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Summer Diseases: गर्मी के मौसम में इन बिमारियों के हो सकते हैं आप शिकार, देखें लक्षण और उपाय
Summer Diseases: गर्मी (garmi se hone wali bimari) के मौसम में जल्दी थक जाना, पसीना आना और शरीर से पानी का अतिरिक्त निकास होना आम बातें होती हैं। यही वह मौसम है जिसे बिमारियों का घर भी कहा जाता है। गर्मी के मौसम में लू लग जाना आम बात है।
Summer Diseases: भारत में गर्मी का मौसम मार्च महीने से शुरू होता है। यह उत्तर भारत में ज्यादा गर्म रहता है, जबकि दक्षिण भारत में थोड़ी कम गर्मी होती है। उत्तर भारत में तापमान 45 डिग्री से भी ऊपर जाता है, जबकि दक्षिण भारत में तापमान 35 डिग्री तक होता है। गर्मी के मौसम में जल्दी थक जाना, पसीना आना और शरीर से पानी का अतिरिक्त निकास होना आम बातें होती हैं। यही वह मौसम है जिसे बिमारियों का घर भी कहा जाता है। गर्मी (garmi se hone wali bimari) के मौसम में लू लग जाना आम बात है। साथ ही सर्दियों से गर्मी में प्रवेश करते समय सर्दी, जुखाम, बुखार और फ्लू जैसी समस्याएं भी आदमी को जकड लेती हैं। इस मौसम में हमें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
गर्मी के मौसम में कुछ आम रोग होते हैं, जिनके मुख्य कारण उच्च तापमान, अधिक गर्मी और अधिक उमस से होते हैं। गर्मी में होने वाले कुछ रोग हैं-लू, अस्थमा, जुकाम और सर्दी और दस्त।
लू लगना (Loo)
"लू" कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक मौसम संबंधी घटना है जो गर्मी के महीनों के दौरान उत्तरी भारत और पाकिस्तान के मैदानी इलाकों में चलने वाली गर्म, शुष्क हवा को संदर्भित करती है। हालांकि, लू के कारण अत्यधिक गर्मी और निर्जलीकरण के संपर्क में आने से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे गर्मी का थकावट, हीटस्ट्रोक, निर्जलीकरण और श्वसन संबंधी समस्याएं। यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो ये स्थितियां गंभीर और जानलेवा भी हो सकती हैं, इसलिए लू के दौरान सावधानी बरतना और किसी भी लक्षण का अनुभव होने पर चिकित्सकीय ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
अस्थमा हो सकता है (Asthma)
अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए गर्मी एक चुनौतीपूर्ण मौसम हो सकता है। गर्मी, नमी और वायु प्रदूषण का उच्च स्तर अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है और सांस लेने में मुश्किल कर सकता है। इस मौसम में अस्थमा से पीड़ित लोगों को विशेष सावधानी बरतने चाहिए। रोगी को अपनी अस्थमा की दवाएं अपने चिकित्सक द्वारा बताए अनुसार लेनी चाहिए। दिन के सबसे गर्म समय में घर के अंदर रहना चाहिए। बाहरी गतिविधियों से बचें जो आपको भारी सांस लेने का कारण बन सकती हैं, जैसे दौड़ना, साइकिल चलाना या खेल खेलना। खूब पानी और अन्य तरल पदार्थ पीकर हाइड्रेटेड रहें, क्योंकि निर्जलीकरण से अस्थमा के लक्षण बिगड़ सकते हैं। वायु प्रदूषण और एलर्जी के संपर्क में आने से बचें, जैसे धूल, धुआं और पराग।
सर्दी और फ्लू (Cold and Flu)
सर्दी और फ्लू वायरल संक्रमण हैं जो गर्मी सहित किसी भी मौसम में हो सकते हैं। गर्मियों में सर्दी और फ्लू के लक्षण सर्दियों के समान ही होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
खाँसी
भीड़
बहती या भरी हुई नाक
गला खराब होना
सिर दर्द
शरीर में दर्द
थकान
बुखार
गर्मियों में सर्दी और फ्लू के लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए पानी, जूस और हर्बल चाय जैसे बहुत सारे तरल पदार्थ पीकर आराम करें और हाइड्रेटेड रहें। धूम्रपान और सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने से बचें, क्योंकि इससे लक्षण बिगड़ सकते हैं और ठीक होने में देरी हो सकती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एंटीबायोटिक्स सर्दी और फ्लू जैसे वायरल संक्रमणों के इलाज में प्रभावी नहीं हैं, और केवल जीवाणु संक्रमण मौजूद होने पर ही इसका उपयोग किया जाना चाहिए। अधिकांश लोग आराम, जलयोजन और लक्षण प्रबंधन के साथ एक या दो सप्ताह में सर्दी और फ्लू से ठीक हो जाते हैं।
दस्त (Diarrhea)
गर्मियों में दस्त एक आम समस्या होती है, जिसमें अतिरिक्त गर्मी के कारण आपके शरीर से ज्यादा वसा और तरल पदार्थ निकलते हैं। इससे आप देह्य तरलता का सामना करते हुए थकान, दुर्बलता और तंदुरुस्ती की कमी का अनुभव कर सकते हैं।
यदि आप गर्मी में दस्त से पीड़ित हैं, तो यहां कुछ उपाय हैं जो इस समस्या को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं:
प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं ताकि आप अधिकतम तरलता बनाए रख सकें।
सुबह खाली पेट गुड़ और दही का सेवन करें।
ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें जो पाचन को सहज बनाए रखते हैं।
ताजी लस्सी, नारियल पानी और अन्य शीतल तरल पदार्थों का सेवन करें।
तीखे, मसालेदार और तली हुई चीजें खाना अवश्य बंद कर दें।
हाइड्रेटेड इलेक्ट्रोलाइट सलाहकार सॉल्यूशन का सेवन करें, जो शरीर के तरलता को बनाए रखता है।
दस्त के लिए दवाओं का सेवन करें, जो विशेषज्ञ या डॉक्टर द्वारा सुझाये गए हों।
फ़ूड पॉइज़निंग (Food Poisoning)
गर्मी के महीनों में गर्म मौसम और भोजन की अनुचित देखभाल के कारण फ़ूड पॉइज़निंग एक आम समस्या हो सकती है। यह दूषित भोजन या पेय के सेवन के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप मतली, उल्टी, दस्त, पेट में ऐंठन और बुखार जैसे लक्षण हो सकते हैं। गर्मियों के दौरान फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए आपको भोजन से पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लेना चाहिए। कच्चे मांस, पोल्ट्री और सीफूड के लिए अलग-अलग कटिंग बोर्ड का उपयोग करके क्रॉस-संदूषण से बचें। ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें जिन्हें धूप में या कमरे के तापमान पर बहुत अधिक समय के लिए छोड़ दिया गया हो। हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब पानी पिएं और आपके शरीर में मौजूद किसी भी विषाक्त पदार्थ को बाहर निकाल दें। यदि आप खाद्य विषाक्तता के लक्षणों का अनुभव करते हैं, जैसे कि मतली, उल्टी या दस्त, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।