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भारत में और पैसा डालेंगी चीनी स्मार्टफोन कंपनियां, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

विश्लेषकों का कहना है कि भारत में अभी तो स्मार्टफोन कंपनियां और आक्रामक मार्केटिंग करेंगी क्योंकि यहां के बाजार में अभी बढ़ोतरी की बहुत संभावनाएं हैं। भारत में सवा अरब से ज्यादा की आबादी में मात्र ४० करोड़ ही स्मार्टफोन यूजर हैं।

Manali Rastogi
Published on: 29 Aug 2019 10:02 AM GMT
भारत में और पैसा डालेंगी चीनी स्मार्टफोन कंपनियां, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
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भारत में और पैसा डालेंगी चीनी स्मार्टफोन कंपनियां, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

लखनऊ: चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों को भारत का बाजार बहुत पसंद आ रहा है। बढिय़ा डिस्काउंट्स, जबर्दस्त पब्लिसिटी और ऑनलाइन ऑफरों के जरिए इन कंपनियों ने भारत में बड़ी सफलता हासिल की और ये बहुत उत्साहजनक रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था में भले ही ऑटोमोबाइल और एफएमसीजी सेक्टर में हालात बहुत अच्छे नहीं हैं लेकिन स्मार्टफोन सेक्टर में चमक कायम ही नहीं बल्कि बढ़ती ही जा रही है।

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इस साल जून के अंत तक भारत में टॉप 5 स्मार्टफोन कंपनियों में से चार ऐसी थीं जिनका मुख्यालय चीन में है। इन कंपनियों का भारतीय बाजार में हिस्सेदारी है शियोमी (26.3 फीसदी), वीवो (15.1 फीसदी), ओप्पो (9.7 फीसदी) और रियलमी (7.7 फीसदी)।

आज शियोमी की इंडिया में हैं सात मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट

अग्रणी कंपनी शियोमी की 2015 में भारत में सिर्फ एक मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट थी लेकिन आज सात यूनिटें हैं। शियोमी के बिक्री साल भर में 4.8 फीसदी बढ़ी है और जून में समाप्त हुई तिमाही में इसने 1 करोड़ 4 लाख मोबाइल फोन बेच डाले थे। शियोमी का कहना है कि भारत में मोबाइल फोन यूजर्स बेहतर और महंगे फोन खरीद रहे हैं। स्मार्टफोन का औसत बिक्री मूल्य भी बढ़ रहा है।

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ओप्पो, वीवो और वन प्लस ब्रांड से स्मार्टफोन बनाने वाली चीन की बीबीके इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी की यपजना भारत में निवेश बढ़ाने की है। वीवो भारत में अपनी निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए ७५०० करोड़ रुपए खर्च करेगा। इस निवेश के साथ भारत में 40 हजार नौकरियां पैदा होंगी।

निर्माण क्षमता कर ली दोगुनी

ओप्पो की योजना वर्ष 2020 तक अपनी निर्माण क्षमता दोगुनी करके 10 करोड़ यूनिट प्रति वर्ष करने की है। प्रीमियम ब्रांड वन प्लस की वैश्विक आय का 40 फीसदी भारत से होती है। भारत भी पहला देश होगा जहां वन प्लस अपना स्मार्ट टीवी लांच होगा। वन प्लस हदराबाद स्थित अपनी रिसर्च यूनिट पर एक हजार करोड़ रुपए निवेश करेगा।

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विश्लेषकों का कहना है कि भारत में अभी तो स्मार्टफोन कंपनियां और आक्रामक मार्केटिंग करेंगी क्योंकि यहां के बाजार में अभी बढ़ोतरी की बहुत संभावनाएं हैं। भारत में सवा अरब से ज्यादा की आबादी में मात्र ४० करोड़ ही स्मार्टफोन यूजर हैं।

Manali Rastogi

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