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Tamil Nadu: कोरोना पर हुए शोध में चौंकाने वाला खुलासा, चेन्नई के लोगों की औसत आयु में 4 साल की घटोत्तरी

Corona New Research: एक शोध में बेहद ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ। कोविड 19 के चलते चेन्नई के लोगों की जीवन प्रत्याशा दर में भारी कमी देखी गई है।

Rajat Verma
Report Rajat VermaPublished By Shreya
Published on: 26 April 2022 4:16 PM IST
Tamil Nadu: कोरोना पर हुए शोध में चौंकाने वाला खुलासा, चेन्नई के लोगों की औसत आयु में 4 साल की घटोत्तरी
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कोरोना वायरस (फोटो- न्यूजट्रैक)

Corona New Research: कोरोना संक्रमण के मामले (Corona Cases In India) देशभर में एक बार फिर वापस से उजागर हो रहे हैं। ऐसे में लोगों के भीतर कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर डर एक बार फिर पैदा हो रहा है। कोरोना संक्रमण ने मानव जीवन की कई मायनों में बुरी तरह से प्रभावित किया है। इसी बीच कोविड 19 वायरस के प्रभाव को लेकर तमिलनाडु (Tamil Nadu) की राजधानी चेन्नई (Chennai) में हुए एक शोध (Covid-19 Research) में बेहद ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ। इस खुलासे के अनुरूप कोविड 19 के चलते चेन्नई के लोगों की जीवन प्रत्याशा दर (Life Expectancy Rate) में भारी कमी देखी गई, जो कि पहले कि औसत आयु से 4 साल कम है।

चेन्नई के लोगों की औसत आयु कम होने का कारण कोरोना महामारी (Corona Virus Mahamari) के दौरान बड़ी संख्या में हुई मौतें हैं। बताया जा रहा है कि चेन्नई में कोरोना संक्रमण के चलते मात्र चेन्नई में 25 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जो कि चेन्नई के लोगों की जीवन प्रत्याशा दर यानी औसत आयु के 70.7 वर्ष से 66.4 वर्ष तक आने का सबसे बड़ा कारण माना गया है।

आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मृत्यु में भारी इजाफा

जीवन प्रत्याशा दर की तुलना करें तो चेन्नई की हालत स्पेन, ब्रिटेन, अमेरिका जैसे देशों से भी बदतर रही। इस दौरान शोधकर्ताओं का दावा है कि कोरोना संक्रमण के चलते चेन्नई में हुई मौतें शहर की औसत आयु कम होने का सबसे प्रबल कारण है। चेन्नई में कोरोना संक्रमण के चलते अबतक हुई कुल मौतों में से 17000 से अधिक लोगों की मौतें महज संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान हुई हैं। संक्रमण की चपेट में आने के अतिरिक्त लोगों की आर्थिक हालात भी इसका अहम कारण रहे। एक ओर जहां बीते कुछ सालों में आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों के बीच भी जीवन प्रत्याशा दर में इजाफा हुआ था। वहीं, कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों की मृत्यु में भारी इजाफा देखा गया।

सरकार और सर्वे एजेंसियों द्वारा शोध के इन आंकड़ों को प्रदर्शित करने के पीछे का एकमात्र कारण जागरूकता फैलाना और यह बताना है कि संक्रमण के मद्देनज़र खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। सामाजिक दूसरी का पालन करने के साथ-साथ मास्क लगाना भी बेहद आवश्यक है।

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Shreya

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