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कोरोना मरीजों पर एक और खतरा: चेहरे पर हो सकता है लकवा, बचने के लिए वैक्सीन जरूरी
Corona Virus: एक लाख कोरोना मरीजों में से 82 में बेल्स पाल्सी के मामले सामने आए हैं, जबकि वैक्सीन लेने वाले 1 लाख लोगों में से 19 में इस बीमारी की पुष्टि हुई है।
Corona Virus: कोरोना वायरस की ताकत को हर किसी ने देख लिया है। पिछले डेढ़ साल से यह वायरस अलग-अलग रूप में लोगों को परेशान कर रहा है। नए लक्षणों को समझने के लिए रिसर्च की जा रही है, ताकि इस बदलते स्वरूप से बचा जा सकें। हाल ही में एक रिसर्च में सामने आया है कि कोरोना मरीजों के चेहरे पर लकवा (Paralysis) होने का खतरा 7 गुना अधिक होता है।
इसे साइंटिफिक भाषा में बेल्स पाल्सी (Bell's Palsy) कहा जाता है। इस बीमारी का दावा यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल क्विवलैंड मेडिकल सेंटर और केस वेस्टर्न रिज़र्व यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन ने किया है।
बेल्स पाल्सी से बचने के लिए वैक्सीन जरूरी
जानकारी के मुताबिक, एक लाख कोरोना मरीजों में से 82 में बेल्स पाल्सी के मामले सामने आए हैं, जबकि वैक्सीन लेने वाले 1 लाख लोगों में से 19 में इस बीमारी की पुष्टि हुई है। यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं। अब ये जानना जरूरी है कि बेल्स पाल्सी से कैसे बचा जाए (Bell's Palsy Se Kaise Bache)। आंकड़ों को देखते हुए लकवे से बचने के लिए कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) को बेहद जरूरी माना जा रहा है।
क्या है बेल्स पाल्सी (Bell's Palsy Kya Hai)
बेल्स पॉलसी मांसपेशियों से जुड़ी एक बीमारी है। इसका सीधा असर मरीज के चेहरे पर दिखता है। लक्षणों की बात की जाए, तो गाल लटक जाना, सीधे स्माइल नहीं करना।
लकवा होने की वजह (Paralysis Hone Ke Karan)
चेहरे पर लकवा होने की वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया है। साइंटिस्ट का मानना है कि शरीर में बीमारियों से बचाने वाले इम्यून सिस्टम में ओवर रिएक्शन होने से सूजन हो जाती है।
लकवा का इलाज (Paralysis Treatment)
साइंटिस्ट के मुताबिक, अगर 2 महीने में सही इलाज मिल जाये, तो ग्रसित व्यक्ति जल्द ठीक हो जाता है। हालांकि व्यक्ति को ठीक होने में 6 महीने भी लग सकते है।
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