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ट्विटर का करते हैं इस्तेमाल तो फौरन बंद कर दे ये काम, फंस सकते हैं बड़ी मुसीबत में
प्राप्त जानकारी के मुताबिक माइक्रोब्लॉगिंग कंपनी ट्विटर ने इस बात को स्वीकार किया है कि उसके प्लेटफॉर्म पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2एफए) जैसी बेजोड़ सिक्योरिटी के लिए अपने ईमेल और फोन नंबर देने वाले यूजर्स को टारगेटेड एडवरटिजमेंट सेंड किया गया था।
लखनऊ: अगर आप ट्विटर यूज करते है तो ये खबर आपके लिए जानना बेहद ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि ऐसा नहीं करने पर आप जल्द ही किसी बड़ी मुसीबत में फंस सकते है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक माइक्रोब्लॉगिंग कंपनी ट्विटर ने इस बात को स्वीकार किया है कि उसके प्लेटफॉर्म पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2एफए) जैसी बेजोड़ सिक्योरिटी के लिए अपने ईमेल और फोन नंबर देने वाले यूजर्स को टारगेटेड एडवरटिजमेंट सेंड किया गया था।
आगे सफाई देते हुए ट्विटर का कहना है, "निजी जानकारी का उपयोग अनजाने में विज्ञापन उद्देश्यों, विशेषकर हमारे टेलर्ड ऑडिएंसेस और पार्टनर ऑडिएंसेस विज्ञापन तंत्र में उपयोग होता रहा है। "
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ट्विटर ने यूजर्स से मांगी माफ़ी
ट्विटर के पास अभी कोई ठोस जानकारी नहीं है कि उसके कितने यूजर्स को इससे नुक्सान पहुंचा हैं। कंपनी ने अपने यूजर्स से माफ़ी मांगते हुए कहा है कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाएंगे ताकि कि दोबाराइस तरह की गलतियां न हो।
बताते चले कि साल 2019 की दूसरी तिमाही तक ट्विटर के औसतन 13.9 करोड़ मोनेटाइजेबल डेली एक्टिव यूजर्स (एमडीएयूज) हैं।
पिछले साल माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ने अपने 33.6 करोड़ यूजर्स से उनके खाते का पासवर्ड चेंज के लिए कहा था। यहां आपको बता कि हैकरों ने इसी साल अगस्त में ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी का अकाउंट हैक कर लिया था और उससे कई भद्दे ट्वीट किये गये थे।
जानिए कैसे काम करता है टूएफए
कम्पनी ने दावा किया कि उसने अपने यूजर्स की निजी जानकारी को अपने साझेदारों या किसी अन्य थर्ड-पार्टी के साथ साझा नहीं किया है।
बताते चले कि ऑथेंटीकेशन प्रोसेस के समय टूएफए विज्ञापन सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत हैं जो हैकर्स को आपके अकाउंट्स को हैक करने से रोकता है।
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