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Benefits Of Aparajita Flowers: अपराजिता के फूल एक, फ़ायदे अनेक

Benefits Of Aparajita Flowers: गांव हो या शहर, मंदिर हो या आश्रम, बागवानी हो या पार्क हर जगह अपराजिता के पुष्प आपको अपना प्राकृतिक सौंदर्य बिखरते मिल जायेंगे।

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Newstrack Network
Published on: 26 July 2024 4:52 PM IST
Benefits Of Aparajita Flowers
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 Benefits Of Aparajita Flowers

Benefits Of Aparajita Flowers: नीले रंग का अपराजिता का फूल भगवान शिव को प्रिय है। मान्यता है कि इस फूल को शिवलिंग पर चढ़ाने से आर्थिक दिक्कतें दूर होती है। अपराजिता के फूल से बनी चाय को ब्लू टी के नाम से लोग जानते हैं। जिसका इस्तेमाल अनिद्रा, माइग्रेन और शरीर में होने वाले दर्द के लिए किया जाता, अपराजिता एक लता अथवा बेल वाला पौधा है, जिसे आप अमूमन हर घरों में आसानी से देख सकते हैं। इसे वैज्ञानिक भाषा में Clitoria ternatea कहते हैं और अंग्रेजी में इसे Butterfly pea के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा विष्णुकांता, गोकर्णी, गिरिकर्णिका, विष्णुप्रिया, गोकर्ण, कृष्णकांता, योनिपुष्पा आदि अपराजिता के अन्य कई खुबसूरत नाम विविध क्षेत्रों में प्रचलित हैं


अपराजिता, जिसे क्लिटोरिया टर्नेटिया या बटरफ्लाई पी के नाम से भी जाना जाता है, विभिन्न लाभों वाला एक पौधा है-

तनाव से राहत- अपराजिता चाय दिमाग को शांत करने और तनाव कम करने के लिए जानी जाती है।

मस्तिष्क स्वास्थ्य- यह स्मृति, संज्ञानात्मक कार्य और फोकस में सुधार कर सकता है।

सूजन रोधी- अपराजिता में सूजन रोधी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और गठिया के लिए फायदेमंद है।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर- इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स और ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं।

नींद में सहायता- अपराजिता चाय अनिद्रा में मदद कर सकती है और विश्राम को बढ़ावा दे सकती है।

त्वचा और बालों के लिए लाभ- ऐसा माना जाता है कि यह त्वचा के रंग में सुधार करता है और बालों के विकास को बढ़ावा देता है।

पाचन स्वास्थ्य- अपराजिता पाचन में सहायता कर सकती है और कब्ज से राहत दिला सकती है।

मासिक धर्म से राहत- इसका उपयोग मासिक धर्म में ऐंठन, सूजन और मूड में बदलाव को कम करने के लिए किया जाता है।

प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन- माना जाता है कि अपराजिता प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देती है।

आयुर्वेदिक चिकित्सा- इसका उपयोग आयुर्वेदिक पद्धतियों में विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।


गांव हो या शहर, मंदिर हो या आश्रम, बागवानी हो या पार्क हर जगह अपराजिता के पुष्प आपको अपना प्राकृतिक सौंदर्य बिखरते मिल जायेंगे। वैसे तो यह एक खरपतवार पौधा है । लेकिन इसके विभिन्न रंगों के पुष्पों की मनमोहक खुबसूरती की वजह से इसे कई सालों से दुनियाभर के विभिन्न देशों में सजावटी पौधे के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। प्रायः हर घरों की बागवानी में अपराजिता की मौजूदगी है। नीले, सफेद, बैंगनी, गुलाबी, आसमानी आदि अनेकों रंगों में पाये जाने वाले इसके पुष्प बेहद ही मनोरम एवं आकर्षक होतें हैं।


हमारे देश में बागवानी एवं सजावटी पौधे के साथ-साथ अपराजिता के फूलों का धार्मिक महत्व भी है। अपराजिता के पुष्प भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय होने के कारण ही इसे विष्णुप्रिया और विष्णुकांता के नाम से प्रसिद्धी मिली है। धार्मिक अनुष्ठानों एवं सजावटी हेतु भारी मांग के चलते कई जगहों पर इसके फूलों की व्यापारिक खेती की जाती है अतः इसका आर्थिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है। औषधीय एवं आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी इस पौधे की बेहद उपयोगिता है। पराजिता प्रकृति की दिव्य एवं अनुपम कृति है। यह वनस्पति भी प्राकृतिक जैवविविधता का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमें वनस्पतियों एवं पेड़-पौधों के संरक्षण हेतु सदैव समर्पित रहना चाहिए।

अरुणेश कुमार मिश्र वैद्य

( लेखक प्रतिष्ठित वैद्य हैं। अपराजिता को कई लाभों के साथ जोड़ा गया है, कुछ स्वास्थ्य दावों के लिए इसकी प्रभावशीलता की पुष्टि करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। औषधीय प्रयोजनों के लिए इसका उपयोग करने से पहले किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लें।)



Shalini singh

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