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Afzal Ansari: अफजाल अंसारी की बेटी नूरिया संभालेगी पिता की राजनीतिक विरासत
Afzal Ansari: अफजल अंसारी के छोटी बेटी नूरिया अंसारी काफी शिक्षित हैं। उन्होंने देश के प्रसिद्ध दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया से मनोविज्ञान में मास्टर डिग्री (एमए) हासिल की है। अब उन पर पिता की राजनीतिक विरासत को आगे संभालने की जिम्मेदारी है।
Afzal Ansari: कृष्णानंद राय हत्याकांड और रुंगटा अपहरण मामले को लेकर दर्ज गैंगस्टर एक्ट के तहत गाजीपुर के एमपी एमएलए कोर्ट से 4 साल की सजा मिलने के बाद लोकसभा सचिवालय ने गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी की सदस्यता रद्द कर दी। सांसदी जाने के बाद सांसद से पूर्व सांसद बने अफजाल अंसारी के क्षेत्र गाजीपुर में एक बात की पक्की मुहर लग गई है, यहां पर उपचुनाव होंगे। भाजपा उपचुनाव में फिर से चाहेगी कि गाजीपुर का किला एक बार फिर उसके कब्जे में आए। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी ने भाजपा के मनोज सिन्हा को मात देते हुए गाजीपुर से सांसद बना था। मनोज सिन्हा इस चुनाव में जीत को लेकर बेफिक्र थे, लेकिन जब चुनाव का रिजल्ट आया तो सब को चौंका दिया था। बाहुबली अफजाल अंसारी सांसद चुन लिया गया था। लेकिन समय का चक्र ऐसा घूमा कि अफजाल अंसारी को बीच में अपनी सांसदी खोनी पड़ी। इतना ही नहीं, उसका राजनीतिक कैरियर भी लगभग खत्म होने की कगार पर आ गया है।
अंसारी परिवार नूरिया पर खेलेगा दांव
कई मामलों में दोषी करार के बाद जेल में सजा काट करे मुख्तार अंसारी का राजनीतिक सफर लगभग पहले ही खत्म ही हो गया है। और अब उनके छोटे भाई व गाजीपुर के बपसा सांसद अफजाल अंसारी की संसद की सदस्यता चली गई है। अब सवाल ये उठ रहें है कि अंसारी बंधुओं का राजनीतिक विरासत कौन संभालेगा? ऐसे संभावना है कि अंसारी बंधुओं की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए पूर्व सांसद अफजाल अंसारी की सबसे छोटी बेटी नूरिया अंसारी सामने आ सकती हैं। अंसारी परिवार नूरिया पर ये जिम्मेदारी सौंपा सकता है, क्योंकि नूरिया अपने पिता अफजाल अंसारी के राजनीतक कार्य में मदद करती हैं। नूरिया काफी पढ़ी लिखी हैं, इसलिए अंसारी परिवार को आस है कि वह राजनीतिक विरासत को संभाल सकती हैं।
किस पार्टी से नूरिया लड़ेंगी उपचुनाव
अगर नूरिया अंसारी गाजीपुर के उपचुनाव में अंसारी परिवार की ओर ताल ठोकते हुए दिखाई देंगी तो सवाल यह है कि वह किसी पार्टी से चुनाव लड़ेंगी, क्योंकि उनके पिता अफजाल अंसारी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में एसपी-बीएसपी-लोकदल के गठबंधन से बीएसपी के चिन्ह पर चुनाव लड़ा था। फिलहाल, यह एलायंस अब टूट चुका है। बसपा ने पहले से ही ऐलान कर दिया है कि वह साल 2024 में होने वाले आम चुनाव के अकेले उतारेगी। ऐसे में संभावना है कि नूरिया शायद उपचुनाव में बसपा से ताल ठोकती हुई दिखाई दें। हालांकि कुछ राजनीति पर नजर रखने वाले लोगों को कहना है कि नूरिया गाजीपुर उपचुनाव में सपा चिन्ह से लड़ सकती हैं। इस बात बल इससे मिल रहा है कि बीते महीने शिवपाल यादव ने अफजाल अंसारी को सपा में शामिल करने की थोड़ी उत्सुकता दिखाई थी। अब देखना यह होगा कि कौन सी पार्टी नूरिया को अपनाती है और उपचुनाव का टिकट देती है।
जामिया इस्लामिया से नूरिया ने की पढ़ाई
अफजल अंसारी के छोटी बेटी नूरिया अंसारी काफी शिक्षित हैं। उन्होंने देश के प्रसिद्ध दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया से मनोविज्ञान में मास्टर डिग्री (एमए) हासिल की है। इतना ही नहीं, नूरिया सायकोलॉजिकल काउन्सलिंग की ट्रेनिंग भी ली है और वे कुछ समय तक दिल्ली में चाइल्ड कॉउंसिलर के तौर काम भी किया है। अगर मुख्तार और अफजाल को छोड़ दें तो असांरी परिवार से निकले लोग देश के बड़े बड़े पदों पर अपनी सेवा दे चुके हैं। इसमें भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी का नाम शामिल है। इसके अलावा स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में भी अंसारी परिवार के लोग शामिल हो चुके हैं।
जानें क्या था मामला
आपको बता दें कि अगले साल देश में आम चुनाव होना है। लेकिन इससे पहले कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में दर्ज गैंगेस्टर एक्ट के एक मुकदमे में अफजाल अंसारी को सजा गाजीपुर कोर्ट ने 29 अप्रैल को 4 साल की सजा सुनाई थी। इसमें 1 लाख का अर्थदंड भी शामिल है। कोर्ट दोषी करार दिए जाने के बाद 1 मई को लोकसभा सचिवालय ने अफजाल अंसारी की सदस्यता खत्म कर दी थी।