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Artificial Sweetener Causing Cancer: आर्टिफीसियल स्वीटनर के इस्तेमाल से बढ़ रहा कैंसर का खतरा, डब्लयूएचओ ने दी चेतावनी
Artificial Sweetener Causing Cancer: डब्लयूएचओ की लेटेस्ट रिपोर्ट ने इन आर्टिफीसियल स्वीटनर के बढ़ते इस्तेमाल पर चिंता जताई है। अर्टिफिकल स्वीटनर का प्रतिदिन इस्तेमाल आपके शरीर में तमाम बीमारियां पैदा कर रहा है जैसे कैंसर।
Artificial Sweetener Causing Cancer: पूरी दुनिया में लोग आर्टिफीसियल स्वीटनर का तेज़ी से इस्तेमाल कर रहे है। डाइबिटीज़ से पीड़ित व्यक्ति हो या साधारण व्यक्ति सभी इन आर्टिफीसियल स्वीटनर का प्रतिदिन प्रयोग कर रहे हैं। सभी का मानना है की चीनी के रोज़ाना उपयोग से आपका शुगर लेवल बढ़ेगा और आप डायबिटीज के शिकार हो जायेगे। डायबिटीज़ के खतरें से बचने के लिए लोग चीनी के बदले बाज़ार में तेज़ी से बिक रहें आर्टिफीसियल स्वीटनर और शुगर फ्री टेबलेट्स का इस्तेमाल करते हैं। डब्लयूएचओ की लेटेस्ट रिपोर्ट ने इन आर्टिफीसियल स्वीटनर के बढ़ते इस्तेमाल पर चिंता जताई है। अर्टिफिकल स्वीटनर का प्रतिदिन इस्तेमाल आपके शरीर में तमाम बीमारियां पैदा कर रहा है जैसे कैंसर।
क्या है आर्टिफीसियल स्वीटनर?
आर्टिफीसियल स्वीटनर वे तत्व होते है जो मिठास के स्थान पर उपयोग होते हैं। ये मिठाई के उपयोग को कम करने का एक विकल्प होते हैं और विभिन्न प्रकार की खाद्य पदार्थों, पेय पदार्थों, और बेकरी उत्पादों में उपयोग होते हैं। इनमें शुगर से कहीं ज्यादा मिठास होती है लेकिन उनकी कैलोरी संख्या काफी कम होती है। कुछ आर्टिफिशियल स्वीटनर की उपयोगिता डायबिटीज, मोटापा या मधुमेह जैसी बीमारियों के नियंत्रण में भी होती है।
इसमें सबसे आम आर्टिफिशियल स्वीटनर शामिल हैं:
सक्रिन (Sacharine)
आस्पार्टेम (Aspartame)
सुक्रालोज (Sucralose)
स्टीविया (Stevia)
एसेसुल्फेम पोटैसियम (Acesulfame Potassium)
नेविलोज (Neotame)
मॉनोसोडियम ग्लूकोनेट (Monosodium Glutamate)
लक्टोस (Lactose)
एथिल माल्टॉल (Ethyl मालतोल)
आर्टिफीसियल स्वीटनर पर डब्लयूएचओ का कहना
कोल्ड्रिंक,च्युइंग गम और अन्य खाद्य पदार्थो में आर्टिफीसियल स्वीटनर का तेज़ी से प्रयोग हो रहा है। इन खाद्य पदार्थो में आर्टिफीसियल स्वीटनर एस्पारटरेम का प्रयोग होता है। सभी को लगता है की इन आर्टिफीसियल स्वीटनर में चीनी की मात्रा कम होती है तो सभी इसका इस्तेमाल करने से बिल्कुल नहीं घबराते। डब्ल्यूएचओ की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार यह आर्टिफीसियल स्वीटनर कैंसर सेल्स को शरीर में बढ़ाते हैं। डायबिटिक या नॉन- डायबिटिक सभी लोग जो प्रतिदिन आर्टिफीसियल स्वीटनर का इस्तेमाल करते है उनके लिए यह एक खतरे की घंटी है।
डायबिटीज में कितना है आर्टिफीसियल स्वीटनर लेना सुरक्षित
डॉ हर्षवर्धन आत्रे कैंसर रोग विशेषज्ञ मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ कहते हैं लोगों को यह भ्रम होता है की चीनी की जगह आर्टिफीसियल स्वीटनर या शुगर फ्री के इस्तेमाल से उन्हें चीनी की मिठास मिलेगी और डायबिटीज भी कंट्रोल रहेगी। किसी को भी यह नहीं मालूम है की प्रतिदिन इन आर्टिफीसियल स्वीटनर के इस्तेमाल से व्यक्तियों के शरीर में कैंसर बढ़ाने वाले सेल्स पैदा होते है जो आपके शरीर के लिए बहुत खतरनाक साबित होते हैं। आर्टिफीसियल स्वीटनर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक पायी जाती है। सलाह के अनुसार सभी आर्टिफीसियल स्वीटनर को छोड़कर कार्बोहाइड्रेट रिच फ़ूड का सेवन करे जिससे आपको चीनी की मात्रा भी प्रतिदिन मिलेगी और शरीर को भी कोई नुक्सान नहीं होगा। अगर आर्टिफीसियल स्वीटनर लेना है तो कम मात्रा में और रोज़ाना न लें।
आर्टिफीसियल स्वीटनर के नुक्सान
1) आर्टिफीसियल स्वीटनर शरीर का वज़न बढ़ाते है। इसके इस्तेमाल से लोगों में मिठाई खाने की इच्छा बढ़ती है जिससे लोग अधिक मीठा खाते हैं और उनका वज़न बढ़ता है।
2) कुछ आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के सेवन से मेटाबोलिक संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि मधुमेह, हृदय रोग, और मोटापा।
3) कुछ लोगों को आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के सेवन से पाचन संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि उलटी, पेट में गैस, और पेट दर्द।
4) कुछ आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के उपयोग से हृदय संबंधित समस्याएं जैसे कि उच्च रक्तचाप, वृद्धि हो सकती हैं।
5) आर्टिफीसियल स्वीटनर के लगातार इस्तेमाल से कैंसर रोग पैदा करने वाली कोशिकाएं व्यक्ति के शरीर में बढ़ जाती है जिससे वह कैंसर रोग से पीड़ित हो जाता है।