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Bruxism in children: क्यों होती है बच्चों में दांत पीसने की समस्या, जानें कारण, लक्षण और बचाव

Bruxism in children: एक रिसर्च में भी यह बात साबित हुई है कि किशोरों को डराया धमकाने के कारण उन्हें नींद में दांत पीसने (Bruxism) की समस्या हो सकती है।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 20 May 2022 5:34 PM IST
Bruxism in children
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Bruxism in children 

Bruxism in children: नींद में दांत पीसने की समस्या को डॉक्टरी भाषा में ब्रुक्सिस्म (Bruxism) कहा जाता है। बता दें इस बीमारी में लोग गहरी नींद में सोते समय प्रभावित होते हैं। सामान्यतः यह समस्या बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी देखने को मिलती है। इस परेशानी से व्यक्ति के दांतों को गहरा नुक़सान हो सकता है। गोरतलब है कि इस बीमारी में नींद के दौरान ही सांस बाधित होती है जिसके कारण आप एक अच्छी नींद नहीं ले पाते हैं।

कई बार बच्चे किसी बात को लेकर ज्यादा डर जाते हैं तो सोने के दौरान वो दांत पीसने (teeth grinding in children) लगते है। एक रिसर्च में भी यह बात साबित हुई है कि किशोरों को डराया धमकाने के कारण उन्हें नींद में दांत पीसने (Bruxism) की समस्या हो सकती है। नींद में दांत पीसने के कारण सिरदर्द, दांत गिरना और मुंह में कई तरह के दर्द जैसी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

इतना ही नहीं कभी-कभी गंभीर रूप से दांत पीसने (Bruxism) के कारण दांतों में फ्रैक्चर, दांत टूटना या फिर दांत ढीले पड़ने की समस्या भी हो सकती है। इसके अलावा यह आपके जबड़ों को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए इस समस्या का तुरंत इलाज कराना बेहद जरुरी होता है। बता दें की कुछ लोगों में ऐंटि-डिप्रेसेंट लेने के बाद अक्सर ब्रक्सिजम (Bruxism) की शुरुआत हो सकती है।

ब्रुक्सिस्म (Bruxism) से बचने के लिए कुछ उपायों को अपनी आदत बना लेनी चाहिए :

कैफीन से रखें दूरी:

ब्रुक्सिस्म से बचने के लिए सोडा, कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स के साथ बहुत ज्यादा चॉकलेट खाना बिलकुल बंद कर देना चाहिए। बता दें कि कैफीन एक उत्तेजक पदार्थ है जो खासकर रात में दिमाग और जबड़े की मांसपेशियों को आराम नहीं करने देता है।

पेंसिल-पेन चबाने की आदत सुधारे:

कई बार आप तनाव में पेंसिल या पेन चबाने लगते हैं। यह आदत आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है।इस आदत को छुड़ाने के लिए आप चूइंग गम या मिंट का सहारा लने के साथ अपने खाने में कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा को भी बढ़ाएं।

तनाव को कहें ना:

दांत पीसने का एक बहुत बड़ा कारण है तनाव। ऐसे में आपको अपने लाइफ से तनाव कम करने के लिए स्ट्रेस काउंसिलिंग की भी हेल्प ले सकते हैं।

ब्रक्सिजम के सामान्य लक्षण:

एक धीमा, लगातार बना रहने वाला सिरदर्द, जबड़े में पीड़ा होना, जैसे ही आप नींद से जागते हैं, दांत पीसने की आवाज सुनाई देना, गर्मी, ठंडक या ब्रश करने पर दांतों में झनझनाहट, मसूड़ों की सूजन, मेडिटेशन और समय पर सोने से भी इस समस्या से निजात मिल जाती है। ऐल्कॉहॉल के इस्तेमाल से यह समस्या और भी बढ़ सकती है। लिहाजा इस समस्या के साथ शराब का सेवन कम करें।

बच्चों में ब्रक्सिजम होने के प्रमुख कारण :

- ऊपर और नीचे के दांत एक-दूसरे पर ठीक से सेट न हो पाना,

- दांत निकलने वाले हों या बच्चे के कान में दर्द हो रहा हो,

- बच्चा किसी तनाव या गुस्से में हो,

- बच्चा घुटन महसूस करता हो या

किसी दवा विशेष के साइड इफेक्ट के कारण भी बच्चे मे दांत किटकिटाने या दांत पीसने की समस्या हो सकती है।

दुष्प्रभाव:

दांत पीसने से दांतों की इनैमल लेयर या दांतों को नुकसान भी पहुंचने के साथ गाल या जीभ कट सकती है। इसके अलावा जबड़ों के जोड़, मसूड़ों या चेहरे में भी दर्द हो सकता है। इतना ही नहीं कई बार जोर से दांत पीसने पर दांत टूट कर सांस नली में अटक सकता है। जो जिंदगी के लिए खतरा बन जाता है।

इलाज:

इस रोग से पीड़ित व्यक्ति के साथ हमेशा प्यार से बातें करें और उसे मन की बातें खुलकर कहने दें। ऐसे व्यक्ति को ज्यादा डरा-धमकाकर न रखें बल्कि उसे रिलैक्स मूड में ही रहने दें। ब्रक्सिजम (Bruxism) की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति के सोने का समय निर्धारित करें और सोते वक्त भूल कर भी उसे ऐसी चीजें न खिलाएं जिनमें कैफीन मौजूद हो। अपने बच्चे की किसी दंत रोग विशेषज्ञ से चेक अप जरूर करवाएं।



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Rakesh Mishra

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