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Corona Vaccine: कोविशील्ड लेने के बाद लोगों में दिखी ये दुर्लभ बीमारी, भारत में मिले इतने केस

Corona Vaccine: एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन लेने के बाद कुछ लोगों में दुर्लभ बीमारी के गंभीर लक्षण देखे गए हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Shreya
Published on: 24 Jun 2021 8:15 AM GMT (Updated on: 26 Jun 2021 9:22 AM GMT)
Corona Vaccine: कोविशील्ड लेने के बाद लोगों में दिखी ये दुर्लभ बीमारी, भारत में मिले इतने केस
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वैक्सीनेशन (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Corona Vaccine: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के खिलाफ वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है। ऐसे में सरकार की ओर से लगातार लोगों से वैक्सीन की डोज लेने की अपील की जा रही है। टीके की खुराक लेने के बाद थोड़े बहुत साइड इफेक्ट (Side Effects) देखे जा रहे हैं, जो कि सामान्य हैं। लेकिन एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन से कुछ लोगों में एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (Neurological Disorder) की समस्या देखी गई है, जो चिंताजनक है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन लेने के बाद लोगों में नर्वस सिस्टम (Nervous System) से जुड़ी बीमारी देखी जा रही है, जिसका नाम गुलियन-बेरी सिंड्रोम (GBS) है। दरअसल, इस बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम नर्वस सिस्टम के कुछ हिस्सों पर हमला करने लगता है। ये तंत्रिकाएं दिमाग और रीढ़ की हड्डी के बाहर होती हैं। स्टडी में बताया गया है कि यह एक रेयर बीमारी है, जिसमें मुख्य रूप से चेहरे की नसें कमजोर होने लगती हैं।

कोविशील्ड (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

भारत में मिले कुल 7 मामले

जर्नल एनल्स ऑफ न्यूरोलॉजी में छपी दो अलग-अलग अध्ययनों के मुताबिक, अब तक कुल 11 लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। इसमें से 7 मामले भारत के जबकि 4 केसेस UK के नॉटिंघम के हैं। इन लोगों ने बीमारी के पता चलने से 10 से 22 दिन पहले एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवाई थी। आपको बता दें कि भारत में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन कोविशील्ड के नाम से दी जा रही है।

इन स्टडीज में गुलियन-बेरी सिंड्रोम (GBS) के बारे में प्रमुखता से बताया गया है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि भारत में अधिकांश लोगों को यह बीमारी वैक्सीन की पहली डोज लेने के दो हफ्ते के अंदर हुई है। बताया जा रहा है कि भारत के इन सभी 7 लोगों में इस बीमारी के गंभीर लक्षण पाए गए थे। स्टडी के मुताबिक, इन लोगों के चेहरे के दोनों किनारे इस बीमारी की वजह से कमजोर होकर लटक गए थे। हालांकि आमतौर पर ऐसा GBS के 20 फीसदी से कम मामलों में ही होता है।

ICMR की स्टडी में भी हुआ खुलासा

आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक स्टडी में भी कोरोना से संक्रमित हुई मुंबई की एक गर्भवती महिला में GBS का दुर्लभ मामला सामने आया था। जिसमें प्रेग्नेंसी के 5वें महीने में महिला का अचानक Miscarriage हो गया था। कोरोना से संक्रमित प्रेग्नेंट महिला में इस सिंड्रोम का ये पहला ऐसा मामला है, जिसमें पेट में अचानक बच्चे की मौत हो गई थी।

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Shreya

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