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Chandra Grahan 2021: ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं और बीमार लोग भूलकर भी ना करें ये काम, होगा बड़ा नुकसान
Chandra Grahan 2021: आइए जानते हैं कि ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों के लिए क्या-क्या मान्यताएं हैं।
Chandra Grahan 2021: भारत समेत कई देशों में आज साल का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) लगने जा रहा है। भारत में ग्रहण को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। मान्यता है कि गर्भवती महिलाओं (Pregnant ladies) और बीमार लोगों के लिए ग्रहण हानिकारक होता है। कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान कुछ दूषित किरणें निकलती है, जो गर्भवती महिलाओं (Pregnant ladies) पर बुरा असर डालती है। इसलिए ग्रहण के दौरान विशेषकर गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। आइए जानते हैं उन प्रतिबंधों के बारे में...
कहा जाता है कि गर्भवती महिलाओं पर उपछाया ग्रहण का असर नहीं होता है, लेकिन उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिससे गर्भ में पलने वाला शिशु स्वस्थ पैदा हो। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को तेज धार वाली वस्तुओं जैसे-कैंची, चाकू आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसी वस्तुओं का इस्तेमाल करने से गर्भ में पल रहे शिशु पर गहरा असर पड़ता है। कहा जाता है कि ग्रहण में तेज धार वाली वस्तुओं का प्रयोग करने से शिशु के अंग को नुकसान पहुंचता है।
मान्यता है कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और ना ही ग्रहण देखना चाहिए, क्योंकि ग्रहण का सीधा असर होने वाले शिशु पर पड़ता है। कहा जाता है कि यदि शिशु पर ग्रहण का सीधा असर पड़ जाए, तो शिशु के शरीर पर कोई न कोई दाग पड़ जाता है।
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय बना हुआ भोजन नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इस समय ग्रहण से निकलने वाली किरणें भोजन को दूषित करती हैं। यदि घर में खाना बचा हो, तो उस पर तुलसी के पत्ते डाल दें। इससे खाना ग्रहण के बाद भी शुद्ध रहता है।
मान्यता तो ये भी है कि ग्रहण के समय लोगों को उपवास रखना चाहिए। ग्रहण के सूतक काल से लेकर ग्रहण की समाप्ति तक भोजन का त्याग करना चाहिए। वहीं बच्चें, बुजुर्ग और बीमार लोगों के लिए लगभग तीन घंटे के लिए भोजन पर प्रतिबंध होता है।