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Health News: सही आहार से हो सकता है एक्यूट किडनी इंजरी का बचाव
Health News: एक्यूट किडनी इंजरी मस्तिष्क, हृदय और फेफड़ों जैसे अंगों को प्रभावित कर सकता है।
Health News: एक्यूट किडनी इंजरी (AKI) को एक्यूट रेनल फेल्योर (ARF) के नाम से भी जाना जाता है।इसमें कुछ घंटों या कुछ दिनों के भीतर किडनी फेलियर (kidney failure ) या अचानक किडनी की क्षति हो जाती है। बता दें कि एक्यूट किडनी इंजरी(AKI) ब्लड में गंदगी का निर्माण करता है जिससे किडनी के लिए शरीर में लिक्विड का सही संतुलन बनाए रखना कठिन हो जाता है।
इतना ही नहीं एक्यूट किडनी इंजरी (acute kidney injury) मस्तिष्क, हृदय और फेफड़ों जैसे अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।गौरतलब है कि जो रोगी विशेष रूप से वृद्ध लंबे समय से अस्पताल में हैं, या इंटेंसिव केयर में हैं उनकों यह रोग होने की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाती है।वयस्कों में भी एक्यूट किडनी इंजरी (AKI) होना एक गंभीर समस्या है।
एक्यूट किडनी इंजरी (AKI) के विशेष लक्षण
बता दें कि शरीर से बहुत कम पेशाब निकलना, पैरों, टखनों और आंखों के आसपास सूजन, थकान, सांस लेने में परेशानी, भ्रम की स्थिति, मतली, गंभीर मामलों में दौरेसीने में दर्द या दबाव एक्यूट किडनी इंजरी (AKI) के विशेष लक्षण होते हैं।
गौरतलब है कि एक्यूट किडनी फेल्योर (acute kidney injury ) में दोनों किडनी की कार्यक्षमता अल्प अवधि में थोड़े दिनों के लिए कम हो जाती है । पेशाब कम होना या बंद हो जाना। चेहरे, पैर और शरीर में सूजन होना, साँस फूलना, ब्लडप्रेशर का बढ़ जाना । दस्त-उलटी, अत्यधिक रक्तस्त्राव, खून की कमी, तेज बुखार आदि किडनी फेल्योर के कारण भी हो सकते हैं।
शरीर में ब्लड फ्लो में कमी हो जाना एक्यूट किडनी इंजरी के होने के कुछ प्रमुख कारण हैं। बता दें कि कुछ बीमारियां और स्थितियां भी किडनी में रक्त बहाव (blood flow ) को धीमा कर सकती हैं जो एक्यूट किडनी इंजरी (AKI) का कारण बन जाती हैं। इनमें लो ब्लड प्रेशर ,रक्तस्राव, गंभीर दस्त, दिल का दौरा, हार्ट फेल्योर, ऑर्गन फेल्योर, दर्द निवारक दवाओं का अत्यधिक उपयोग,( जिनका उपयोग सूजन को कम करने या सिरदर्द के लिए किया जाता है ), सर्दी, फ्लू और अन्य बीमारियों शामिल हैं।
- - कई बार कुछ बीमारियां और स्थितियां भी किडनी को सीधा नुकसान पहुंचा सकती हैं जो एक्यूट किडनी इंजरी (AKI) का कारण बन जाता है। जिनमें "सेप्सिस" या मल्टीपल मायलोमा कैंसर की एक दुर्लभ स्थिति है जो रक्त वाहिकाओं में सूजन और निशान का कारण बनती है। जिससे वे कठोर, कमजोर और संकीर्ण हो जाती हैं। इतना ही नहीं कुछ प्रकार की दवाओं से एलर्जी की प्रतिक्रिया, बीमारियों का एक समूह जो आपके आंतरिक अंगों को सहारा देने वाले संयोजी ऊतक को प्रभावित कर सकता है भी शामिल है।
- - इसके अलावा कुछ लोगों में बीमारियां शरीर से मूत्र के मार्ग को अवरुद्ध कर एक्यूट किडनी इंजरी (AKI)को जन्म दे सकती है। ये रुकावट मूत्राशय, प्रोस्टेट, या गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर, तंत्रिका तंत्र की समस्याएं जो मूत्राशय और पेशाब को प्रभावित करती हैं, इसके अलावा पथरीमूत्र पथ में रक्त के थक्के जम जाने के कारण हो सकते हैं।
किडनी को स्वस्थ रखना
वैसे तो आमतौर पर एक्यूट किडनी इंजरी के उपचार के लिए अस्पताल में ही रहने की जरूरत होती है। गौरतलब है कि किडनी की गंभीर चोट वाले ज्यादातर लोग पहले से ही किसी अन्य कारण से अस्पताल में होते हैं। अस्पताल में रोगी के रहने की अवधि रहेंगे एकेआई के कारणों और किडनी से ठीक से function करने पर निर्भर करता है। बता दें कि कई अधिक गंभीर मामलों में किडनी के ठीक होने तक किडनी के कार्य को बदलने में मदद करने के लिए डायलिसिस तक की जरूरत भी पड़ सकती है।
एक शोध में यह बात सामने आयी है कि एक्यूट किडनी इंजरी (AKI) से बचने के लिए सबसे जरुरी है कि अपनी किडनी को स्वस्थ रखना । जिसका सबसे आसान और सरल तरीका भरपूर पानी पीना। विशेषकर गर्म पानी का सेवन करने से गुर्दे को शरीर से सोडियम, यूरिया और विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद मिलती है। इसके अलावा कम सोडियम या नमक वाले आहार को अपने आहार में शामिल करना भी एक्यूट किडनी इंजरी( AKI )से बचने में मदद करता है। बता दें कि खाने में सोडियम या नमक के सेवन को नियंत्रण में रख कर किडनी की समस्या से बचा जा सकता है।