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Biscuit in Diabetes: डायबिटीज के मरीज़ों के लिए बिस्किट खाना कितना है नुकसानदायक?

Biscuit in Diabetes: बिस्किट खाने से पहले यह जानना बेहद जरुरी है कि बिस्किट में किन चीज़ों का इस्तेमाल किया गया है। क्योकि ज्यादातर बिस्किट में मैदा और चीनी का इस्तेमाल किया जाता है।

Preeti Mishra
Published on: 24 May 2022 10:00 AM IST
biscuit in diabetes
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बिस्किट (फोटो-सोशल मीडिया)

Biscuit in Diabetes: चाय की चुस्की के साथ बिस्किट खाना एक बहुत ही आम आदत है। जो अधिकतर लोगों के द्वारा अपनायी जाती है। इतना ही नहीं हमारे भारतीय परिवेश में घर के बड़े-बुजुर्ग या अन्य सदस्य रोज़ाना गरमा- गरम चाय में बिस्किट डुबाकर खाते है। यहाँ तक कि अगर घर में कोई मेहमान आ जाये तो भी तरह -तरह के बिस्किट के साथ चाय सर्व करना भी आदर का ही एक रूप होता है। कुल मिलाकर यह कहना गलत नहीं होगा कि चाय का स्वाद बिस्किट के बिना कुछ अधूरा सा लगता है।

लेकिन कई बार मन में यह सवाल बहुत बार आता है कि क्या डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए बिस्किट खाना सेफ होता है ? बिस्किट में कुछ पोषक तत्व होते भी हैं या नहीं? इन सब सवालों का जवाब पाने के लिए यह जानना बेहद जरुरी है कि बिस्किट

बिस्किट में मौजूद सामग्री और उसके इस्तेमाल से होने वाली समस्यायें :

बिस्किट खाने से पहले यह जानना बेहद जरुरी है कि बिस्किट में किन चीज़ों का इस्तेमाल किया गया है। क्योकि ज्यादातर बिस्किट में मैदा और चीनी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें बहुत कम मात्रा में फाइबर मौजूद होता है जिसके कारण यह जल्दी पच कर ब्लड शुगर को बढ़ाने लगता है।

इसके अलावा क्रीम बिस्किट (biscuits) या कुकीज़ (cookies) में तो कैलोरी बहुत अधिक मात्रा में मौजूद होता है, जो आपके वज़न के साथ आपके बैड कॉलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ा सकता है। जबकि नमकीन बिस्किट में सोडियम की अधिक मात्रा होने के कारण ये आपके ब्लड प्रेशर को अचानक से बढ़ा सकता है।

अमूमन क्रीम बिस्किट खाने से आपको एकदम से ताकत भले महसूस हो लेकिन इसमें मौजूद कम फ़ाइबर के कारण यह ज़्यादा देर नहीं टिक नहीं पाती और व्यक्ति को जल्दी और ज्यादा भूख लगती है जिसके कारण आप ज़्यादा खा लेते हैं। क्रीम बिस्किट का इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही करना उचित होता है। लेकिन ध्यान रखें, क्रीम बिस्किट के साथ कोई भी पेय पदार्थ लेने से बचें।

कुछ लोग नाश्ते में सिर्फ़ बिस्किट चाय के साथ खा लेते हैं जो सेहत के लिए बिलकुल अच्छा नहीं होता है। क्योंकि बिस्किट में फ़ाइबर या प्रोटीन की मात्रा ना के बराबर होने के साथ ये पौष्टिक भी नहीं होते हैं। कई बार बिना सोचे -समझे इसका सेवन करना आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकता हैं।

बिस्किट भी सेहत के लिए पूरी तरह से सही नहीं

गौरतलब है कि बाज़ार में डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए ख़ास बिस्किट मौजूद है। जिनमें से कुछ गेहूं और गुड़ से बने हैं। बता दें कि इन बिस्किट में कोई भी प्रिज़र्वेटिव नहीं होता है। लेकिन, इन बिस्किट को भी सेहत के लिए पूरी तरह से सही नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इसमें मौजूद चीनी, गुड़ या शहद लगभग सभी का असर डायबिटीज के मरीज़ों के लिए एक सामान ही होता है।

लेकिन कुछ मायनों में ये बिस्किट डायबिटीज के मरीज़ों के लिए दूसरे बिस्किट से बेहतर विकल्प साबित होते हैं। इसके अलावा ओट्स, गेहूं, रागी से बने बिस्किट भी ना सिर्फ डायबिटिक के लिए बल्कि अन्य लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी बेहतरीन होते हैं। गौरतलब है कि मधुमेह के मरीज़ हफ्ते में दो बार 2-3 बिस्किट आराम से खा सकते हैं।

बाजार में मिलने वाले कुकीज़ में बहुत ज़्यादा मात्रा में सैचुरेटिड फ़ैट मौजूद होता है जो आपके शरीर में नुक़सानदायक कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है। इसलिए बिस्किट खरीदने से पहले हमेशा उसका न्यूट्रीशन लेबल जरूर देखें। जिससे आपको यह पता चल जाएगा कि बिस्किट में किस प्रकार और कितनी मात्रा में शुगर डली है या कितना आर्टिफ़िशियल स्वीटनर, कलर और ट्रांसफ़ैट डाला गया है।

कई बार कुछ बिस्किट या कुकीज़ पर 'नो कॉलेस्ट्रॉल' लिखा हो सकता है, लेकिन ध्यान से देखें कि क्या इनमें सैचुरेटिड फ़ैट मौजूद है या नहीं ? क्योंकि किसी भी चीज़ में जितना ज़्यादा सैचुरेटिड फ़ैट मौजूद होगा ख़राब कॉलेस्ट्रॉल के लेवल के बढ़ने का जोखिम भी उतना ही ज़्यादा होगा।

इन सब के अलावा आपको अपनी जीवनशैली में अच्छी आदतों को डालना बेहद जरुरी है। कई घंटों तक लगातार एक जगह पर बाथ कर काम करना सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है। शुगर को कण्ट्रोल में रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा एक्टिव रहने की कोशिश करें। डायबिटीज के मरीज़ बिस्किट खाने के बाद 15-20 मिनट की सैर पर जरूर जाएं या कुछ सीढ़ियां चढ़ें। जिससे शरीर में ग्लूकोस का स्तर अचानक से ना बढ़ जाए।



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Vidushi Mishra

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