कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद इन लक्षणों को ना करें इग्नोर, तुरंत करें वैक्सीन सेंटर पर संपर्क

कोविशील्ड वैक्सीन से जुड़ी सामने आई एक बड़ी खबर, जिसमें ब्लड क्लॉट के साइड इफेक्ट का असर देखा गया है ।

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Newstrack Network NetworkPublished By Monika
Published on: 18 May 2021 3:51 AM GMT (Updated on: 18 May 2021 4:08 AM GMT)
Covshield vaccine may give side effects
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कोरोना वैक्सीन (फाइल फोटो : सोशल मीडिया )

नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी (coronavirus) से सभी परेशान हैं। दो गुनी तेजी से लोग संक्रमित हो रहे है। लेकिन पिछले कुछ समय से संक्रमित मरीकों की संख्या में कमी आई है। कोरोना टीकाकरण अभियान (Corona vaccination campaign) भी तेज कर दिया गया है। हाल ही में भारत की कोविशील्ड वैक्सीन (covishield vaccine) से जुड़ी एक खबर सामने आई है जिसमें ब्लड क्लॉट के साइड इफेक्ट (Blood clot side effects) का असर देखा गया है। जिसके साइड इफेक्ट से लोग काफी घबरा गए है ।

इस मामले को देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर एडवाइजरी जारी की है। जिसमें वैक्सीनेशन के 20 दिन के भीतर थ्रॉम्बोसिस (ब्लड क्लॉट्स) के लक्षण को पहचान करने की अपील की गई है। कोई गंभीर लक्षण दिखे तो इस बात की खबर वैक्सीन सेंटर पर जाकर दर्ज कराया जाए।

इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज

इस एडवाइजरी में कहा गया है कि वैक्सीन ख़ास कर (कोविशील्ड) लगवाने के बाद किसी प्रकार का साइड इफेक्ट दिखे जैसे तेज सिरदर्द, छाती में दर्द, शरीर में सूजन, पेट में दर्द, सांस लेने में दिक्कत होने पर वैसीं सेंटर पर रिपोर्ट करवाए। लेकिन अगर इसके अलावा शरीर के किसी हिस्से पर लाल रंग के धब्बे नजर आ रहे हैं तो भी इसे नजर अंदाज ना करें। माइग्रेन की समस्या रहने वालों को यदि ऐसे लक्षण हो या उन्हें उलटी के साथ या बिना उल्टी पेट में दर्द उठे तो वह भी इसे बारे में रिपोर्ट करें।

भारत में कम ऐसे मामले

खबरों की माने तो ब्रिटेन के मुकाबले भारत के ऐसे मामले काफी कम देखे गए । इस डेटा के मूल्यांकन करने वाली सरकार द्वारा गठित कमेटी ने ये बताया कि पश्चिमी देशों की तुलना ने दक्षिण एशियाई लोगों में टीकाकरण के बाद खून के थक्के बनने की संभावना काफी कम दिखी। डेटा में महिलाओ और पुरुषों में सामान्य रूप से समस्या देखा गया है। उनका ये भी कहना है कि भारत में बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन में किसी तरह के ब्लड क्लॉट की समस्या भारत में नहीं देखी गई है ।

Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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