब उसने हिमाचल के किन्नौर जिले की सीमा से लगे अपने कब्जे वाले तिब्बत में सड़क निर्माण किया है। चीन ने यहां 20 किमी तक सड़क निर्माण किया है। आपको बता दें कि किन्नौर में तिब्बत से 120 किमी का सीमा क्षेत्र है। इंटरनेशनल सीमा से संबंधित मामला होने के कारण प्रशासन और सुरक्षा बलों के अधिकारियों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।

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सड़क का निर्माण भारत-तिब्बत सीमा की तरफ

ताजा मिली जानकारी के मुताबिक, चीन ने सीमा से सटे किन्नौर जिला के मोरंग घाटी क्षेत्र के कुनु चांग से आगे खेम कुल्ला पास की तरफ सड़क बनाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। 2 किलोमीटर के नो मेन्स लैंड क्षेत्र में भी चीन द्वारा सड़क निर्माण करने की भी संभावना है।

अभी हाल ही में चारंग गांव का 9 सदस्यीय दल 16 घोड़े और 5 पोर्टर और अर्धसैनिक बल के कुछ जवान के साथ गांव से करीब 22 किलोमीटर ऊपर बार्डर की तरफ गए थे। जब दल ने तिब्बत क्षेत्र की तरफ देखा तो वे हैरान हो गए। 2 महीने में चीन ने तेजी से करीब 20 किलोमीटर सड़क का निर्माण भारत-तिब्बत सीमा की तरफ किया है।

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20 किलोमीटर तक सड़क का निर्माण

साथ ही इस दल ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में तिब्बत में भारत की तरफ के आखिरी ग़ांव तांगों तक ही सड़क थी, लेकिन इस बार बर्फ हटते ही दो महीने में तिब्बत के तांगों ग़ांव से भारत सीमा की तरफ 20 किलोमीटर तक सड़क का निर्माण कर दिया गया है।

दूसरी तरफ, सांगला घाटी के छितकुल के पीछे तिब्बत के यमरंग ला की तरफ भी सड़क निर्माण किया जा रहा है। आपको बता दें कि किन्नौर के कुन्नू चारंग गांव के समीप रंगरिक टुम्मा तक सीमा पार से कई बार अंधेरा होते ही ड्रोन या कोई अन्य यूएफओ की तरह आने की शिकायत की बात भी सामने आई है।

इसके साथ ही बौद्ध भिक्षुओं ने रंगरिक टुम्मा में 8 जून को करीब 20 ड्रोन देखा था। इन लोगों ने बताया है कि एक से अधिक संख्या में इस तरह के ड्रोन का आना सामान्य बात हो गई है।

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