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हो जाएं सावधान! वायु प्रदूषण का दिल पर हो रहा हानिकारक असर, रिसर्च में किया गया दावा
Air Pollution: वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि क्रोनिक किडनी डिजीज के साथ हाई बीपी के पीड़ित मरीजोंं में Glacitin-3 के लेवल में वृद्धि का सीधा संबंध Air Pollution से होता है।
Air Pollution: दिल्ली, पंजाब, हरियाणा जैसे कई उत्तर भारत राज्यों और उसके आसपास के हिस्सों में दिवाली और उसके बाद हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में दर्ज की जाती रही है। पराली और दिवाली में बैन किए जाने के बाद भी पटाखों का जलाना हवा की क्वालिटी को इस कदर बिगाड़ देते हैं कि हवा में सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है। न केवल बुजुर्गों, दमा और दिल की बीमारियों के मरीजों बल्कि सामान्य इंसान को भी सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
दिल पर भी पड़ता है वायु प्रदूषण का असर
सभी जानते हैं कि इस खराब गुणवत्ता वाली हवा का फेफड़ों पर कितना बुरा असर होता है। लेकिन इस बीच एक ताजा स्टडी में दावा किया गया है कि वायु प्रदूषण (Air Pollution) का हानिकारक असर हाई ब्लड प्रेशर और किडनी की बीमारी से ग्रस्त लोगों के हार्ट पर भी पड़ सकता है। वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि क्रोनिक किडनी डिजीज (Chronic Kidney Disease) के साथ हाई बीपी के पीड़ित मरीजोंं में Glacitin-3 के लेवल में वृद्धि का सीधा संबंध Air Pollution से होता है।
इस हालिया शोध के नतीजों को अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (ASN) किडनी वीक-2021 में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया है। इस रिसर्च के मुख्य लेखक हफसा तारिक ने शोध के बारे में बताते हुए कहा कि Air Pollution का सीधा संबंध व्यक्तियों में क्रॉनिक किडनी डिजीज के साथ मायोकार्डियल फाइब्रोसिस से होता है। साथ ही तारिक ने यह भी कहा कि वायु प्रदूषण को कम करने से CKD में दिल से संबंधित बीमारियों को कम किया जा सकेगा। इस स्टडी को 1,019 लोगों पर दो साल तक किया गया है।
कब होती है मायोकार्डियल फाइब्रोसिस की स्थिति?
जब दिल की फाइब्रोब्लास्ट (Fibroblast) नामक कोशिका कोलेजेनेस स्कार टिशू पैदा करने लगती हैं, तब मायोकार्डियल फाइब्रोसिस होता है। इससे दिल की गति रुकने और मौत होने तक की संभावना रहती है।
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