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Child Pneumonia in China: चीन में क्यों हो रहे हैं इतने बच्चे बीमार, क्या भारत है इसके लिए तैयार
Child Pneumonia in China: बच्चों में सांस संबंधी बीमारियों में अचानक आई तेज़ी से चीन के हालत काफी ख़राब कर दिए हैं। जिसने एक बार फिर कोविड जैसे हालत का खौफ लोगों में पैदा कर दिया है। वहीँ भारत इसके लिए कितना अलर्ट है आइये जानते हैं।
Child Pneumonia in China: पूरे चीन में सांस संबंधी बीमारियों में अचानक आई तेजी ने कोविड के शुरुआती दिनों की यादें ताजा कर दी हैं, जो एक रहस्यमय निमोनिया के रूप में भी उभरा था। नया वायरस पहले ही चीन के कई स्कूलों को अपनी चपेट में ले चुका है, लेकिन सरकार का दावा है कि अभी तक किसी भी असामान्य या नए रोगज़नक़ का पता नहीं चला है। लेकिन वहीँ इसको लेकर भारत अलर्ट मोड पर है, आइये जानते हैं कैसे फैल रही है ये बीमारी और भारत की क्या तैयारी है इसको लेकर।
चीन की बीमारी,भारत के लिए खतरे की घंटी
चीन में फैली सांस संबंधी बीमारी में अधिकांश मामले बच्चों में दर्ज किए गए हैं और इस वृद्धि के कारण चिंतित माता-पिता अस्पतालों में भीड़ बढ़ा रहे हैं, जिससे वहां के अधिकतर बाल चिकित्सा केंद्र तनाव में हैं। चीनी सोशल मीडिया पर खचाखच भरे हॉलवे और अंतःशिरा इंजेक्शन ले रहे बच्चों की तस्वीरें वायरल हो गई हैं। कुछ अभिभावकों ने प्रसार को रोकने के लिए अस्थायी स्कूल बंद करने की भी गुज़ारिश की है।
गौरतलब है कि चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने 13 नवंबर को अज्ञात निमोनिया का पहला मामला दर्ज किया था। तब से, मामलों में वृद्धि हुई है, जिनमें से अधिकांश को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थिति तब सुर्खियों में आई जब डब्ल्यूएचओ ने बच्चों में अज्ञात निमोनिया के समूहों पर प्रोग्राम फॉर मॉनिटरिंग इमर्जिंग डिजीज (प्रोएमईडी) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए चीन से अधिक जानकारी मांगी।
ऐसा कहा जाता है कि ये प्रकोप मुख्य रूप से राजधानी बीजिंग में है, लेकिन उत्तरपूर्वी लियाओनिंग प्रांत और चीन के अन्य क्षेत्रों में भी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, "बीजिंग के एक प्रमुख अस्पताल ने बताया है कि वो औसतन हर दिन लगभग 1,200 मरीजों को अपने आपातकालीन कक्ष में प्रवेश करते देख रहे हैं।"
क्या हैं इसके लक्षण हैं
इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो इसमें प्रमुख है बुखार और बिना खांसी के फेफड़ों में सूजन। वहीँ कुछ समय पहले बीजिंग के एक चिल्ड्रन हॉस्पिटल में, कई माता-पिता ने बताया कि उनके बच्चों को माइकोप्लाज्मा निमोनिया है, जो बच्चों में निमोनिया का एक सामान्य कारण है जिसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से आसानी से किया जा सकता है।
माइकोप्लाज्मा निमोनिया एक बैक्टीरिया है जो आम तौर पर हल्के संक्रमण का कारण बनता है, जिसके लक्षण सामान्य सर्दी के समान होते हैं। इसमें शायद ही कभी अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है, लेकिन कभी-कभी खांसी हफ्तों तक रह सकती है और नवजात प्रतिरक्षा प्रणाली वाले छोटे बच्चों में तो निमोनिया होने का खतरा सबसे ज़्यादा होता है।
भारत के लिए कितना खरनाक
कोविड के विपरीत, माइकोप्लाज्मा एक प्रसिद्ध और सामान्य रोगाणु है जो हर कुछ वर्षों में नए प्रकोप का कारण बनता है। और अन्य वायरस भी फैल रहे हैं, विशेष रूप से आरएसवी, जिसका अर्थ है कि ये संभावना है कि इस सर्दी में दुनिया भर के देशों को विभिन्न प्रकार के रोगजनकों का सामना करना पड़ेगा।
भारत ने एक निर्देश जारी कर राज्यों से अपनी तैयारियों की समीक्षा करने और अपने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को अलर्ट पर रखने का आग्रह किया है। राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड, हरियाणा और तमिलनाडु में राज्य सरकारों ने अस्पतालों और स्वास्थ्य कर्मचारियों से श्वसन संबंधी समस्याओं की शिकायत करने वाले रोगियों से निपटने के लिए तैयारी सुनिश्चित करने को कहा है।
इस वायरस से कैसे करें अपनी सुरक्षा
डब्ल्यूएचओ ने सिफारिश की कि प्रभावित क्षेत्रों में लोग सांस की बीमारियों से बचने के लिए सामान्य नियमों का पालन करें। इनमें लक्षण उभरने पर अलग-थलग रहना और अगर ज़रूरी हो तो परीक्षण कराना या मास्क पहनना शामिल है। इसके साथ ही वर्तमान जानकारी के आधार पर, WHO ने चीन से जुड़े किसी भी यात्रा पर प्रतिबंध की सलाह दी है।