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Mobile Phone Side Effects: क्या आपका बच्चा भी बिना फ़ोन लिए खाना नहीं खाता तो हो जाइये सावधान, हो सकते हैं घातक परिणाम

Bacho Ko Mobile Se Nuksan: अगर आपका बच्चा भी बिना मोबाइल या टीवी देखे खाना नहीं खाता तो जान लीजिये क्या होगा इसका असर, हो रही ये गंभीर बीमारी।

Shweta Srivastava
Published on: 5 Jan 2024 3:33 PM IST
Mobile Phone Side Effects on Kids
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Mobile Phone Side Effects on Kids (Image Credit-Social Media)

Bacho Ko Mobile Se Nuksan: आजकल माता पिता अपने कामों में काफी व्यस्त रहते हैं साथ ही वो अपनी सुविधा के लिए अपने बच्चों को मोबाइल फ़ोन पकड़ा देते हैं। धीरे धीरे ये उनकी आदत बन जाता है। खाना खाने से लेकर वो हर काम के लिए मोबाइल फ़ोन की ही मांग करने लगते हैं। लेकिन ये उनके लिए कितना खतरनाक है इसका पता शायद हर माता पिता को होता ही है लेकिन वो खुद को असहाय दिखाकर इसका दोष बच्चों को ही दे देते हैं लेकिन यकीन मानिये ये बस हम माता पिता पर ही निर्भर होता है। आइये जानते हैं खाना खाते समय बच्चों को फ़ोन देना कितना खतरनाक हो सकता है।

बिना मोबाइल खाना नहीं खाते आपके भी बच्चे

माता पिता की व्यस्तता की वजह से बच्चों का ज़्यादा से ज़्यादा समय मोबाइल फ़ोन के साथ ही बीतता है। ऐसे में बच्चे जब मोबाइल की ज़िद करते हैं तो हार कर माता पिता भी उन्हें मोबाइल फ़ोन दे देते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आज ही उनकी इस आदत तो छुड़ाने में जुट जाइये। वार्ना इसके बेहद घातक परिणाम हो सकते हैं। क्योंकि इससे उन्हें इस नन्ही सी उम्र में मायोपिया (Myopia) जैसी बेहद खतरनाक बीमारी हो सकती है। जिसकी वजह से उनकी आँखों की रोशनी पर काफी असर पड़ रहा है। इसीलिये बच्चों के कुछ खाते समय या रोते समय उन्हें मोबाइल फ़ोन से बचें।

कितनी घातक है मायोपिया

मायोपिया एक ऐसी बीमारी है जिससे बच्चों को आंखों से जुड़ी समस्या हो जाती है। जिसकी वजह से उन्हें देखने में दिक्कत होने लगती है। इसकी वजह से उन्हें दूर की चीज़ें देखने में दिक्कत होने लगती है वो दूर की चीज़ो पर फोकस नहीं कर पाते हैं और उनकी आँखों की रोशनी को काफी ज़्यादा नुकसान पहुँचता है। जिसके बाद उन्हें धुंधला नजर आने लगता है। छोटी सी उम्र में बच्चों में ये समस्या देखने को मिलती है। वैसे 15 साल की उम्र के बाद ये दिक्कत ठीक भी हो सकती है। आइये जानते हैं मायोपिया के लक्षण क्या है।

  • देखने के लिए आंखों पर जोर लगाना
  • बार-बार पलकें झपकाना
  • सिर दर्द
  • आंखों में दर्द और जलन की समस्या
  • दूर का कुछ भी धुंधला दिखना, पास की चीजे ज्यादा पास नजर आना.

मायोपिया से बचने के उपाय

स्क्रीन टाइम को करें लिमिटेड

बच्चों में मायोपिया की समस्या न हो इसके लिए उन्हें मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर देखने से रोकिये। उनके स्क्रीन टाइम को कम करने का प्रयास करीये। बच्चों को और कामों या खेल कूद में लगाइये। जिससे वो स्क्रीन पर ज्यादा टाइम न दें।

बच्चों को खेलने के लिए बाहर भेजिए

पहले के समय में बच्चे खेल कूद में अपना समय बिताते थे लेकिन अब इसकी जगह मोबाइल और टीवी ने ले ली है। या तो वो मोबाइल पर गेम खेलते हैं या टीवी पर वीडियो देखकर समय बिताते हैं। ऐसे में आप उन्हें बाहर खलने के लिए भेजें जिससे उनका कम से कम समय मोबाइल या टीवी के साथ बीते। और वो किसी भी तरह की बीमारी से बचे रहेंगे।

इनडोर गेम्स पर करें फोकस

मोबाइल और टीवी से अलग बच्चों का ध्यान किसी और इनडोर गेम्स पर लगाएं। ऐसे गेम्स में उनका ध्यान लगाएं जिससे उनके दिमाग पर अच्छा असग पड़े। ऐसे गेम्स लें जिसमे उनका मन भी लगे और उनका ज्ञान भी बढे।



Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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