वैक्सीन तो ठीक पर अपनी फिटनेस पर भी दें ध्यान तभी मिलेगी सुरक्षा

सही खान-पान और एक्सरसाईज से बढ़ेगी रोग-प्रतिरोधक क्षमता

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 20 May 2021 7:44 AM GMT (Updated on: 20 May 2021 7:45 AM GMT)
Everyday exercises will always fit
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फिट रहने के लिए रोज करें योग             pic(social media)

लखनऊ। कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन ही सबसे बड़ी ढाल हैं। इसीलिए दुनियाभर में वैक्सीनेशन पर सबसे ज्यादा जोर है। लेकिन एक बात बेहद महत्वपूर्ण है कि वैक्सीन भी तब ज्यादा असरदार सबित होगी जब इंसान एकदम फिट होगा। अगर आपकी लाइफ स्टाइल अच्छी और स्वस्थ नहीं है तो सिर्फ वैक्सीन से काम नहीं चलेगा।

एक स्टडी के मुताबिक मोटापा कोरोना वैक्सीन का असर कम कर सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वैक्सीन की डोज ऐसे लोगों को अपेक्षित इम्यूनिटी डेवलप नहीं करा सकती। यही नहीं, ऐसे लोगों को कोरोना का संक्रमण जल्दी पकड़ लेने का जोखिम भी रहता है। ये स्टडी पिछले साल अगस्त में ही की गयी थी, जब वैक्सीन के ट्रायल चल रहे थे। स्टडी से पता चला कि अत्यधिक मोटापा और कोरोना से मौत के बीच एक सम्बन्ध है। खासकर छोटे और मध्यम आयु वर्ग के पुरुष को। मोटापे के अलावा डिप्रेशन, तनाव, अकेलापन और खराब स्वास्थ्य शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर करने के साथ कोरोना वैक्सीन के असर को कम कर सकता है। कोरोना की वैक्सीन दिल की बीमारी, किडनी की बीमारी, अनियंत्रित डायबिटीज या कैंसर के मरीजों पर पूरी तरह असरदार नहीं हो सकती, ऐसा भी बताया जा चुका है। एक बड़ी स्टडी में पता भी चला है कि कोरोना से गम्भीर रूप से बीमार पड़ने और मृत्यु होने का सबसे बड़ा जोखिम फिटनेस और फिजिकल एक्टिविटी से जुड़ा हुआ है। जो लोग शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहते, व्यायाम नहीं करते, आरामतलबी वाला जीवन बिताते हैं, उनके कोरोना से गंभीर रूप से बीमार पड़ने की आशंका सबसे ज्यादा है।


क्या करें

एक्सपर्ट्स के अनुसार सप्ताह में 150 मिनट की शारीरिक सक्रियता होनी चाहिए। शारीरिक सक्रियता से आशय है मेहनत वाले व्यायाम, साइकिलिंग, तैराकी, जॉगिंग, ट्रेडमिल जॉगिंग, दौड़भाग वाले खेल वगैरह। 150 मिनट की सक्रियता को सप्ताह भर में डिस्ट्रीब्यूट करके चलना चलिए। ऐसा न करें कि एक दिन एक्टिविटी की और बाकी दिन आराम करते रहे। शारीरिक एक्टिविटी से मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रहता है। ब्लड सर्कुलेशन, हृदय, फेफड़े आदि सभी अवयव सही तरीके से काम करते हैं। ऐसे में वैक्सीन या दवाई, सबसे अच्छी तरह परफॉर्म करती है। भारतीय लोगों में फिजिकल फिटनेस और एक्टिविटी को लेकर बहुत उदासीनता और लापरवाही रहती है। महामारी के परिप्रेक्ष्य में ये पहलू बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।



योग से ऐसे बढ़ाएं अपना ऑक्सीजन लेवल

आंकड़ों की माने तो कोरोना मरीजों की संख्या कम हो रही है पर मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले साल रिकवरी रेट ज्यादा थी, लोग संक्रमित तो होते ही थे पर ठीक भी उसी स्पीड से हो रहे थे। वहीं कोरोना की दूसरी लहर में शरीर में ऑक्सीजन की कमी मौत का एक बड़ा कारण बन गया है। कोरोना संक्रमण फेफड़ों को कमजोर कर देता है। पिछले कुछ दिनों पहले तक सोशल मीडिया पर एक ही संदेश दिखई पड़ता था, फला जगह आक्सीजन की कमी है कोई दिला सकता है क्या, ऐसे ही बहुत सारे पोस्ट हर रोज देखने को मिलते थे। देश के लगभग हर राज्य में ऑक्सीजन की किल्लत देखने को मिली थी। अभी दूसरी लहर गयी भी नहीं कि तीसरी लहर से निपटने की तैयारी राज्य स्तर पर शुरू हो गयी है। ऐसे में हमें खुद को फिट रखना बहुत जरूरी है। और फिट हम तभी रह पाएंगे जब खुद से ही खुद का ख्याल रखेंगे। सही खान पान, योग, प्राणायाम, एक्सरसाइज वगैरह से ही हम अपने और अपने परिवार को कोराना जैसी महामारी से बचा सकते हैं। तो आएये जानते हैं कि योग से कैसे रहेंगे चुस्त-दुरूस्त

अनुलोम-विलोम

अनुलोम विलोम जिसमें हम एक नाक से सांस को अंदर खींचते हैं और कुछ देर सांस राकने के बाद दूसरी नाक से सांस को बाहर निकालते हैं। यही प्रक्रिया हमे कई बार दोहरानी होती है। ऐसा रोज नियम से करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती है साथ में आक्सीजन लेवल भी नियंत्रित रहता है।

गहरी सांस लेने के हैं फायदे

गहरी लेने से फेफडें़ मजबूत हो जाते हैं। आराम से बैठ जाएं और धीरे से नाक से सांस लेते हुए पेट को पूरा हवा से भर लें। और फिर नाक से धीरे-धीरे हवा को बाहर निकालें और यह प्रक्रिया करते समय एक हाथ पेट पर और दूसरा हाथ सीने पर रखें। धीरे-धीरे सांस लेते समय पेट के हवा भरने की क्रिया को महसूस करें। छोड़ते समय पेट के नीचे जाने पर भी महसूस करें। नियम से रोज ऐसा करेने से फेफड़ों में मजबूती आती है।

प्रोन प्रोजिशनिंग

आज कल एस्पर्ट ऑक्सीजन कम होने पर प्रोन प्रोजिशनिंग की सलाह दे रहे है। कोरोना संक्रमित मरीज का ऑक्सीजन लेवल अगर 94 से नीचे आ गया है तो तुरंत घर पर ही ये एक्सरसाइज शुरू कर दें। प्रोन प्रोजिशनिंग में बस पेट के बल लेटना होता है। और थेड़ी-थोड़ी देर में ऐसा करने से लेवल नियंत्रित हो जाता है जब तक आप कोई मेडिकल सुविधा नहीं ले पा रहे हैं ये प्रक्रिया दोहराते रहे।


प्रोन प्रोजीशन pic (social media)


सही खान- पान है जरूरी

इस समय खाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हमें तला-भुना न खाकर पौष्टिक और सुपाच्य भोजन ही करना चाहिए। जरूरी है अपने भोजन में आप प्रोटीन की मात्रा बढांए। तरह-तरह की दालें, बींस, राजमा, चना इत्यादि शमिल करें। और बच्चों को भी फास्ड-फूड न खिला कर प्रोटीन युक्त भोजन खिलाएं।




Pallavi Srivastava

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