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10 सेकेंड तक सांस रोक लिया तो नहीं होंगे आप कोरोना के शिकार! जानें सच
क्या 10 सेकेंड या उससे ज़्यादा देर तक बिना तकलीफ के सांस रोक लेने से शरीर में कोरोना वायरस का पता चल सकता है?
क्या 10 सेकेंड या उससे ज़्यादा देर तक बिना तकलीफ के सांस रोक (control Breath) लेने से शरीर में कोरोना वायरस (coronavirus) का पता चल सकता है? तो क्या अब कोरोना वायरस की टेस्टिंग (coronavirus testing) के लिए अस्पतालों और सेंटर्स पर लाइन लगने से छुटकारा मिल जाएगा? अब घर बैठे कोरोना वायरस का शरीर में खुद से पता लगाया जा सकता है? जानें तेज़ी से सोशल मीडिया (Social Media ) पर वायरल हो रहे इस खबर का सच।
दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। वैक्सीन आने के बावजूद भारत सरकार समय समय पर दिशा निर्देशों के पालन को लेकर ऐडवाइज़री जारी कर रही है। देश में फैली नई लहर तेज़ी से पैर पसार रही है, ऐसे में ये ज़रूरी है कि लोग दिशा निर्देशों के पालन को गंभीरता से लें और साथ ही फर्ज़ी खबरों और अफवाहों से भी दूर रहें।
सोशल मीडिया पर एक खबर तेज़ी से वायरल हो रही है जिसमें कोरोना वायरस का शरीर में पता लगाने का तरीका बताया जा रहा है। इसमें लिखा है, "अगर आप बिना किसी तकलीफ के 10 सेकेंड या उससे ज़्यादा देर तक सांस रोक सकते हैं तो आपमें कोरोना वायरस नहीं है।"
डॉक्टर ने बताया पूरा सच
इस खबर पर देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने ट्वीट किया है, "गलत या अधूरी जानकारी वायरस के पता लगाने और उससे उबरने की प्रक्रिया में देरी कर सकती है! किसी भी कोरोना वायरस के लक्षणों के मामले में चिकित्सक की सलाह लें और जांच करवाएं।" डॉ हर्ष वर्धन द्वारा शेयर की गई तस्वीर में लिखा है, "ये कोई प्रामाणिक
पैमाना नहीं है, अगर आपमें कोरोना वायरस के लक्षण हैं तो कृपया कर के टेस्ट करवाएं।" गौरतलब है कि देशभर में 18 साल या उससे अधिक उम्र के लोग 1 मई से कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवा सकेंगे। इससे पहले कोरोना वायरस की वैक्सीन केवल 45 या उससे अधिक उम्र के लोगों को लगाई जा रही थी।