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2019: अंतरराष्ट्रीय स्वदेशी भाषाओं का वर्ष

आज वर्ष 2018 की विदाई की बेला में जबकि हम नए वर्ष के स्वागत के लिए नए संकल्प ले रहे हैं। पूरे एक साल का लेखा जोखा रख रहे हैं। हमें यह भी जानना चाहिए कि आम प्रथा के विपरीत, संयुक्त राष्ट्र ने 2018 को किसी भी विशिष्ट विषय के लिए अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित नहीं किया था।

Dharmendra kumar
Published on: 30 Dec 2018 2:31 PM GMT
2019: अंतरराष्ट्रीय स्वदेशी भाषाओं का वर्ष
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रामकृष्ण वाजपेयी

लखनऊ: आज वर्ष 2018 की विदाई की बेला में जबकि हम नए वर्ष के स्वागत के लिए नए संकल्प ले रहे हैं। पूरे एक साल का लेखा जोखा रख रहे हैं। हमें यह भी जानना चाहिए कि आम प्रथा के विपरीत, संयुक्त राष्ट्र ने 2018 को किसी भी विशिष्ट विषय के लिए अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित नहीं किया था।

लेकिन 2019 पूरी दुनिया में स्वदेशी लोगों की भाषाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2019 को स्वदेशी भाषाओं का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है। संयुक्त राष्ट्र को बढ़ावा देने के लिए कई देश वैश्विक और स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

स्वदेशी लोगों के अधिकार

संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 19 दिसंबर 2016 को अपनाए गए एक प्रस्ताव में, 2019 को अंतरराष्ट्रीय स्वदेशी भाषाओं के साल के रूप में घोषित किया गया था।

लगभग 7000 भाषाएं

एथनोलॉग कहता है कि आज दुनिया में 7000 से अधिक भाषाएँ बोली जाती हैं। इनमें से लगभग एक तिहाई लुप्तप्राय हैं, जिनमें 1000 से कम के बोलने वाले शेष हैं। दुनिया की आधी से अधिक आबादी केवल 23 भाषाएं बोलती है।

हर दो सप्ताह में एक गायब हो जाती है

यूनेस्को के अनुसार, पिछली सदी में लगभग 600 भाषाएं गायब हो गई हैं, और वे हर दो सप्ताह में एक भाषा की दर से गायब होती रहती हैं। यदि वर्तमान रुझान जारी रहा तो इस सदी के अंत से पहले दुनिया की 90 प्रतिशत भाषाओं के गायब होने की संभावना है।

आग्रह की जरूरत है

2019 को स्वदेशी भाषाओं का वर्ष घोषित करने के पीछे इसका उद्देश्य "स्वदेशी भाषाओं के महत्वपूर्ण नुकसान की ओर ध्यान आकर्षित करना है और स्वदेशी भाषाओं को संरक्षित, पुनर्जीवित करने और बढ़ावा देने और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता पर बल देना है।"

19 दिसंबर 2016 को अपनाए गए प्रस्ताव में, यूएन ने "विशेष रूप से स्वदेशी भाषाओं, और खास स्वदेशी भाषाओं के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की, और कहा कि निरंतर प्रयासों के बावजूद, लुप्तप्राय भाषाओं को संरक्षित, बढ़ावा और पुनर्जीवित करने की तत्काल आवश्यकता है।"

संकल्प में, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राष्ट्रों की प्रतिबद्धता को मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकास नीतियों और कार्यक्रमों में स्वदेशी लोगों के अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण को मुख्यधारा में लाया जा सके।

आइए हम आपको बताते हैं कि विश्व में बोली जाने वाली दस प्रमुख भाषाएं कौन सी हैं

मंदारिन भाषा

हर किसी को लगता है कि अंग्रेजी और स्पेनिश भाषा पूरे विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। वास्तव में अंग्रेजी को बोलने वाले लोगों की संख्या चीन की मंदारिन भाषा से बहुत कम है। कुल आंकड़ों में अगर बात की जाए तो यह भाषा एक अरब से ज्यादा लोग बोलते हैं।

स्पेनिश भाषा

अंग्रेजी की तरह स्पेनिश भाषा भी काफी देशों में प्रचलित है। मध्य अमेरिका, कनाडा़, स्पेन, यूरोपीय देशों एवं दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में स्पेनिश सबसे ज्यादा बोली जाती है ।

अंग्रेजी

अंग्रेजी भाषा पूरे विश्व में अपनी पकड़ बना चुकी है मूल रूप से यह भाषा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में बोली जाती है। लेकिन लगभग पूरे विश्व में 508 मिलियन लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं यह दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से है।

हिंदी भाषा

यह भाषा दुनिया में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषाओं में चौथे स्थान पर आती है। इस भाषा को पूरे विश्व में 80 करोड लोग समझ सकते हैं। हिंदुस्तान में लगभग 45 करोड़ लोग हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं।

रूसी भाषा

वैसे तो रूस क्षेत्रफल की दृष्टि में सबसे बड़ा देश है, रूस की जनसंख्या 14.3 करोड़ है। लेकिन रशियन लैंग्वेज बोलने वाले लोगों की संख्या 20 करोड़ से ज्यादा है। रशिया की इस भाषा को पोलैंड, चेकोस्लोवाकिया, बेलारूस, कजाकिस्तान में भी बोला जाता है।

अरेबिक भाषा

यह भाषा की सूची में छठे स्थान पर आती है। यह भाषा सऊदी अरब, कुवैत, यूएई ओमान, यमन, बहरीन, सीरिया, जॉर्डन, लेबनान, इराक और इजिप्ट में बोली जाती है इस भाषा को बोलने वाले लोगों की संख्या 246 मिलियन है।

बंगाली भाषा

बंगाली सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर के कई देशों में बोली जाती है। बंगाली ब्रिटेन, यूरोपीय गणराज्य में भी बोली जाती है इस भाषा को बोलने वाले लोगों की संख्या 211 मिलियन है और इस सूची में यह भाषा सातवें स्थान पर आती है।

पोर्तुगीज भाषा

यह भाषा पुर्तगाल में सर्वाधिक तौर पर बोली जाती है। इस भाषा को पूरे विश्व में 19 करोड लोग बोलते हैं। पुर्तगाल के अलावा यह भाषा ब्राजील, अंगोला, वेनेजुएला, मोजांबिक आदि देशों में बोली जाती है। इस सूची में इस भाषा का आठवां स्थान है।

मलय इंडोनेशियन

भारत के दक्षिण पूर्व में स्थित आसियान देशों में मलय भाषा सबसे ज्यादा बोली जाती है। इस भाषा को प्रमुख तौर पर मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, ब्रुनेई में बोला जाता है इस भाषा का इस सूची में 9वां स्थान है।

फ्रेंच भाषा

यह भाषा पूरे विश्व में कई लोगों द्वारा बोली जाती है और इसका स्थान इस सूची में दसवां है। यह भाषा मुख्य तौर पर फ्रांस, बेल्जियम, कनाडा, कैमरून में सर्वाधिक तौर पर बोली जाती है।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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