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देवानंद के ये सगे भाई, जिन्होंने बदल दी थी इस स्टार की जिंदगी

विजय आनंद ने दूसरी शादी अपनी बहन की बेटी सुषमा कोहली से की और उनके एक बेटा वैभव है। विजय आनंद ने अपने कैरियर की शुरुआत एक अभिनेता स्क्रीनराइटर, एडिटर और प्रोड्यूसर के रूप में की लेकिन गोल्डी को याद डायरेक्टर के रूप में किया जाता है।

राम केवी
Published on: 23 Feb 2020 5:25 PM IST
देवानंद के ये सगे भाई, जिन्होंने बदल दी थी इस स्टार की जिंदगी
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रामकृष्ण वाजपेयी

आप जब 1965 में बनी गाइड 1970 में बनी जॉनी मेरा नाम जैसी फिल्में देखते हैं। तो उसमें खो जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है इन्हें किसने बनाया। इन फिल्मों के निर्माता-निर्देशक, स्क्रीनराइटर, एडिटर और एक्टर गोल्डी आनंद थे। यह वही गोल्डी आनंद है जिन्हें विजय आनंद करके भी जाना जाता है। इनका एक परिचय और भी है कि यह चेतन आनंद और देवानंद के छोटे भाई थे।

विजय आनंद का जन्म पंजाब के गुरदासपुर में प्रसिद्ध एडवोकेट किशोरी लाल आनंद के घर में हुआ था। यह अपने भाइयों में सबसे छोटे थे। उनकी बहन शील कांता कपूर थी जोकि शेखर कपूर की मां हैं। विजय आनंद ने पहली शादी लवलीन से की।

उस समय विजय आनंद आचार्य रजनीश से बहुत ज्यादा प्रभावित थे और लवलीन रशियन टाइम्स के लिए इनका इंटरव्यू लेने आई थीं और इसी दौरान शादी की पेशकश कर दी। बाद में यह शादी सफल नहीं रही।

विजय आनंद ने दूसरी शादी अपनी बहन की बेटी सुषमा कोहली से की और उनके एक बेटा वैभव है। विजय आनंद ने अपने कैरियर की शुरुआत एक अभिनेता स्क्रीनराइटर, एडिटर और प्रोड्यूसर के रूप में की लेकिन गोल्डी को याद डायरेक्टर के रूप में किया जाता है।

मशहूर फिल्में दीं

विजय आनंद ने प्रसिद्ध फिल्म नौ दो ग्यारह बनाई जो कि 40 दिन में तैयार किया। इनकी कुछ प्रसिद्ध फिल्मों में जॉनी मेरा नाम ज्वेल थीफ, तीसरी मंजिल, काला बाजार, राम बलराम और राजपूत हैं। तीसरी मंजिल नासिर हुसैन के लिए बनाई गई। जिसमें निर्देशन विजय आनंद का था। विजय आनंद ने तेरे मेरे सपने, गाइड को बनाया। गाइड में देवानंद और वहीदा रहमान की जोड़ी थी। यह फिल्म आर के नारायण के उपन्यास द गाइड पर आधारित थी।

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विजयानंद को स्टाइलिश गानों के पिक्चराइजेशन के लिए भी याद किया जाता है। जैसे ज्वेल थीफ का होठों पे ऐसी बात...

मशहूर अभिनेता के रूप में विजय आनंद ने हकीकत, कोरा कागज, मैं तुलसी तेरे आंगन की, चोर चोर, घुंघरू की आवाज, छुपा रुस्तम जैसी मशहूर फिल्में दीं। 1990 में विजय आनंद ने टेलीविजन सीरियल तहकीकात में जासूस का किरदार निभाया था। वह सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के चेयरमैन भी रहे, लेकिन 70 वर्ष की उम्र में इस महान अभिनेता का सफर खत्म हुआ और 23 फरवरी 2004 को इन्होंने इस दुनिया से विदा ली।



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