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Child Health: बच्चों को करें मोबाइल से दूर, सिखायें खुलकर जीना

Child Health: मोबाइल के कारण बच्चों की आँखों पर गहरा दबाव (Eye strain) पड़ता है। उनका शारीरिक विकास (Delayed development) धीमा हो जाता है। एक जगह बैठे रहने के कारण कई बीमारियां जन्म लेने लगती हैं।

Preeti Mishra
Published on: 5 March 2022 8:09 PM IST
Child Health: Keep children away from mobile, teach them to live freely
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मोबाइल से दूर करें बच्चों को: Photo - Social Media

Child Health: Covid-19 का असर अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। बीते दो वर्षों में कमोबेश लोग अपने घरों में ही सिकुड़े रहे। इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ा। ऑनलाइन क्लासेज (online classes) को अटेंड करने के चक्कर में ही सही बच्चों में मोबाइल की लत (mobile addiction in children) और बढ़ गयी। हर बच्चे के हाथ में आज मोबाइल का होना एक मज़बूरी सी बन गयी है।

गत दो वर्षों में स्कूल क्लास, अलावा ट्युशन क्लास, एक्स्ट्रा एक्टिविटी क्लास और अगर उससे टाइम मिला तो फिर फ़ोन ही गेम खेलना बच्चो के साथ -साथ हर पेरेंट्स की मज़बूरी बन चुकी थी। पेरेंट्स चाह कर भी बच्चों से मोबाइल को दूर नहीं रख पाये। मोबाइल की दुनिया बच्चों की मर्ज़ी बन गयी। एकांत में रहना, फिजिकल एक्टिविटी नहीं करना, से बच्चे कई सारे कॉमन प्रॉब्लम में घिरते गए।

बच्चों के लिए मोबाइल फोन है बेहद हानिकारक

मगर अब परिस्थितियां थोड़ी अलग है, covid का प्रभाव कम हो गया है। बाहर आने-जाने में छूट भी मिल गयी है। लेकिन फिर भी बच्चे मोबाइल से की गयी अपनी दोस्ती तोड़ नहीं पा रहे हैं। बहार जाकर खेलने-कूदने से ज्यादा उन्हें मोबाइल के साथ टाइम बिताना पसंद आ गया है। जो सभी पेरेंट्स के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। बच्चों के लिए मोबाइल फोन बेहद ही हानिकारक है। क्योंकि इससे निकलने वाले खतरनाक रेडिएशन बच्चों के लिए बहुत ही हानिकारक होते हैं।

Photo - Social Media

इतना ही नहीं मोबाइल के कारण बच्चों के आँखों पर गहरा दबाव (Eye strain) पड़ता है। उनका शारीरिक विकास (Delayed development) धीमा हो जाता है। एक जगह बैठे रहने के कारण मोटापा बढ़ना (Epidemic obesity), नींद की कमी (Sleep deprivation), चिड़चिड़ापन या आक्रामकता(Aggression), डिजिटल स्मृतिलोप (Digital dementia) और मोबाइल की लत लगना( Addictions) जैसी गंभीर समस्या सिर्फ और सिर्फ मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण हो सकती है।

बच्चों को मोबाइल की दुनिया से बाहर निकालने के तरीके

Covid से अपनी लड़ाई जीतने के बाद यह एक बड़ी चुनौती हम सब के समक्ष आ कर खड़ी हो गयी है। हम सभी को अपने बच्चों को मोबाइल की दुनिया से बाहर निकाल कर बाहरी दुनिया की खूबसूरती से रूबरू कराना होगा। तो आइए जानते हैं चिल्ड्रन एक्सपर्ट से कि कैसे हम अपने बच्चो में पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ाकर उन्हें खुली हवा में सांस लेना सीखा सकते हैं।

- बच्चों के साथ आप भी थोड़े बच्चे बन जाइये। उन्हें हर वक़्त डांटने और समझाने के बजाये उनकी फीलिंग्स को समझने की कोशिश करें।

- उनके साथ outdoor games जैसे-बैटमिंटन, टेनिस आदि खेलें।

- सुबह-शाम खुली हवा में व्यायाम और योगा करने के सिर्फ फायदे ना बताये बल्कि आप भी उनके साथ करें। याद रखें बच्चे हमेशा आपको देखकर ही सीखते हैं। इसलिए उनके साथ दोस्त बन कर उनके हमदर्द बनें।

- बागवानी में बच्चों की ले मदद।

- शाम में पार्क में दोस्तों के साथ खेलने के लिए प्रेरित करें।

- रोज़ छोटे-छोटे targets दें।

- उनको हेल्थ के प्रति अभी से जागरूक करें।

Photo - Social Media

दिलो-दिमाग पर भी असर डाला कोरोना ने

याद रखें कोरोना ने सिर्फ हमारे शरीर पर ही नहीं बल्कि हमारे दिलो-दिमाग पर भी असर डाला है। हम बड़े तो फिर भी अपने कामों में व्यस्त हो जाते हैं। लेकिन हमारे बच्चे जो अभी पूरी तरह से इस दुनिया से परिचित भी नहीं हुए और कोरोना के उस भयानक मंज़र का हिस्सा भी बन गए। इसलिए अब ये बेहद जरुरी है की अपने नौनिहालों को उनकी खुली और आज़ादी वाली खूबसूरत दुनिया से रूबरू करवायें।



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Shashi kant gautam

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