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Haryana : परिवार की बेरुखी से परेशान बुजुर्ग दंपति ने खाया जहर, पोता आईएएस तो बेटे के पास है करोड़ों की संपत्ति
Haryana: बुजुर्ग दंपति के परिवार के पास करोड़ी की संपत्ति और पोते के आईएएस अफसर होने के बावजूद उन्हें दो वक्त की रोटी सही से नसीब नहीं होती थी।
Haryana: हरियाणा के चरखी-दादरी में एक बुजुर्ग दंपति ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। उनके इस कदम की वजह काफी परेशान कर देने वाली है। उनके अपनों ने ही उन्हें इस प्राणघातक कदम को उठाने के लिए मजबूर कर दिया। बुजुर्ग दंपति के परिवार के पास करोड़ी की संपत्ति और पोते के आईएएस अफसर होने के बावजूद उन्हें दो वक्त की रोटी सही से नसीब नहीं होती थी।
घटना बुधवार देर रात की है, जिसकी जानकारी पुलिस ने गुरूवार को दी। पुलिस ने बताया कि बुजुर्ग शख्स ने दम तोड़ने से पहले एक सुसाइड लेटर उन्हें सौंपा था, जिसमें उन्होंने विस्तृत रूप से अपने कलयुगी बेटे और बहूओं की करतूतों का जिक्र किया था। पुलिस ने लेटर का संज्ञान लेते हुए बुजुर्ग के परिवार के चार लोगों जिनमें उनका एक बेटा, दो बहू और भतीजा शामिल है, के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
बुधवार को बुजुर्ग दंपति ने खा लिया था जहर
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, जगदीश चंद्र और उनकी पत्नी भागली देवी ने बुधवार रात चरखी-दादरी के बाढ़ड़ा स्थित अपने घर पर जहरीला पदार्थ निगल लिया था। देर रात जब उनकी तबियत बिगड़ने लगी तो उन्होंने पुलिस को फोन कर इसकी जानकारी दी। इसके बाद बाढ़ड़ा थाने की पुलिस टीम उनके आवास पर पहुंची और दोनों पति – पत्नी को अस्पताल ले जाया गया।
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अस्पताल ले जाने से पहले उन्होंने पुलिस को सुसाइड नोट सौंपा। बुजुर्ग दंपति को पहले बाढड़ा के एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया। जब उनकी हालत ज्यादा क्रिटिकल होने लगी तो उन्हें दादरी सिविल अस्पताल भेजा गया। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर बॉडी परिवार को सौंप दी।
सुसाइड नोट में बयां की अपनी पीड़ा
बुजुर्ग जगदीश चंद्र ने सुसाइड नोट में विस्तार से बताया कि सबकुछ होने के बावजूद आखिर किस तरह उनके बेटे और बहूओं ने उन्हें प्रताड़ित किया। वो लिखते हैं – मेरे बेटों के पास बाढड़ा में 30 करोड़ की संपत्ति है। लेकिन उनके पास मुझे देने के लिए दो रोटी भी नहीं है। मैं अपने छोटे बेटे के पास रहता था। 6 साल पहले उसकी मौत हो गई थी। कुछ दिन तक उसकी पत्नी ने रोटी दी, फिर वो गलत काम करने लगी। उसने इसमें मेरे भतीजे को भी अपने साथ ले लिया।
बुजुर्ग ने आगे बताया कि जब उन्होंने इसका विरोध किया तो वो मेरे साथ गलत बर्ताव करने लगे। मैंने उनसे कहा कि तुम मेरे साथ रहते हुए ऐसे गलत काम नहीं कर सकते। इस पर उन्होंने हमारे साथ मारपीट शुरू कर दी और घर से निकाल दिया। मैं दो साल तक अनाथ आश्रम में रहा, इस दौरान मेरी पत्नी को लकवा मार गया। जब मैं वापस आया तो घर पर ताला जड़ा हुआ था। इसके बाद हम दोनों अपने बड़े बेटे वीरेंद्र आर्य के पास चले गए।
अपनी संपत्ति समाज के नाम कर दी दान
मृतक जगदीश चंद्र ने सुसाइड नोट में बताया कि बड़े बेटे और उसकी पत्नी ने भी उनके साथ बेहद घटिया बर्ताव किया। सबसे पहले तो उन्होंने अपने यहां रखने से ही मना कर दिया। वे मुझे खाने में बासी रोटी और खराब दही दिया करते थे। ये जहर कितने दिन तक खाता, इसलिए मैंने सल्फास की गोली खा ली। लेटर में स्पष्ट तौर पर उन्होंने अपनी मौत का कारण अपने बेटे, दोनों बहू और भतीजे को बताया। उन्होंने कहा कि जितने जुल्म इन्होंने मुझ पर किए उतना कोई संतान अपने माता-पिता पर न करे।
मृतक ने खत में सरकार और समाज से इन चारों को दंड देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इन्हें दंड मिलने के उपरांत ही उनकी आत्मा को शांति मिलेगी। जाते- जाते उन्होंने अपनी संपत्ति को लेकर भी चीजें स्पष्ट कर दीं। उन्होंने कहा कि मेरी जमा पूंजी बैंक में दो एफडी और बाढड़ा में दुकान है, जो उनके बेटों को देनी की बजाय आर्य समाज को दी जाए।
बुजुर्ग का पोता हरियाणा में है आईएएस
यह मामला हाईप्रोफाइल इसलिए हो गया है, क्योंकि मृतक जगदीश चंद्र 2021 बैच के हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी विवेक आर्य के दादा हैं। उनके दादा ने अपने सुसाइड लेटर में उन्हीं की मां और पिता पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसका संज्ञान लेते हुए पुलिस ने उनपर मामला दर्ज किया है। आईएएस विवेक के पिता का नाम वीरेंद्र आर्य है।