Ghazipur District Jail: कहानी गाजीपुर जिला जेल के बैरक नंबर 10 की... अफजाल अंसारी की करवटें बदलते गुजर रही रात

Ghazipur District Jail- गाजीपुर जिला जेल की बैरक नंबर 10 फिर सुर्खियों में है। इससे जुड़ी कई कहानियां हैं। ब्रिटिश हुकूमत के दौरान यह अंग्रेज अफसरों का विश्राम स्थल था। आजादी के आंदोलन में कई स्वतंत्रता सेनानी इसमें बंद रहे। लेकिन, बीते कुछ समय से यह अंसारी बंधुओं की चर्चा को लेकर है।

Hariom Dwivedi
Published on: 2 May 2023 5:57 PM GMT (Updated on: 2 May 2023 11:04 AM GMT)
Ghazipur District Jail: कहानी गाजीपुर जिला जेल के बैरक नंबर 10 की... अफजाल अंसारी की करवटें बदलते गुजर रही रात
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गाजीपुर की जिला जेल

Ghazipur District Jail Barrack Number 10- गाजीपुर जिला जेल की बैरक नंबर 10 फिर सुर्खियों में है। इससे जुड़ी कई कहानियां हैं। ब्रिटिश हुकूमत के दौरान यह अंग्रेज अफसरों का विश्राम स्थल था। आजादी के आंदोलन में कई स्वतंत्रता सेनानी इसमें बंद रहे। लेकिन, बीते कुछ समय से यह अंसारी बंधुओं को लेकर चर्चा में है। गैंगस्टर मामले में सजा मिलने के बाद सांसद अफजाल अंसारी को इसी जेल में रखा गया है। 2006 में भी वह जेल की इसी बैरक में बंद हो चुके हैं। गैंगस्टर एक्ट में कोर्ट ने अफजाल अंसारी को 04 वर्ष की कैद और 01 लाख जुर्माने की सजा सुनाई है, जबकि इसी मामले में मुख्तार अंसारी को 10 वर्ष की कैद और 05 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

बताया जाता है कि जरायम की दुनिया में अंसारी बंधुओं का सिक्का गाजीपुर जिला जेल की बैरक नंबर 10 से ही चलता था। 2005 में माफिया मुख्तार अंसारी इसी बैरक नंबर 10 में बंद था। यहीं से वह हत्याएं करा रहा था, उगाही करा रहा था, चुनाव जीत रहा था। लेकिन, अब इसी जेल में पहुंचे उसके भाई अफजाल अंसारी के राजनीतिक करियर पर प्रश्नचिन्ह खड़े गये हो गये हैं। अफजाल अभी तक पांच बार विधायक और दो बार सांसद रहे हैं। अफजाल ही नहीं, अब गाजीपुर के अंसारी परिवार की ही सियासत खत्म होने की कगार पर है।

तब साल दूसरा था अब साल दूसरा है...

गैंगस्टर एक्ट में सजा होने के बाद गाजीपुर जिला जेल में अफजाल को फिर से बैरक नंबर 10 में रखा गया है। इससे पहले भी वह यहां रह चुका है, लेकिन तब हालात दूसरे थे और अब दूसरे हैं। तब मुलायम की सरकार थी और आज बीजेपी की सरकार है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। तब सीसीटीवी माफिया के इशारे में चलते और बंद होते थे और आज सीसीटीवी से एक-एक कैदी की सभी गतिवधियों पर नजर रखी जा रही है। बाडी वार्न कैमरे के साथ बंदी रक्षक भी पूरी तरह मुस्तैद हैं। जेल में मर्जी के बिना परिंदा भी पर नहीं मार सकता। जेल अधीक्षक हरीओम शर्मा ने बताया कि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

बेचैनी में गुजरी पहली रात

बदले हालातों में 29 अप्रैल को जिला जेल की बैरक नंबर 10 में अफजाल अंसारी को लाया गया। जेल सूत्रों के मुताबिक, जेल में अफजाल की पहली रात बेचैनी और तनाव में गुजरी। जेल मैन्युअल के मुताबिक ही जमीन पर उसका बिस्तर लगाया गया था। भविष्य की चिंता और मच्छरों के हमलों से परेशान वह रात भर करवट बदलता रहा। शुरुआत में मना करने के बाद जेल की रोटी, सब्जी और दाल खाई। सुबह 5:30 बजे बैरक खुली तो नियमित दिनचर्या की। चाय पी, नाश्ता किया और फिर बैरक में घुस गया।

कोर्ट ने सुनाई सजा

बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी और उसके भाई अफजाल अंसारी को दोषी करार दिया गया है। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई है, जबकि अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही उस पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने जैसे ही अफजाल को दोषी करार दिया, उसे हिरासत में ले लिया गया। अब उसे गाजीपुर जेल भेज दिया गया है। जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता जा सकती है। अब जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता जानी तय है फिलहाल, इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

Hariom Dwivedi

Hariom Dwivedi

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