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इस थेरेपी से आदमी दिखता है बुढ़ापे में जवान, दूर होती हैं बड़ी-बड़ी बीमारियां!!!

जैसे सोडा में कार्बन डाइ ऑक्साइड घुल जाती है, उसी तरह हाइपरबेरिक ऑक्सीजन चैंबर में ब्लड में ऑक्सीजन घुल जाती है।

Shashwat Mishra
Published on: 5 April 2021 8:14 PM IST
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लखनऊ: अग़र हम आपसे कहें कि एक ऐसी थेरेपी है, जिससे आप बुढ़ापे में भी जवां दिखेंगे। अग़र हम आपको बताएं कि एक ऐसी थेरेपी है, जिससे आप ख़ूबसूरत नज़र आएंगे और जो गैंग्रीन, डायबिटिक फुट, पैरालिसिस, माइग्रेन, ऑटिज्म और गठिया जैसे रोगों को ख़त्म करने में भी सक्षम है। जिससे पोस्ट रेडिएशन (कैंसर) में भी मदद मिलती है। तो, आप ज़रूर जानना चाहेंगे कि ये थेरेपी है क्या? इसका क्या नाम है? और यह कैसे कार्य करती है?

सबसे पहले हम आपको बता दें कि इस थेरेपी के द्वारा शरीर से विकृत कोशिकाओं को बाहर किया जाता है और इंसान की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को पलट दिया जाता है।

HBOT क्या है?

इस बारे में जब हमने डॉ. पंकज श्रीवास्तव से बातचीत की, तो उन्होंने हमें बताया कि 'HBOT मतलब Hyperbaric Oxygen Therapy। ये अभी तक भारतवर्ष में कुछ सेंटर्स पर तो थी, लेकिन लखनऊ या उत्तर प्रदेश में पहली बार आई है। ये प्राइवेट सेक्टर में पहली बार लखनऊ के महानगर में है।' उन्होंने कहा कि अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिये हमें शुद्व ऑक्सीजन, खाना और पानी चाहिये होता है, खाना-पानी तो ठीक है, बाक़ी हम प्राकृतिक चीजें भी लेते हैं, लेकिन ऑक्सीजन हमारे कंट्रोल में नहीं होती है।

डॉ. पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि एक तो तरीका यह है कि हम ऑक्सीजन का सिलेंडर लेकर घूमें, जो कि प्रैक्टिकल तौर पर हो नहीं सकता है। तो, उसकी जगह पर ये बहुत अच्छी थेरेपी आई है, जिसमें शुद्ध ऑक्सीजन को करीब 3 वायुमंडलीय दाब (Atmospheric Pressure) पर लेते हैं। जैसे हम समुद्र में डाइव करते हैं और बहुत नीचे चले जाते हैं, तो वहां पर जब सांस लेते हैं, तो बहुत प्रेशर में सांस लेते हैं और उसमें जो गैसेस हमारे ब्लड में घुलती हैं, वह बिल्कुल उसी तरह घुलती हैं, जैसे सोडा में कार्बन डाइ ऑक्साइड घुल जाती है, उसी तरह हाइपरबेरिक ऑक्सीजन चैंबर में ब्लड में ऑक्सीजन घुल जाती है।

इस थेरेपी को कई सारे सेलेब्रिटीज भी लेते हैं। एक्टर टाइगर श्रॉफ, कैटरीना कैफ, अथिया शेट्टी, डेविड धवन जैसी हस्तियां नियमित रूप से सौंदर्य और फिटनेस के लिए HBOT सेशन लेती हैं। एथलीट्स, फिटनेस फ्रीकर और पुलिस कर्मी किसी भी खेल की चोट की ताकत व तेजी से चिकित्सा के लिए HBOT लेते हैं। आपको बता दें कि एचबीओटी क्लिनिक में व्यक्ति को एक घंटे के लिए चैम्बर की तरह आरामदायक सैलून में बैठना पड़ता है और शुद्ध ऑक्सीजन की आपूर्ति दो से तीन वायुमंडलीय दबाव में की जाती है।

इस थेरेपी से लोग इतने प्रभावित हैं और यह आम जन मानस के लिए इतनी फायदेमंद साबित हो रही है कि लोग इसे लेने रोज़ाना कानपुर से सफर तय करके लखनऊ आते हैं। हमें दो ऐसे बुजुर्ग शख़्स मिले, जो इस थेरेपी को लेने से ख़ुद को फिट महसूस करते हैं।



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Shashwat Mishra

Shashwat Mishra

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