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Cervical Cancer: सर्वाइकल कैंसर, क्या हैं? लक्षण, पहचान के बाद इलाज है संभव

Cervical Cancer: सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) होने का सबसे मुख्य कारण कोशिकाओं का गर्भाशय ग्रीवा (प्रवेश द्वार) के स्तर में असामान्य रूप से विकसित हो जाना होता है। जो निचले गर्भाशय (Uterus) का संकीर्ण हिस्सा होता है।

Preeti Mishra
Published on: 30 March 2022 3:35 PM IST (Updated on: 30 March 2022 3:37 PM IST)
Cervical Cancer: What is Cervical Cancer? Symptoms, treatment is possible after identification
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सर्वाइकल कैंसर: Photo - Social Media 

Cervix Cancer Kya Hai: सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) एक ऐसा कैंसर है जिससे बचाव और समय पर पता लग जाने पर इलाज भी संभव है। बता दें कि ये भारतीय महिलाओं (Indian women) में कैंसर से होने वाली मौत का सबसे आम कारण है। सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) होने का सबसे मुख्य कारण कोशिकाओं का गर्भाशय ग्रीवा (प्रवेश द्वार) के स्तर में असामान्य रूप से विकसित हो जाना होता है। जो निचले गर्भाशय (Uterus) का संकीर्ण हिस्सा होता है।

बता दें कि कम उम्र में कई यौन संबंध होने या यौन सक्रिय होने से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर (cervical cancer) के विकास की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इस कैंसर के लक्षण जल्दी सामने आने पर मरीज़ के जीवित रहने की संभावना ज़्यादा होती है। इसमें डॉक्टर एक निवारक उपाय के रूप में पैप टेस्ट करवाने की सलाह देते है।

सर्वाइकल कैंसर को बच्चेदानी के कैंसर के नाम से भी जाना जाता है

गौरतलब है कि गर्भाशय ग्रीवा के स्तर में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि ही सर्वाइकल कैंसर का कारण बनती है। बता दें कि यह गर्भाशय ग्रीवा महिला प्रजनन प्रणाली (female reproductive system) हिस्सा है और गर्भ के निचले हिस्से में स्थित है, जो गर्भ से योनि तक खुलती है। सर्वाइकल कैंसर को बच्चेदानी के कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी का समय रहते पता चल जाने पर बचाव और इलाज दोनों संभव है। फिर भी यह बेहद दुःख की बात है कि लगभग 42 देशों में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है।

भारतीय महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर: Photo - Social Media

सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण

सर्वाइकल कैंसर होने का मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण हैं। बता दें कि वायरस का एक समूह है जिसे एचपीवीजो कहते हैं जो दुनिया भर में बेहद आम है। इतना ही नहीं एचपीवी के 100 से अधिक प्रकार होते हैं। उन एचपीवी में से कम से कम 14 उच्च जोखिम वाले प्रकार कैंसर पैदा करने वाले होते हैं । दो एचपीवी प्रकार (16 और 18) 70 प्रतिश्त सर्वाइकल कैंसर और कैंसर से पहले के सर्वाइकल घावों का कारण बनते हैं। बता दें कि एचपीवी को गुदा, योनी, योनि, लिंग और ऑरोफरीनक्स के कैंसर से जोड़ने के सबूत हैं।

सर्वाइकल कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं। जिन्हें नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो जाता है। जिनमें पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग, संभोग के बाद खून आना , मैनोपोज़ के बाद खून बहना, संभोग के दौरान बेचैनी या खून आना, तेज गंध के साथ योनि से स्राव, रक्त के साथ योनि स्राव और यूरिन करते वक्त दर्द महसूस होना ये सभी सर्वाइकल कैंसर होने के शुरूआती संकेत या लक्षण माने जाते हैं।

सर्वाइकल कैंसर ठीक होने की पूरी उम्मीद होती है (Cervical cancer can be cured)

अगर सही समय पर इन लक्षणों के आधार पर जांच कर इलाज़ शुरू कर दिया जाये तो सर्वाइकल कैंसर ठीक होने की पूरी उम्मीद होती है। इसके लिए कैंसर के चरण का पता लगाना बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यही इलाज़ को सही दिशा प्रदान करता है। कैंसर के चरण या स्टेज का पता लगाने का उद्देश्य यह आकलन करना है कि शरीर में कैंसर कितनी दूर तक फैल चुका है और इसने आस-पास की संरचनाओं या अधिक दूर के अंगों को कितना नुकसान पहुंचाया है।

सर्वाइकल कैंसर का उपचार: Photo - Social Media

सर्वाइकल कैंसर होने का सबसे बड़ा खतरा एचपीवी है। इसके अलावा अन्य कारक भी है जो इस जोखिम को बढ़ा सकते हैं। जिनमें ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस(एचआईवी), क्लैमाइडिया, धूम्रपान, मोटापा, गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का पारिवारिक इतिहास, फलों और सब्जियों का कम सेवन, गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन, तीन पूर्ण-गर्भधारण होना और पहली बार 17 वर्ष से कम उम्र में गर्भ धारण करना शामिल हैं।

सर्वाइकल कैंसर का उपचार तीन तरीकों से संभव है। पहला सर्जरी, दूसरा रेडिएशन थेरेपी और तीसरा कीमोथेरेपी।

- कभी-कभी डॉक्टर केवल गर्भाशय ग्रीवा के उस क्षेत्र को हटा देते हैं , जिसमें कैंसर कोशिकाएं होती हैं। सर्जरी का मकसद शरीर से कैंसर को दूर करना होता है।

- रेडिएशन हाई-एनर्जी एक्स-रे बीम का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को मारने में किया जाता है। इसे गर्भाशय या योनि में रखी धातु की ट्यूब का उपयोग करके शरीर के अंदर से पहुंचाया जाता है। इतना ही नहीं इसे शरीर के बाहर एक मशीन के जरिए डिलीवर किया जाता है।

- कीमोथेरेपी (chemotherapy) में पूरे शरीर में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का प्रयोग किया जाता है। यह इलाज डॉक्टर द्वारा साइकिल में किया जाता है। यानी कुछ समय के लिए कीमो के बाद शरीर को ठीक होने के लिए समय देने के लिए उपचार बंद कर दिया जाता है।

Shashi kant gautam

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