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Ayurveda Side Effects: आयुर्वेद के भी हैं साइड इफेक्ट्स, रांची के प्रसिद्ध डॉक्टर बोले, आयुर्वेद में है अभी और शोध की जरुरत

Ayurveda Side Effects: पहले आपको ये समझना होगा कि आप आयुर्वेद को विज्ञान मानते हैं या नहीं। अगर विज्ञान नहीं मानते हैं तो ये पोस्ट आगे ना पढ़ें। और अगर विज्ञान मानते हैं तो इस बात को समझ कर आगे पढ़ें कि विज्ञान में भावनाओं की कोई जगह नहीं।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 25 Nov 2023 8:30 AM IST (Updated on: 25 Nov 2023 8:31 AM IST)
Ayurveda
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Ayurveda (Image: Social Media)

Ayurveda Side Effects: भारतीय पारम्परिक चिकित्सा में आयुर्वेद का महत्व किसी से छुपा नहीं है। "आयुर्वेद" शब्द संस्कृत से लिया गया है, जहाँ "आयुर्" का अर्थ जीवन है, और "वेद" का अर्थ ज्ञान या विज्ञान है। आयुर्वेद को अक्सर "जीवन का विज्ञान" या "जीवन जीने की कला" कहा जाता है क्योंकि यह स्वास्थ्य और कल्याण के लिए समग्र और संतुलित दृष्टिकोण के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है।

आयुर्वेद स्वास्थ्य के लिए समग्र और प्राकृतिक दृष्टिकोण प्रदान करता है, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आयुर्वेदिक प्रथाओं और उपचारों को योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सकों के मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए। चुकि आयुर्वेद में इलाज की प्राकृतिक तरीकों या जड़ी बूटियों से किया जाता है इसलिए ऐसा माना जाता है कि इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है।

इसी बात का खंडन करते हुए रांची के प्रसिद्ध डॉक्टर अनुज कुमार ने X पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा है कि दुनिया में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसका side effect नहीं है। हवा और पानी भी नहीं। सबसे सामान्य दवाई पैरासिटमोल भी नहीं और हल्दी और गिलोय भी नहीं। तो इस भ्रम में बिलकुल ना रहें की आयुर्वेदिक या होमियोपैथिक दवाइयों के साइड effect नहीं है।

रांची के Craniofacial Surgeon डॉ अनुज कुमार ने आज आयुर्वेद और स्वास्थ्य टॉपिक से एक पोस्ट शेयर किया है। उसमे वो लिखते हैं, पहले आपको ये समझना होगा कि आप आयुर्वेद को विज्ञान मानते हैं या नहीं। अगर विज्ञान नहीं मानते हैं तो ये पोस्ट आगे ना पढ़ें। और अगर विज्ञान मानते हैं तो इस बात को समझ कर आगे पढ़ें कि विज्ञान में भावनाओं की कोई जगह नहीं।

आयुर्वेद को बना दिया है भावना से जोड़ कर बाजार

डॉ कुमार लिखते हैं जितना मैंने समझा है दिक़्क़त आयुर्वेद से ज़्यादा आयुर्वेद को लोगों की भावनाओं से जोड़ कर बाज़ार बनाने वालों की है। दो मुख्य बातें हैं जो ज़्यादातर ऐसे लोग दावा करते हैं। पहला ये कि आयुर्वेद या अन्य alternative medicine system के side effect नहीं हैं। दूसरी ये कि इसमें wonder drug कि काफ़ी परिकल्पना है। अर्थात् आप ये एक चीज़ खाइये तो आपकी 10 बीमारियों से बच जाएँगे। ये दोनों दावे ग़लत हैं।

डॉ अनुज ने आगे लिखे है कि, दुनिया में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसका side effect नहीं है। हवा और पानी भी नहीं। सबसे सामान्य दवाई पैरासिटमोल भी नहीं और हल्दी और गिलोय भी नहीं। तो इस भ्रम में बिलकुल ना रहें की आयुर्वेदिक या होमियोपैथिक दवाइयों के साइड effect नहीं है।

दूसरा है ये दावा कि एक चीज़ें काफ़ी बीमारियों से आपको बचाती है। हर बीमारी कि अलग pathophysiology है और हर दवाई का भी एक specific तरीक़ा है काम करने का। जादुई छड़ी जैसी कोई चीज़ किसी भी विधि में नहीं। ना मॉडर्न मेडिसिन में है और ना किसी और medicine system में हो सकती है।

आयुर्वेद में है और शोध की आवश्यकता

अब आते हैं effectiveness पर। ये एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें रिसर्च की काफ़ी अवश्यकता है। और बिना रिसर्च के कुछ भी दावा करना ग़लत है। हो सकता है उसमें कई दावे सही साबित हो और कुछ ग़लत। विज्ञान में अल्बर्ट आइंस्टाइन भी ग़लत साबित हो चुके हैं। जब तक सही तरीक़े से रिसर्च ना हो तब तक पुरानी किताबों में लिखे नुस्ख़े की उपयोगिता नहीं है।

तो आयुर्वेद को धर्म से ना जोड़ें। उसे आस्था का विषय ना बनायें। कसौटियों पर कसेंगे तो वो निखरेगा। भावनाओं से जोड़ कर रखने से आप स्वास्थ्य का और आयुर्वेद, दोनों का नुक़सान करेंगे।

अंत में

1) सरकार आयुर्वेद को लेकर सही तरीक़े से रिसर्च करे। रिसर्च बिना किसी पूर्वाग्रह के, अच्छे तरीक़े से design कर किया जाए।

2) आयुर्वेदिक दवाइयों को भी अन्य दवाइयों की तरह रेगुलेशन में लाए और false claim करने पर कड़ी कारवाई करे।

3) आप अगर आयुर्वेद कि कुछ भी दवाई लेते हैं तो उससे होने वाले side effect की भी जानकारी रखें।



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Preeti Mishra

Preeti Mishra

Content Writer (Health and Tourism)

प्रीति मिश्रा, मीडिया इंडस्ट्री में 10 साल से ज्यादा का अनुभव है। डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी काम करने का तजुर्बा है। हेल्थ, लाइफस्टाइल, और टूरिज्म के साथ-साथ बिज़नेस पर भी कई वर्षों तक लिखा है। मेरा सफ़र दूरदर्शन से शुरू होकर DLA और हिंदुस्तान होते हुए न्यूजट्रैक तक पंहुचा है। मैं न्यूज़ट्रैक में ट्रेवल और टूरिज्म सेक्शन के साथ हेल्थ सेक्शन को लीड कर रही हैं।

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