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7 साल बड़े एक्टर की बनी मां, आंखों पर पट्टी बांध इस अभिनेत्री ने जीता दर्शकों का दिल

1988 में रेणुका ने टीवी सीरीज़ महाभारत में पुनीत इस्सर (दुर्योधन) की माँ (गांधारी) की भूमिका निभाई। असल में, रेणुका असल जिंदगी में पुनीत इस्सर से 7 साल छोटी हैं।

Shivani Awasthi
Published on: 22 May 2020 8:44 PM IST
7 साल बड़े एक्टर की बनी मां, आंखों पर पट्टी बांध इस अभिनेत्री ने जीता दर्शकों का दिल
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लखनऊ। ''हर कलाकार की पहचान उसकी आंख, चेहरे और आवाज से होती है। लेकिन महाभारत में मुझे गांधारी के रोल में अपनी आंखों पर पट्टी बांधनी थी। यह रोल मेरे लिए एक चैलेन्ज था जिसे मैं गांधारी की आत्मा की मदद से पूरा कर सकी।''

यह कहना है महाभारत में गांधारी का किरदार निभाने वाली रेणुका इसरानी का। 1988 में रेणुका ने टीवी सीरीज़ महाभारत में पुनीत इस्सर (दुर्योधन) की माँ (गांधारी) की भूमिका निभाई। असल में, रेणुका असल जिंदगी में पुनीत इस्सर से 7 साल छोटी हैं।

हमारे सहयोगी अखबार 'अपना भारत’ से बातचीत में रेणुका इसरानी ने अपने करियर और निजी ज़िंदगी के बारे में बताया। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश :

क्या आप अपने फिल्मी व टीवी कॅरियर से सन्तुष्ट हैं?

- जी हां, मैंने 1993 में फिल्म “मीरा के गिरधर” से अपनी शुरुआत की। उसके बाद करामती कोट, तेरी पायल मेरे गीत, अलबेला और रिश्ते, झूठ बोले कौआ काटे, एक आसमान कई दिशायें आदि फिल्मों में काम किया। इसके अलावा एक प्रोडयूसर के तौर पर एड्स पर आधारित एक डाक्युमेंट्री बनायी। सोनी टीवी के धारावाहिक “बड़े अच्छे लग गए” में ‘शिप्रा’ की भूमिका निभाई। मैंने 70 – 80 टीवी धारावाहिकों और 10-15 फिल्मों में काम किया है।

एक्टिंग के अलावा आपके क्या शौक हैं?

- मैं अभिनेत्री होने के अलावा, एक कवि और एक लेखक भी हूँ। मुझे कविता लिखना अच्छा लगता है। मुझे ट्रेवल करने और संगीत सुनने में विशेष रूचि है।

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लम्बे समय से इण्डस्ट्री से दूर रहने का कोई खास कारण?

- यह एक पर्सनल सवाल है लेकिन मैं इसका जवाब जरूर दूंगी। मेरे वृद्ध माता-पिता मेरे लिये सब कुछ हैं। आज उन्हें मेरी जरूरत है और मैंने उनकी देखभाल करने के लिए अभिनय से अवकाश लिया। गत दिसम्बर मेरे पिता का देहान्त हो गया है और इस समय मेरी मां पूर्णतः मुझ पर ही निर्भर हैं। मैं इण्डस्ट्री में फिर वापसी करूंगी। अभी थोड़ा समय लगेगा।

गांधारी के किरदार के बारे में कुछ बताइये।

- 22 वर्ष की अवस्था में यह चैंलेजिंग रोल था। मैं जब भी गांधारी की ड्रेस पहन कर परफार्म करती तो मानो गांधारी की आत्मा मेरे अन्दर समा जाती थी।

लॉकडाउन को लेकर फिल्म इण्डट्री की क्या सोच है?

- इण्डट्री के लोग भी समाज का हिस्सा हैं, तो उन पर लॉकडाउन का असर होना स्वाभावित है। उन बड़े व ऊंचे लोगों पर कोई असर नहीं पड़ता है जिन्होने अच्छा बैंक बैलेंस बना रखा है और उन पर कोई जिम्मेदारी नहीं है। अब जूनियर आस्र्टिस्ट भी अच्छा कमाते हैं लेकिन वह अकेले मुम्बई में रह रहे हैं अथवा परिवार के साथ हैं तो उनके लिये यह समय बहुत ही गम्भीर है। बच्चे की फीस, फ्लैट का किया इत्यादि चिन्ता का विषय तो है ही।

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राजस्थान की फिल्म इण्डस्ट्री पीछे क्यों हैं ?

- राजस्थान के लोग बड़े ही सरल स्वाभाव वाले एवं स्वाभिमानी होते हैं। वह अपने जीवन से सन्तुष्ट रहते हैं और अपने जीवन को ज्यादा से ज्यादा एक्सप्लोर नहीं करते। शायद यही वजह है कि राजस्थानी फिल्म इण्डस्ट्री पछड़ी हुई है। लेकिन राजस्थान कई डायरेक्टर, प्रोडयूसर और कलाकार निकले हैं।

- कोरोना के विषय में आप क्या सोचती हैं?

मुझे यह कॉमन फ्लू से ज्यादा और कुछ नहीं प्रतीत होता है। जैसे सर्दी, जुकाम और बुखार होता है यह वैसा कुछ है। आयुर्वेद एक ऐसी विद्या है जिससे कोई भी मनुष्य अपनी इम्युनिटी को आसानी से बढ़ा सकता है। आयुर्वेद आपको लम्बे समय तक आराम देता है। लेकिन उसे सब्र के साथ अपनाने की जरूरत है।

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कोरोना महामारी के पीछे क्या कारण हो सकता है?

- इस बारे में मैं इतना ही कहना चाहूंगी कि हम पृथ्वीवासियों ने नेचर के साथ जो भी निगेटिविटी की है यह उसी का परिणाम है। मुझे लगता है कि अमेरिका व अन्य यूरोपीय देशों द्वारा कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की जो संख्या बताई जा रही है उस पर विश्वास करना कठिन है। टीवी, अखबार, मीडिया में आंकड़े ज्यादा दिखाये जा रहे हैं। जिन मरीजों की कोरोना संक्रमण से डेथ हुई है उनमें से बड़ी तादाद बुजुर्ग मरीजों की है जो कैंसर समेत किसी न किसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित थे।

ऐसा रहा महाभारत में गांधारी यानी रेणुका इसरानी का अबतक का सफर

रेणुका इसरानी का जन्म 1966 में जयपुर में हुआ था। उन्होंने जयपुर के महारानी गायत्री देवी कॉलेज से स्नातक किया। अपनी किशोरावस्था में, वह एक डॉक्टर बनने की ख्वाहिश रखती थीं।

स्नातक की पढ़ाई के बाद, रेणुका दिल्ली चली गईं। नेशनल स्कूल आफ ड्रामा से एक्टिंग का कोर्स करने के बाद रेणुका इसरानी ने 1984 में दूरदर्शन के टीवी धारावाहिक “हम लोग” में ‘उषा रानी’ की भूमिका निभाकर अपने अभिनय कॅरियर की शुरुआत की थी। रेणुका कहती हैं उन्होंने दिल्ली में काफी समय तक थिएटर किया और यहां पर भी कई अवॉड्र्स अपने नाम किये थे।

रेणुका इसरानी मुख्य रूप से हिंदी फिल्म और टेलीविजन उद्योग में काम करती है। वह सबसे अच्छी भूमिका निभाने के लिए जानी जाती हैं उन्होने ऐतिहासिक सीरियल “महाभारत” (1988) में ‘गांधारी’ का अमर किरदार निभाया था। सिंधी परिवार से ताल्लुक रखने वाली रेणुका इसरानी के पिता आई. एस. इसरानी राजस्थान में जिला न्यायाधीश रहे थे।

रिपोर्टर- संदीप पाल

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