TRENDING TAGS :
Arthritis Pain: अपने ही शरीर के फैट से अर्थराइटिस उंगलियों का इलाज
Arthritis Pain: 2014 और मई 2015 के बीच 18 रोगियों के बीच 28 उंगलियों के जोड़ों में प्रक्रिया की गई।
Arthritis Pain: लिपोसक्शन का उपयोग आमतौर पर पेट को समतल करने या हिप्स को आकर्षक आकार देने के लिए किया जाता है। लेकिन एक नए अध्ययन से पता चला है कि यह प्रक्रिया उंगलियों के गठिया से पीड़ित लोगों की भी मदद कर सकती है।
जर्मन शोधकर्ताओं ने प्लास्टिक एंड रिकन्सट्रक्टिव सर्जरी पत्रिका में अपनी स्टडी रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें बताया गया है कि आर्थराइटिस वाली उंगलियों के जोड़ों में शरीर के फैट के इंजेक्शन से मूवमेंट में महत्वपूर्ण और स्थायी सुधार और दर्द में कमी आती है।इस प्रायोगिक प्रक्रिया से गुजरने वाले लोगों ने बताया कि तीन से चार साल बाद उनकी उंगली के गठिया के दर्द औसतन आधा रह गया था।
जर्मनी में ल्यूडेन्सचीड क्लिनिक के एक प्लास्टिक सर्जन, प्रमुख शोधकर्ता डॉ मैक्स मेयर-मार्कोटी ने कहा - यह हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण परिणाम था। लगभग चार वर्षों के बाद भी दर्द का स्तर 6 से 0.5 तक चले जाना वास्तव में आश्चर्यजनक है।
फिंगर ऑस्टियोआर्थराइटिस शरीर के सामान्य ह्रास के परिणामस्वरूप होता है। उम्र के साथ उंगलियों के जोड़ों में स्थित कार्टिलेज टूट जाती है और खराब हो जाती है, जिससे हड्डियों के सिरे आपस में रगड़ने लगते हैं। इससे उंगलियों में दर्द और अकड़न होती है।
मेयर-मार्कोटी और उनके सहयोगियों ने इस गैर-सर्जिकल प्रक्रिया का सबसे पहले प्रयास किया था। उन्होंने 2014 में इसको शुरू किया था। वे रोगी की जांघों या नितंबों से वसा खींचने के लिए लिपोसक्शन का उपयोग करते हैं, और फिर इसे एक सेंट्रीफ्यूज में घुमाते हैं ताकि शुद्ध वसा को पानी, तेल और रक्त से अलग किया जा सके। मेयर-मार्कोटी ने कहा कि फैट भरे सीरिंज को उचित स्थानों पर पहुंचाने के लिए एक्स-रे मॉनिटर का उपयोग किया जाता है। फिर रोगी के दर्द वाले जोड़ों में वसा की छोटी मात्रा को इंजेक्ट किया जाता है। इस प्रक्रिया को लिपोफिलिंग कहा जाता है।
इस प्रक्रिया में न कोई टांके लगते हैं, न कोई घाव होता है। जहां इंजेक्शन घुसाया जाता है बस उस स्थान पर एक बैंड-एड लगाते हैं। और संबंधित उंगलियों को एक सप्ताह के लिए सीधा रखा जाता है। रोगी को सलाह दी जाती है कि वह हफ्ते भर बाद उंगलियों को सीधा रखने वाली पट्टी को हटा दें और अगले दो से तीन सप्ताह तक बिना तनाव के उंगलियों के मूवमेंट शुरू करें। चार सप्ताह में रोगी उपचारित उंगलियों का सामान्य उपयोग करने में सक्षम हो जाता है।
नई स्टडी के अनुसार पायलट अध्ययन के हिस्से के रूप में दिसंबर 2014 और मई 2015 के बीच इलाज किए गए 18 रोगियों के बीच 28 उंगलियों के जोड़ों में प्रक्रिया की गई। इन प्रतिभागियों ने दर्द में बड़ी कमी की सूचना दी, और अपनी मुट्ठी बंद करने और उंगलियों को एक साथ मोड़कर वस्तुओं को पकड़ने की क्षमता में सुधार भी देखा गया। शोधकर्ताओं ने बताया कि प्रक्रिया के परिणामस्वरूप रोगियों को कोई संक्रमण या अन्य जटिलताएं नहीं हुईं।लेकिन मेयर-मार्कोटी ने उल्लेख किया कि सभी रोगियों को लिपोफिलिंग से राहत का अनुभव नहीं हुआ।
उन्होंने कहा - हमारे पास ऐसे मरीज हैं जिन्हें पहले हफ्ते से कम या ज्यादा फायदा हुआ है।' ऐसे मरीज भी हैं जिन्हें दो या तीन महीने तक कोई सुधार नहीं दिखा और फिर उनमें सुधार होने लगा। और हमारे पास ऐसे मरीज हैं जिनमें बिल्कुल भी सुधार नहीं हुआ है।
वसा केवल जोड़ों को चिकनाई देता है
शोधकर्ता यह भी सुनिश्चित नहीं कर सके हैं कि राहत कितने समय तक चलती है, और एक मरीज को कितनी बार यह प्रक्रिया दोहराने की आवश्यकता हो सकती है। मेयर-मार्कोटी ने कहा कि बार-बार इंजेक्शन भी लगाए गए हैं, लेकिन ज्यादातर में यह एक बार का इलाज रहा है। यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि प्रक्रिया कुछ रोगियों की मदद क्यों करती है।
मेयर-मार्कोटी का कहना है कि यह हो सकता है कि वसा केवल जोड़ों को चिकनाई देता है ताकि वे अधिक सुचारू रूप से काम करें, लेकिन यह भी हो सकता है कि वसा में स्टेम कोशिकाएं या तो खराब हो चुके कार्टिलेज के उपचार को प्रेरित करती हैं या जोड़ों में सूजन को कम करती हैं।
और भी हुये हैं प्रयोग
न्यूयॉर्क सिटी के ऑर्थोपेडिक सर्जरी के एक सहयोगी प्रोफेसर डॉ जैक्स हैकबॉर्ड ने कहा है जोड़ों की समस्याओं के इलाज के लिए शरीर में वसा के उपयोग की जांच वे भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा - हमने वास्तव में गठिया के लिए नहीं बल्कि टेनिस एल्बो के लिए खुद एक अध्ययन करना शुरू कर दिया है। फैट से निकाली गई स्टेम कोशिकाओं की अवधारणा कुछ ऐसी है जिसे देखा और इस्तेमाल किया गया है। हैकबॉर्ड ने ये भी कहा कि ये प्रक्रिया महंगी है और बीमा द्वारा कवर नहीं है। उन्होंने कहा कि गठिया के जोड़ों में स्टेरॉयड इंजेक्शन सस्ते, आसान और प्रभावी होते हैं।
दूसरी ओर, फिंगर जॉइंट आर्थराइटिस के लिए सर्जिकल विकल्पों की तुलना में लिपोफिलिंग बहुत आसान, सस्ता और गैर-आक्रामक है, हैकबॉर्ड ने कहा। सर्जिकल विकल्पों में जोड़ को जोड़ना या बदलना, या शरीर के अन्य हिस्सों से अंगुलियों तक टेंडन को स्थानांतरित करना शामिल है।