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Hardoi News: बीफार्मा और डीफार्मा के चार कॉलेजों में मिली अनियमितता, शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट

Hardoi News: पिछले एक साल में स्थापित होने वाले बीफार्मा और डीफार्मा संस्थानों की संबद्धता व एनओसी दस्तावेजों की जांच कराने का फैसला लिया है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों के लिए अलग-अलग जांच कमेटियों का गठन किए जाने का आदेश जारी हुआ था।

Pulkit Sharma
Published on: 14 April 2023 8:44 PM IST (Updated on: 14 April 2023 8:44 PM IST)
Hardoi News: बीफार्मा और डीफार्मा के चार कॉलेजों में मिली अनियमितता, शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
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हरदोई के बीफार्मा और डीफार्मा कॉलेजों को मिली अनियमता

Hardoi News: जिले में डीफार्मा और बीफार्मा कॉलेजों की हुई जांच में सदर तहसील के चार कॉलेजों में अनियमितता पाई गई जबकि बाकी 25 कॉलेजों में सब कुछ ठीकठाक मिला। इन चारों कॉलेजों की जांच रिपोर्ट डीएम को सौप दी गई है। अब यह जांच रिपोर्ट डीएम के माध्यम से शासन में भेजी जाएगी। चर्चा यह है कि इन चारों के अलावा भी अन्य कॉलेजों में कमियां पाई गई थी लेकिन किन्हीं कारणों से उनकी रिपोर्ट सही सलामत सौंपी गई है। बताया गया है कि पिछले एक साल में जिले के 29 कॉलेजों को बीफार्मा और डीफार्मा की मान्यता मिली है। शासन के निर्देश पर इन कॉलेजों की संबद्धता और एनओसी की जांच पड़ताल होना थी। इसके लिए जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने टीम गठित करके जांच पड़ताल शुरू कराई थी, जिले में पांच टीमें बनाई गईं थीं। सभी टीमों में तहसीलदार की अगुवाई में जांच पड़ताल की गई है।

बीते एक साल में बने बीफ़ार्मा व डीफ़ार्मा कॉलेजों की हुई जांच

प्रदेश सरकार ने पिछले एक साल में स्थापित होने वाले बीफार्मा और डीफार्मा संस्थानों की संबद्धता व एनओसी दस्तावेजों की जांच कराने का फैसला लिया है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों के लिए अलग-अलग जांच कमेटियों का गठन किए जाने का आदेश जारी हुआ था। अपर मुख्य सचिव के द्वारा डीएम को भेजे गए पत्र में साफ कहा गया था कि इन सबकी जांच कराकर अपनी रिपोर्ट के साथ शासन में भेजी जाए। सूत्रों की मानें तो उच्च स्तर पर फार्मेसी संस्थानों की संबद्धता व एनओसी दिए जाने में मानकों को नजरअंदाज किए जाने की शिकायत मिली थी। इसलिए शासन ने एनओसी का सत्यापन कराने का फैसला लिया है। इसी आदेश के क्रम में डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने जांच समिति बनाकर जांच पड़ताल शुरू कराई थी। जिसमें तहसील सदर के चार कॉलेजों में अनियमितता पाई गई।

जानिए किसने, कहां पर की जांच

जिले में पांच तहसील हैं। सदर तहसील में पांच कॉलेजों को मान्यता मिली है। यहां की जांच के लिए संडीला के तहसीलदार राजीव यादव, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज संडीला की प्रधानाचार्या अंजू सिंह और लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता राजवीर सिंह को नामित किया गया था। बिलग्राम तहसील में 14 कॉलेज है। यहां की जांच तहसीलदार सवायजपुर डॉ. अरूणिमा श्रीवास्तव, राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य टीआर वर्मा, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता रामविलास प्रसाद को नामित किया गया था।

शाहबाद तहसील में तीन कॉलेज हैं। यहां की जांच के लिए सदर तहसीलदार प्रतीत त्रिपाठी, राजकीय बालिका इंटर कालेज बिलग्राम की प्रधानाचार्या ममता कनौजिया, सहायक अभियंता श्याम प्रकाश पांडेय को जिम्मेदारी दी गई थी।
संडीला तहसील में छह कॉलेज हैं। यहां पर बिलग्राम के तहसीलदार विनीत कुमार सिंह, बरवन कॉलेज के प्रधानाचार्य रामप्रकाश भारती, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता कृष्णकांत मिश्रा को लगाया गया था। सवायजपुर तहसील में सिर्फ एक कॉलेज है। वहां पर शाहबाद के तहसीलदार नरेंद्र कुमार यादव, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज टोडरपुर की प्रधानाचार्या वंदना और लोकनिर्माण विभाग के सहायक अभियंता अनुराग मौर्या को नामित किया गया था।

इन बिन्दुओं की हुई जांच

जांच टीमों द्वारा भौतिक अवस्थापना, भूमि, भवन, क्लासरूम, लाइब्रेरी, छात्रावास, कम्प्यूटर सेंटर, म्यूजियम, ऑडिटोरियम, स्टाफ के लिए सुविधाएं, प्रशासनिक कक्ष, मानव संसाधन, अनुभवी शिक्षक, सीटों की संख्या के अनुसार संसाधन, शिक्षक व कर्मचारियों की उपलब्धता आदि की जांच पड़ताल की गई।



Pulkit Sharma

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