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Corona Effect: कोरोना का भयानक असर बच्चों पर, तेजी से बढ़ा डायबिटीज

Corona Virus Effect : एक नई और व्यापक रिसर्च से पता चला है कि कोरोना आने के बाद से दुनिया भर में टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों और किशोरों की संख्या में असामान्य वृद्धि हुई है।

Neel Mani Lal
Published on: 2 July 2023 10:09 AM IST
Corona Effect: कोरोना का भयानक असर बच्चों पर, तेजी से बढ़ा डायबिटीज
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Corona Effect (Photo: Social Media)

Corona Effect: एक नई और व्यापक रिसर्च से पता चला है कि कोरोना आने के बाद से दुनिया भर में टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों और किशोरों की संख्या में असामान्य वृद्धि हुई है। "जामा नेटवर्क ओपन जर्नल" के एक नए अध्ययन में विभिन्न देशों में 38,000 से अधिक युवाओं के डेटा का विश्लेषण किया गया है।

वजह अभी पता नहीं

टोरंटो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने डायबिटीज के मामलों में वृद्धि के कारणों के बारे में कहा है कि यह समझने के लिए और अधिक काम करने की ज़रूरत है।महामारी से पहले बचपन में टाइप 1 डायबिटीज की घटना दर पहले से ही बढ़ रही थी - प्रति वर्ष लगभग 3 फीसदी की दर से। लेकिन हालिया अध्ययन में पाया गया कि कोरोना से पहले की तुलना में महामारी के पहले वर्ष के दौरान दर में 14 फीसदी की वृद्धि हुई थी। कोरोना के दूसरे वर्ष में, डायबिटीज की दर महामारी-पूर्व स्तरों से लगभग 27 फीसदी अधिक थी।

टाइप 1 डायबिटीज क्या है?

- पैंक्रियाज यानी अग्न्याशय में इंसुलिन पैदा करने वाली कोशिकाएं शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा गलती से नष्ट हो जाती हैं। लेकिन इसके कारण पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं और वर्तमान में इसका कोई इलाज नहीं है।
- इस स्थिति वाले लोगों को अपने ब्लड शुगर के स्तर की बारीकी से निगरानी करनी पड़ती है। इसे कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन लेना पड़ता है क्योंकि उनका शरीर स्वचालित रूप से ऐसा नहीं कर सकता है।

क्या है वजह

विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि डायबिटीज मामलों में वृद्धि किस कारण से हुई है, लेकिन कुछ वजहें गिनाई जा सकती हैं। ऐसा ही एक कारण यह है कि कोरोना कुछ बच्चों में ऐसी प्रतिक्रिया उत्पन्न कर सकता है जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन इस प्रकार की ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया की तलाश में किए गए अध्ययनों में पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं।
एक और परिकल्पना यह है कि बचपन में कुछ कीटाणुओं के संपर्क में आने से डायबिटीज सहित कई बीमारियों से बचाव में मदद मिल सकती है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह संभव है कि कोरोना के दौरान लॉकडाउन और शारीरिक दूरी के चलते कई बच्चों को रोगाणुओं का पर्याप्त संपर्क नहीं मिला और वे इस अतिरिक्त सुरक्षा से चूक गए।

टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण

- थकान, प्यास, बार-बार पेशाब लगना और वजन कम होना या पतलापन बढ़ना - ऐसा होने पर सतर्क हो जाएं। इन संकेतों को जानना और शीघ्र निदान और त्वरित उपचार प्राप्त करना जीवन रक्षक हो सकता है।



Neel Mani Lal

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