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Cardiac Arrest In Kids: 8 साल की बच्ची की कार्डियक अरेस्ट से मौत, जानें लक्षण और किन बच्चों को है खतरा

Cardiac Arrest: कार्डियक अरेस्ट एक गंभीर हेल्थ इमरजेंसी है। यह तब होता है जब दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है या फिर बहुत अप्रभावी रूप से धड़कता है।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 11 Jan 2025 3:06 PM IST
Cardiac Arrest In Kids: 8 साल की बच्ची की कार्डियक अरेस्ट से मौत, जानें लक्षण और किन बच्चों को है खतरा
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Cardiac Arrest In Kids (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Cardiac Arrest In Kids: हार्ट अटैक (Heart Attack) और कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) आज के समय में बढ़ती समस्या है। दुनियाभर में इसके चलते लाखों मौतें हो रही हैं। आमतौर पर 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कार्डियक अरेस्ट का खतरा ज्यादा रहता है। हालांकि आज के समय में युवाओं और बच्चों में भी इसके केसेस देखने को मिल रहे हैं। इस बीच हाल ही में गुजरात के अहमदाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक एक प्राइवेट स्कूल में 8 साल की बच्ची की कार्डियक अरेस्ट से मौत (Cardiac Arrest Death In Kids) हो गई।

बच्ची की मौत का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें देखा जा सकता है कि बच्चे के सीने में अचानक दर्द उठता है, वो जाकर बेंच पर बैठती है और कुछ ही सेकेंड में उस बेंच से गिर जाती है। बच्ची की मौत के बाद पेरेंट्स में चिंता बढ़ गई है। आइए जानते हैं बच्चों में कार्डियक अरेस्ट की क्या वजहें होती हैं और उनमें क्या लक्षण दिखाई देते हैं।

क्या होता है कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest Kya Hota Hai)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) एक गंभीर हेल्थ इमरजेंसी (Serious Health Emergency) है। कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है या फिर बहुत अप्रभावी रूप से धड़कता है। इससे दिमाग और शरीर के अन्य हिस्सों में ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) रूक जाता है। मरीज को तुरंत इलाज न मिलने पर उसकी मौत भी हो सकती है।

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर (Heart Attack Aur Cardiac Arrest Mein Antar)

जब हृदय में रक्त का प्रवाह बहुत कम या अवरुद्ध हो जाता है तो दिल का दौरा (Dil Ka Daura) पड़ता है। यह कोरोनरी धमनियों में रुकावट के कारण होता है। इसमें सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बेचैनी, घबराहट, सीने में जलन, ठंडा पसीना आना, हल्कापन, मतली जैसे लक्षण देखे जाते हैं। वहीं, कार्डियक अरेस्ट में हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है। इसके लक्षणों में बेहोशी, सांस न लेना, चेहरे का नीला पड़ना, नाड़ी का न चलना जैसे लक्षण शामिल हैं।

बच्चों में कार्डियक अरेस्ट की वजहें (Bacchon Ko Cardiac Arrest Kyu Hota Hai In Hindi)

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार, वयस्कों की तुलना में बच्चों में कार्डियक अरेस्ट रेयर होता है। तत्काल इफेक्टिव और हाई क्वालिटी सीपीआर देने से जान बचाई जा सकती है। बच्चों में कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest In Children) के कई कारण होते हैं। उन्हें कई कैटेगरी में विभाजित किया जा सकता है, जिनमें श्वसन (Respiratory), हृदय संबंधी (Cardiac), संक्रामक (Infectious) और दर्दनाक कारण (Traumatic Causes) शामिल हैं। इनमें श्वसन संबंधी कारण सबसे आम हैं।

बच्चों में कार्डियक अरेस्ट के लक्षण (Cardiac Arrest Ke Lakshan In Hindi)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

बच्चों में कार्डियक अरेस्ट कभी-कभी बिना किसी लक्षण (Cardiac Arrest Symptoms) के भी हो सकता है। बहुत कम मामलों में बच्चों को सीने में दर्द होता है। बच्चों में कार्डियक अरेस्ट के कुछ लक्षण ये रहे-

  1. अचानक बेहोश हो जाना
  2. सांस लेने में कठिनाई
  3. चक्कर
  4. दुर्लभ मामलों में छाती में दर्द

कार्डियक अरेस्ट से कैसे बचें (Cardiac Arrest Se Kaise Bache)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
  1. अगर परिवार में हार्ट अटैक (Heart Attack) या कार्डिएक अरेस्ट (Cardiac Arrest) की हिस्ट्री है तो डॉक्टर से सलाह लेकर बच्चे की 10 साल की उम्र में ही हार्ट से संबंधित टेस्ट करवाएं।
  2. बच्चे को बहुत ज्यादा अनहेल्दी फूड और जंक फूड न खाने दें।
  3. फिजिकली एक्टिव रखें और फोन-लैपटॉप देखने की बजाय खेलने के लिए प्रेरित करें।
  4. बच्चे को पढ़ाई या किसी भी चीज के तनाव से दूर रखें।
  5. ये निश्चित करें कि बच्चा हर दिन पर्याप्त नींद ले।
  6. बच्चे का स्वस्थ वजन नियंत्रित करें।
  7. बचपन से ही उन्हें नियमित व्यायाम करने के लिए प्रेरित करें।

नोट- इस खबर में कुछ जानकारियां सामान्य रिपोर्ट के आधार पर लिखी गई हैं। इन उपायों व सुझावों पर अमल करने से पहले संबंधित डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।



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