×

Monsoon Diseases: मानसून में हो सकती हैं ये खतरनाक बीमारियां, रहें सावधान

Monsoon Mein Hone Wali Bimariyan: बारिश का मौसम गर्मी से तो राहत देता है, लेकिन इस मौसम में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 10 July 2024 11:44 AM IST
Monsoon Diseases: मानसून में हो सकती हैं ये खतरनाक बीमारियां, जानें लक्षण
X

Monsoon Diseases (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Monsoon Diseases: चिलचिलाती गर्मी और तेज धूप से बारिश काफी ज्यादा राहत देती है। लेकिन मानसून (Monsoon) शुरू होते ही कई बीमारियों (Rainy Season Diseases) का खतरा बढ़ जाता है। इस समय के टेंपरेचर और ह्यूमिडिटी में कीटाणु अधिक सक्रिय हो जाते हैं। साथ ही जगह-जगह जलजमाव, कीचड़ व गंदगी मच्छरों की संख्या को बढ़ने का मौका देता है। ऐसे में इस मौसम में बुखार, खांसी-जुकाम, वायरल फ्लू, इंफेक्शन, स्किन एलर्जी, डेंगू, मलेरिया जैसी कई बीमारियां फैलती हैं। अगर इस दौरान सेहत का खास ख्याल न रखा जाए तो इंसान जल्द ही इन बीमारियों की चपेट में आ सकता है। आइए जानते हैं मानसून में होने वाली कुछ आम बीमारियों (Monsoon Mein Hone Wali Bimariyan) के बारे में।

मानसून में होने वाली बीमारियां (Common Illnesses During Monsoon In India)

1: स्किन एलर्जी (Skin Allergy)- बारिश के मौसम में स्किन एलर्जी होने का खतरा रहता है। मानसून में अक्सर लोग खुजली (Itching) और रैशेज (Rashes) से परेशान रहते हैं। पसीने की वजह से गर्दन, चेहरे, हाथ, पैर, पीठ, कमर जैसे हिस्सों पर खुजली और रैशेज हो जाते हैं। यह स्किन प्रॉब्लम (Skin Problem) बड़े से लेकर छोटे बच्चों में भी देखी जाती है।

2: कोल्ड एंड फ्लू (Cold And Flu)- मानसून के दौरान खांसी-जुकाम होना एक आम समस्या है। कमजोर इम्यूनिटी वालों को ज्यादातर इस मौसम में सर्दी और फ्लू जैसी दिक्कतें हो जाती हैं।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

3: डेंगू (Dengue Fever)- हर साल मानसून के मौसम में डेंगू का प्रकोप देखा जाता है। यह फीमेल एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है। बता दें डेंगू के लक्षण खतरनाक होने पर इससे मौत भी हो सकती है। इसमें तेज बुखार, जी मिचलाना, उल्टी, थकान, सिरदर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते जैसे लक्षण दिखते हैं।

4: चिकनगुनिया (Chikungunya)- यह बीमारी भी मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों में से एक है, जो रूके हुए पानी में पनपते हैं। संक्रमित मरीजों में इसके लक्षण मच्छर के काटने के 3 से 7 दिनों के बाद नजर आते हैं। इसमें बुखार, शरीर और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं।

5: टाइफाइड (Typhoid)- बरसात के मौसम में टाइफाइड के मामलों में भी वृद्धि देखी जाती है। यह आमतौर पर दूषित खाने और पानी से होता है। इसमें आपको तेज बुखार, कमजोरी, पेट दर्द, कम भूख लगना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

6: डायरिया (Diarrhoea)- मानसून में डायरिया भी एक आम समस्याओं में से एक है। यह आमतौर पर प्रदूषित पानी और खाद्य पदार्थों के सेवन के कारण होने वाली बीमारी है। ऐसे में खुद को डायरिया से बचने के लिए हाथ धोकर ही कुछ खाएं। खाद्य पदार्थों को ढंक कर रखें। साथ ही पानी को उबालकर व छानकर पिएं।

7: मलेरिया (Malaria)- मलेरिया बरसात में होने वाली आम और गंभीर संक्रामक बीमारी है। यह रोग भी मच्छरों के कारण होता है, जो जलजमाव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होता है। यह मादा ऐनाफिलिज मच्छर के काटने से फैलता है। इसमें तेज बुखार, कंपकंपी, शरीर का ठंडा पड़ना, अधिक पसीना आने जैसी समस्याएं होती हैं।

8: इन्फ्लुएंजा (Influenza)- यह एक तरह का सीजनल फ्लू है, जो उमस बढ़ने, मौसम और तापमान में अचानक बदलाव के कारण हो सकता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इसलिए इससे और भी ज्यादा सतर्क रहने की जरुरत है। इन्फ्लूएंजा वायरस से नाक, गला और फेफड़ा बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।

नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इस पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।



Shreya

Shreya

Next Story