स्वदेशी हीमोस्टेटिक बैंडेज टेप: सेकेंडों में रुक जाएगा तेजी से बहता खून

Anoop Ojha
Published on: 13 Oct 2018 6:35 AM GMT
स्वदेशी हीमोस्टेटिक बैंडेज टेप: सेकेंडों में रुक जाएगा तेजी से बहता खून
X

लखनऊ: दुर्घटना में अधिक रक्‍तस्राव के कारण जान जाने का जोखिम और अधिक बढ़ जाता है। इस गंभीर समस्या के निदान के लिए तत्कालिक उपचार की दिशा में क्या बेहतर हो सकता है इसके लिए शोधकर्ताओं द्वारा लंबे समय शोध किए जाते रहे है। भारतीय शोधकर्ताओं को इस दिशा में नई सफलता हाथ लगी है। देशी होनहारों ने इस समस्या की काट खोज लिया है। कानपुर आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) के बायोलॉजिकल साइंस एंड बायो इंजीनियरिंग (बीएसबीई) विभाग ने स्वदेशी तकनीक से पहला प्राकृतिक पॉलीमर बेस्ड स्वदेशी हीमोस्टेटिक बैंडेज टेप तैयार किया है। इस देशी टेप की खसियत है कि यह मेडिकल टेप 30 सेकंड में खून का बहना रोक देगा।शरीर के किसी भी हिस्से से कितना ही तेज रक्तस्राव क्यों न हो रहा हो, महज 30 सेकंड और अधिकतम 70 सेकंड में पूरी तरह रोका जा सकेगा।

यह भी पढ़ें .....आईआईटी कानपुर ने मशीन लर्निंग हैकाथान में दूसरा स्थान हासिल किया

देसी हीमोस्टेटिक टेप इस स्थिति में मददगार साबित होगा। दसअसल रोड़ एक्सीडेंट के वक्त है तेजी से बह रहे खून का बहाव रोक दिया जाए तो जान बचने की संभावना बढ़ जाती है। जहाँ प्राथमिक उपचार किट में इस टेप के शामिल हो जाने पर आशातीत परिणाम की उम्मीद की जा रही है वहीँ खास बात यह है कि चोट लगने पर बिना विशेषज्ञ के भी आसानी से लगा सकते हैं। चोट लगने पर शरीर की कोशिकाएं और ऊतक समय के अनुसार उसे स्वतः भर देते हैं।

यह भी पढ़ें .....IIT कानपुर के छात्र ने बनाया एक ऐसा कृत्रिम अंग जो कर सकता है ये सारे काम

कैसे काम करता है पॉलीमर बेस्ड स्वदेशी हीमोस्टेटिक बैंडेज टेप

स्वदेशी तकनीक से पहला प्राकृतिक पॉलीमर बेस्ड स्वदेशी हीमोस्टेटिक बैंडेज टेप तैयार किया है। यह खून में थक्का बनने की प्रक्रिया को बढ़ाकर कोशिकाओं को तेजी से भर देने का काम करता है। इसके चार मुख्य भाग हैं। पहला, नैचुरल पॉलीमर, यह प्लेटलेट्स को रोकता है। दूसरा, मॉलीक्यूलर सीव, यह आण्विक छलनी है, जिसमें नैनो आकार के छिद्र होते हैं, जो खून को जमाने में सहायक होते हैं। तीसरा, कैल्शियम परत, बहते हुए खून को जमाने में सहयोग करती है। चौथा, डेरिवेटिव्स ऑफ पॉलीसैकराइड्स, यह पूरी प्रक्रिया को एक दूसरे से जोड़ता है। प्लेटलेट्स को इकट्ठा करता है, खून को जमाता है, कोशिकाओं को सक्रिय करता है। इस टेप की बड़ी खूबी यह भी है कि अत्यधिक गर्मी और अत्यधिक सर्दी वाले स्थान पर भी यह उतना ही कारगर है। जानवरों पर सफल परीक्षण के बाद दिल्ली एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो गया है।शुरुआती परिणाम सकारात्मक आने के बाद इसे पेटेंट कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

यह भी पढ़ें .....IIT कानपुर में हुआ 5 जी सेमिनार, वैज्ञानिकों ने कही ये बातें…

गंभीर सर्जरी में भी इसका उपयोग लाभकारी

इसे ब्रेस्ट इंप्लांट, लिवर सर्जरी के समय भी लगाया जा सकता है। वहीं, चोट लगने पर बिना विशेषज्ञ के भी आसानी से लगा सकते हैं।

सस्ता और कम लागत

आईआईटी की लैब में तैयार 5 गुणा 8 यानी 40 वर्ग सेंटीमीटर के बैंडेज की उत्पादन लागत करीब 200 रुपए है। उत्पादन बढ़ने पर इसकी कीमत काफी कम हो जाएगी।

यह स्वदेशी और प्राकृतिक तकनीक पर आधारित है।

यह भी पढ़ें .....इनोवेशन: ये है IIT कानपुर का रियल टाइम डिहेजिंग मेथड, कोहरे में करेगा ट्रेन-प्‍लेन की मदद

अमेरिकी सेना हीमोस्टेटिक टेप का प्रयोग करती है

इस तरह की तकनीक का विश्व के कई देशों में प्रयो्ग हो रहा है पर कुछ देशों में इससे जुड़े परिणाम सफल तो कुछ देशों में मौसम और पर्यावरण के लिहाज से अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहें है।अमेरिकी सेना हीमोस्टेटिक टेप का प्रयोग करती है। जहां जापान सहित कई देशों में पॉलीमर बेस्ड हीमोस्टेटिक बैंडेज पर शोध अभी शुरुआती स्तर पर वहीं कई देशों ने खून जमाने वाली क्रीम भी बनाने की कोशिश, पर अधिक सफल नहीं।जबकि आईआईटी बीएचयू ने जले कटे पर लगाने के लिए घुलने वाला बैंडेज तैयार किया है। इसका क्लीनिकल ट्रायल होना बाकी है।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story