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Chronic Sinusitis के कारण, लक्षण और बचाव, लहसुन और तुलसी जैसी चीज़ों में छुपा है इसका देशी इलाज़

Chronic Sinusitis : शरीर में आयी ये दिक्कतें और परेशानियां साइनोसाइटिस के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं।

Preeti Mishra
Report Preeti MishraPublished By Ragini Sinha
Published on: 31 March 2022 1:29 PM IST
Chronic Sinusitis infection
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Chronic Sinusitis के कारण (Social media)

Chronic sinusitis se bachne ke upay: बदलते मौसम और अन्य किसी वजह से होने वाले सर्दी-ज़ुकाम को साइनस( Sinusitis)नहीं माना जा सकता है। बल्कि शरीर में साइनोसाइटिस से सम्बंधित खास लक्षण होते हैं। जिनके आधार पर साइनोसाइटिस(Sinusitis) की समस्या मानी जाती है। बता दें कि साइनोसाइटिस (Sinusitis)एक ऐसा नाक संबंधी रोग है जिसकी शुरुआत जुकाम, सांस लेने में परेशानी और चेहरे की मांसपेशियों में दर्द के साथ शुरू होती है। लेकिन ध्यान रहे कि कभी-कभी मौसम बदलने पर या किसी और वजह से हुए सर्दी-ज़ुकाम को साइनस नहीं कहा जा सकता है। बल्कि साइनोसाइटिस (Sinusitis) के कुछ खास लक्षणों के आधार पर ही इसे पहचाना जाता है।

साइनोसाइटिस के शुरूआती लक्षण

शरीर में आयी ये दिक्कतें और परेशानियां साइनोसाइटिस के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं। जिनमें आंखों, गाल, नाक या माथे के आसपास सूजन हो जाना , सांसों से बदबू आना, किसी तरह की गंध महसूस ना हो पाना , कान में दर्द की शिकायत होना, सिरदर्द होना, ऊपरी जबड़े और दांतों में दर्द होना, माथे, आंखों, गाल और नाक के आसपास लगातार दर्द बना रहना, नाक बंद होना या लगातार बहते रहना, सांस लेने में कठिनाई होना और गले में खराश रहना ये सभी साइनोसाइटिस (Sinusitis) के ही लक्षण माने जाते हैं।

शरीर में साइनोसाइटिस (Sinusitis) होने के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें नाक में किसी तरह का इंफेक्शन होना , दांत में किसी तरह का इंफेक्शन होना ,एचआईवी और सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसी बीमारी से ग्रसित होना , इम्यून सिस्टम डिसॉर्डर से पीड़ित, फीवर और एलर्जी की शिकायत होना , वायरस, फंगस और बैक्टीरिया के कारण , जानवरों के शरीर से निकलने वाली रूसी के कारण , धुआं और धूल से और ट्यूमर इत्यादि साइनोसाइटिस (Sinusitis) होने के कारण हो सकते हैं।

कई बार साइनोसाइटिस (Sinusitis) इलाज के बावजूद ठीक नहीं होता है तो वह क्रोनिक साइनोसाइटिस(Chronic Sinusitis )बन जाता है। यानि जब इलाज के बावजूद नाक और सिर के अंदर की जगह पर तीन महीने या उससे अधिक समय तक सूजन वैसी ही बनी रहने से क्रोनिक साइनोसिसिस होने का खतरा बन जाता है । बता दें कि इस बीमारी में नाक हमेशा भरी रहने के कारण सांस लेने में बेहद परेशानी महसूस होती है। इसके अलावा आंखों के आस- पास की जगह पर सूजन और कोमलता होना भी इसी के लक्षण होते हैं। इतना ही नहीं आंखों में दिक्कत और देखने में समस्या होना या दृष्टि कम होना, स्किन और हड्डियों में इंफेक्शन होने के साथ साइनोसाइटिस होने के सभी लक्षण काफी लंबे समय तक शरीर में बने रहने के कारण भी क्रोनिक साइनोसिसिस हो सकता है। गौरतलब है कि क्रोनिक साइनोसाइटिस(Chronic Sinusitis ) की समस्या के चपेट में हर आयु वर्ग के लोग आ सकते हैं।

साइनोसाइटिस (Sinusitis) की समस्या से उभरने के लिए कुछ देशी उपायें होते है जो काफी हद तक मरीज़ों को राहत पहुंचाने में सहायता करते हैं।

  • - साइनोसाइटिस (Sinusitis) में ज्यादा से ज्यादा गर्म चीज़ों का सेवन काफी राहत पहुंचाने क काम करता है। गर्म चीज़ों की वजह से नाक से लगातार पानी बहने के साथ ही छींके भी आ सकती हैं, जिससे मरीज़ को आराम महसूस होता है।
  • - गर्म पानी का भाप लेने से रोज़ाना दिन में 3 से 4 बार लेने से भी साइनोसाइटिस (Sinusitis) में आराम मिलता है।
  • - अदरक का सेवन साइनोसाइटिस (Sinusitis) में बेहद प्रभावशाली होता है। अदरक में मौजूद प्रचूर मात्रा में विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन, आयरन जिंक और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व सर्दी-खांसी जैसे वायरल इंफेक्शन को दूर करने में काफी सहायक होते हैं।
  • -औषिधीये गुणों से भरपूर तुलसी की पत्तियों में विटामिन और खनिज तत्व मौजूद होते हैं। इतना ही नहीं इसमें मुख्य रूप से विटामिन सी, कैल्शियम, जिंक और आयरन आदि की भी प्रचुरता पायी जाती है। साथ ही साथ तुलसी में सिट्रिक, टारटरिक एवं मैलिक एसिड होने से ये साइनोसाइटिस (Sinusitis) की समस्या को दूर करने में बेहद कारगर होता है।
  • - लहसुन में मौजूद एलिकिन नामक औषधीय तत्व के अलावा एंटीऑक्सिडेंट, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण भी होते हैं। इतना ही नहीं लहसुन में विटामिन-B और विटामिन-C पर्याप्त मात्रा के अलावा लहसुन में सेलेनियम, मैगनीज कैल्शियम जैसे तत्व भी प्रचुर मात्रा पाए जाते हैं, जो कि साइनोसाइटिस (Sinusitis) को दूर करने में बेहद प्रभावशाली माने जाते है।


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Ragini Sinha

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