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Black Fungus: नेत्र सर्जन का दावा, कोरोना के हर मरीज को नहीं खतरा, बस बरतें ये सावधानियां
Black Fungus: रायबरेली के नेत्र सर्जन डॉक्टर संजय रस्तोगी ने ब्लैक फंगस पर लोगों से कुछ सुझाव दिए हैं।
Black Fungus, रायबरेली: कोरोना महामारी के कहर से लोग पहले से ही बुरी तरह भयभीत और घबराए हुए थे। अब ब्लैक फंगस (Black fungus) नामक रोग से लोगों में बेचैनी है। हालांकि रायबरेली के नेत्र सर्जन ने राहत देने वाली बात कही है। उनका कहना है कि कोरोना से ग्रस्त हुए हर मरीज को ब्लैंक फंगस बीमारी नही हो रही। डायबिटीज पेशेंट (Diabetes patient) और स्टेरॉयड मेडिसिन (Steroid medicine) के अलावा कोरोना की कुछ दवाओं का उपयोग मरीजों पर असर अंदाज हो रही है।
नेत्र सर्जन डॉक्टर संजय रस्तोगी ने कहा कि मधुमेह से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा होता है। हालांकि अभी गिने-चुने लोगो में ही यह समस्या आई है। इससे बचने के लिए शुगर में नियंत्रण रखने का प्रयास करना चाहिए। स्टेरॉयड दवाओं के अलावा कोरोना की कुछ दवाओं का उपयोग मरीज के प्रतिरक्षा प्रणाली पर अपना असर डाला है। इन दवाओं का ज्यादा उपयोग भी ब्लैक फंगस के खतरे को बढ़ा देता है, क्योंकि मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली फंगल संक्रमण से लड़ने में विफल रहती है। कोरोना से उबरने के बाद लोगों को इसके लक्षण पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए। इससे से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार स्टेरॉयड का उपयोग करना चाहिए। बीमारी का जल्द पता लगने से इसके संक्रमण के उपचार में आसानी हो सकती है।
किन-किन लोग को हो रही है ये बीमारी
उन्होंने कहा कि वैसे तो यह बीमारी डायबिटीज यानी मधुमेह की बीमारी से जूझ रहे लोगों को सबसे ज्यादा अपनी चपेट में ले रही है। इसके अलावा जो लोग स्टेरॉयड का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, या फिर जो लोग कोरोना वायरस के कारण आईसीयू मे ज्यादा दिनों तक रहे हैं, उन्हें भी यह बीमारी अपनी चपेट में ले रही है। इससे बचने के लिए एक्सपर्ट्स मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं। साथ ही फुल बाजू के शर्ट और पैंट पहनने की सलाह दी जा रही है।
देश के कई राज्यों में कोरोना से रिकवर लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं। इसके कारण लोगों को अपनी आंखों के साथ-साथ जान भी गंवानी पड़ रही है।म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस की चपेट में आने के बाद आंख-नाक में दर्द या फिर उनका लाल पड़ जाना, तेज बुखार, सिर में दर्द, खांसी, सांस लेने में दिक्कत और खून की उलटियां जैसी समस्याएं होने लगती हैं।