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क्या आप बनना चाहते हैं प्लाज्मा डोनर, पहले जान लें ये जरूरी बातें

अगर आप कोरोना से पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं और प्लाज्मा डोनेट करना चाहते हैं तो जान लीजिए प्लाज्मा थ्योरी और इसके जरिए कैसे किसी की जान बचा सकते हैं।

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Newstrack Network NetworkPublished By Monika
Published on: 27 April 2021 10:47 AM GMT
क्या आप बनना चाहते हैं प्लाज्मा डोनर, पहले जान लें ये जरूरी बातें
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प्लाज्मा डोनेट करता व्यक्ति (फोटो: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) की रफ़्तार बड़ी ही तेजी से बढ़ रही है। हर दिन बड़ी संख्या में लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं। जिसके चलते अस्पतालों में बेड की कमी के साथ साथ ऑक्सीजन (Oxygen) की भी किल्लत होने लगी है। जिस वजह से कई कोरोना के मरीज बिना इलाज तड़प-तड़प कर अपनी जान गवा रहे हैं। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कोरोना संक्रमण से पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं और अब गंभीर संक्रमित मरीजों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।

इससे पहले भी लोगों ने प्लाज्मा डोनेट (Plasma donate) कर लोगों की जान बचाई थी। जो इस कोरोना की दूसरी कहर में बड़ी संख्या में लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। अगर आप भी कोरोना से पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं और प्लाज्मा डोनेट करना चाहते हैं तो जान लीजिए प्लाज्मा थ्योरी और इसके जरिए कैसे किसी की जान बचा सकते हैं।

प्लाज्मा कैसे डोनेट करें?

प्लाज्मा थेरेपी के लिए सबसे पहले आपका टेस्ट किया जाएगा। टेस्ट में ये देखा जाएगा कि खून में किसी प्रकार का संक्रमण तो नहीं, जैसे शुगर, एचआईवी या हेपेटाइटिस। अगर ब्लड ठीक पाया गया तो उसका प्लाज्मा निकालकर आईसीयू के पेशेंट को दिया जाए तो वो ठीक हो सकता है।

काम कैसे करता है प्लाज्मा?

कोरोना पॉजिटिव मरीजो में इलाज के बाद ब्लड में एंटीबॉडीज आ जाती हैं। डॉक्टरों के अनुसार अब उसके ब्लड से प्लाज्मा निकालकर कोरोना पेशेंट को दिया जाए तो वो ठीक हो सकता है। ये एंटी बॉडीज मरीज के ब्लड में मिलकर कोरोना से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है।

कौन कर सकता है प्लाज्मा डोनेट?

-वो जो कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हो।

-जिनकी रिपोर्ट अब निगेटिव आई हो।

- ठीक हुए 14 दिन हो गए हों।

- स्वस्थ महसूस कर रहे हों और प्लाज्मा डोनेट करने के लिए उत्साहित हों।

- उनकी उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच हो।

ये लोग नहीं कर सकते प्लाज्मा डोनेट

- जिनका वजन 50 Kg से कम है।

- प्रेग्नेंट महिला

-डायबिटीज के मरीज जो इंसुलिन ले रहे हों।

- ब्लड प्रेशर 140 से ज्यादा हो।

- ऐसे मरीज जिनको बेकाबू डायबिटीज हो या हाइपरटेंशन हो।

- कैंसर से ठीक हुए व्यक्ति।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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