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कोरोना इफेक्ट : बूम कर गया नॉन कांटैक्ट थर्मामीटर का बिजनेस

नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर दो तरह के होते हैं। टिम्पैनिक थर्मामीटर एक नॉन कॉन्टेक्ट इन्फ्रारेड थर्मामीटर है। जिसका उपयोग कान के अंदर के लिए करते हैं। इससे स्क्रीन पर शरीर का तापमान लिख कर आ जाता है। दूसरा है थर्मल स्कैनर। थर्मल स्कैनर हाथों से पकड़ कर गन की तरह दिखने वाला एक नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर है।

राम केवी
Published on: 23 May 2020 2:48 PM IST
कोरोना इफेक्ट : बूम कर गया नॉन कांटैक्ट थर्मामीटर का बिजनेस
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लखनऊ। थर्मामीटर का नाम लेते ही पारे यानी मर्करी वाले परंपरागत थर्मामीटर की तस्वीर जेहन में आती है। इसके अलावा इलेक्ट्रानिक या डिजिटल थर्मामीटर भी दुकानों या डाक्टरों की क्लीनिक्स में नजर आ जाते हैं। लेकिन अब कोविड-19 के दौर में थर्मामीटर का नाम लेते ही एक नॉन कांटैक्ट उपकरण उभर कर सामने आता है। ऐसा उपकरण जो पिस्टलनुमा होता है और दूर से मत्थे पर निशाना लगा कर टेम्परेचर नाप लिया जाता है। कोई व्यक्ति बुखार से पीड़ित तो नहीं है, इसके लिए अब तो हर जगह इन्हीं नॉन कांटैक्ट थर्मामीटर से लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है।

ग्लोबल मार्केट तीन बिलियन डालर तक हो जाने की उम्मीद

नॉन कांटैक्ट या इन्फ्रारेड थर्मामीटर का चलन चंद महीनों पहले बहुत सीमित था। लेकिन अब इन उपकरणों की डिमांड बहुत बढ़ गई है। सरकारों के अलावा निजी कंपनियों, होटलों और लोगों द्वारा निजी इस्तेमाल के लिए बड़ी संख्या में ये थर्मामीटर खरीदे जा रहे हैं। नॉन कांटैक्ट थर्मामीटर की ग्लोबल मार्केट 2027 तक 3 बिलियन डालर तक हो जाने की उम्मीद है।

अमेरिका के टॉप थर्मामीटर निर्माताओं में से एक अमेरिकन डायग्नोस्टिक कार्पोरेशन के सीईओ मार्क ब्लिटस्टेन के अनुसार नॉन कांटैक्ट थर्मामीटर की डिमांड 900 फीसदी बढ़ गई है। इसी तरह एडीसी डिजिटल थर्मामीटर्स कंपनी में इनकी मांग 300 गुना बढ़ गई है।

दुनिया में थर्मामीटरों के आधे से अधिक का उत्पादन चीन में होता है। नॉन कॉन्टेक्ट इन्फ्रारेड थर्मामीटर इन दिनों बहुत डिमांड में है। भारत में नॉन कॉन्टेक्ट इन्फ्रारेड थर्मामीटर की कीमत 4,000 रुपए से 8,000 रुपए के बीच है।

दो तरह का होता है

नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर दो तरह के होते हैं। टिम्पैनिक थर्मामीटर एक नॉन कॉन्टेक्ट इन्फ्रारेड थर्मामीटर है। जिसका उपयोग कान के अंदर के लिए करते हैं। इससे स्क्रीन पर शरीर का तापमान लिख कर आ जाता है। दूसरा है थर्मल स्कैनर। थर्मल स्कैनर हाथों से पकड़ कर गन की तरह दिखने वाला एक नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर है। ये थर्मामीटर ढेर सारे लोगों की स्क्रीनिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ये बात अलग है कि बहुत से नादान लोग ये समझते हैं कि इस मशीन से शरीर में कोरोना वायरस का संक्रमण पता कर लिया जाता है। ये मशीन सिर्फ बुखार नापती है किसी वायरस का पता नहीं लगाती।

फायदे

नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर किसी भी व्यक्ति या वस्तु का तापमान दूर से मापने में सक्षम है। बिना किसी फिजिकल कॉन्टेक्ट के नॉन कॉन्टेक्ट इन्फ्रारेड थर्मामीटर सतह के तापमान को नाप सकता है।

नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर किसी भी गतिशील व्यक्ति या वस्तु का तापमान मापने में सक्षम है।

इन्फ्रारेड थर्मामीटर के द्वारा कोई संक्रमण फैलने का रिस्क ना के बराबर होता है। साथ ही ये कॉन्टेक्ट थर्मामीटर की तरह दूषित भी नहीं होता है, क्योंकि कॉन्टेक्ट थर्मामीटर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर के कॉन्टेक्ट में आता है।

नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर किसी भी ऑब्जेक्ट के बाहर से ही इस्तेमाल होता है।

नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर की रीडिंग सही और जल्दी मिल जाती है, इसके लिए किसी भी तरह का इंतजार नहीं करना होता है।

नीलमणिलाल की रिपोर्ट



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राम केवी

राम केवी

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