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RSS News: आगामी एक वर्ष में एक लाख स्थानों तक पहुंचना संघ का लक्ष्यः डॉ मनमोहन वैद्य
RSS News: कोरोना काल के बाद से देश में बढ़ा संघ का कार्य, साढ़े पांच लाख स्वयंसेवकों ने कोरोना काल में की लोगों की सेवा। 109 स्थानों पर होंगे संघ के शिक्षा वर्ग, 20000 स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण लेने का अनुमान
RSS News: समालखा के पट्टीकल्याणा स्थित सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और मा. सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने भारत माता के चित्र पर पुष्पार्पित कर अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का शुभारंभ किया। अभाप्र सभा में देशभर से 34 संगठनों के 1474 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
डॉक्टर मनमोहन वैद्य ने कहा कि आगामी एक वर्ष में एक लाख स्थानों तक पहुंचना संघ का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद से देश में संघ का कार्य बढ़ा है। साढ़े पांच लाख स्वयंसेवकों ने कोरोना काल में लोगों की सेवा की। प्रतिनिधि सभा के शुभारंभ के बाद सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 2025 में संघ अपने स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। वर्तमान में संघ 71355 स्थानों पर प्रत्यक्ष तौर पर कार्य कर समाज परिवर्तन के महत्वपूर्ण कार्य में अपनी भूमिका निभा रहा है। अगले एक वर्ष तक एक लाख स्थानों तक पहुंचना संघ का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि 109 स्थानों पर संघ के शिक्षा वर्ग होंगे जिसमें 20000 स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण लेने का अनुमान। उन्होंने कहा कि 2020 में आई कोरोना आपदा के बाद भी संघ कार्य बढ़ा है। उन्होंने कहा कि 2020 में 38913 स्थानों पर 62491 शाखा, 20303 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन और 8732 स्थानों पर मासिक मंडली चल रही थी। 2023 में यह संख्या बढ़कर 42613 स्थानों पर 68651 शाखाएं, 26877 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन तथा 10412 स्थानों पर मासिक मंडली तक पहुंच गई है। संघ दृष्टि से देशभर में 911 जिले हैं, जिनमें से 901 जिलों में संघ का प्रत्यक्ष कार्य चलता है। 6663 खंडों में से 88 प्रतिशत खंडों में, 59326 मंडलों में से 26498 मंडलों में संघ की प्रत्यक्ष शाखाएं लगती हैं। शताब्दी वर्ष में संघ कार्य को बढ़ाने के लिए संघ के नियमित प्रचारकों व विस्तारकों के अतिरिक्त 1300 कार्यकर्ता दो वर्ष के लिए शताब्दी विस्तारक निकले हैं।
मुझे समाज के लिए कुछ देना है
डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि सारे भारत का सारा समाज एक है, सब समान हैं, सब मेरे अपने हैं। मुझे समाज के लिए कुछ देना है, ऐसे विचारों की अनुभूति व संस्कार संघ की शाखा से आते हैं। संघ के स्वयंसेवक अपने दैनिक कार्यों में से समय निकालकर तथा अपनी जेब से पैसा खर्च कर समाज परिवर्तन में योगदान देते हुए संघ कार्य का विस्तार करते हैं। संघ की शाखा से व्यक्ति निर्माण होता है, जो आगे चलकर समाज में राष्ट्रीय विचारों का जागरण व समाज को साथ लेकर समाज परिवर्तन में अपनी भूमिका निभाता है।
संघ के प्रति लोगों की रुचि बढ़ रही
उन्होंने कहा कि आज संघ के प्रति लोगों की रुचि बढ़ रही है। लोग संघ को ढूंढते हुए डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से संघ के साथ जुड़ने के लिए निवेदन कर रहे हैं। 2017 से 2022 तक ज्वाइन आरएसएस के माध्यम से संघ के पास 7,25,000 निवेदन आए हैं। इनमें से अधिकांश 20 से 35 आयु वर्ग के युवक हैं, जो समाज सेवा के लिए संघ से जुड़ना चाहते हैं।