Coronavirus: एंटीबॉडी कॉकटेल दवा से बुजुर्ग ने कोरोना को हराया, ट्रंप ने भी लिया था इसी का सहारा

Coronavirus: 84 साल के मोहब्बत सिंह मोनोक्लीनिकल एंटीबॉडी कॉकटेल दवा की मदद से कोरोना से ठीक होने वाले देश के पहले मरीज बन गए।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shivani
Published on: 27 May 2021 3:54 AM GMT
Coronavirus: एंटीबॉडी कॉकटेल दवा से बुजुर्ग ने कोरोना को हराया, ट्रंप ने भी लिया था इसी का सहारा
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कोरोना मरीज मेडिकल स्टाफ के साथ (फोटो सोशल मीडिया)

Coronavirus: हरियाणा के गुड़गांव में 84 साल के मोहब्बत सिंह ने मोनोक्लीनिकल एंटीबॉडी कॉकटेल दवा (Monoclonal Antibodies Cocktail) की मदद से कोरोना पर विजय हासिल की है। एंटीबॉडी कॉकटेल दवा से ठीक होने वाले वे देश के पहले मरीज (First Covid Patient) बन गए हैं। उन्हें कोरोना के साथ कई अन्य बीमारियां भी थीं। भारत में कुछ दिनों पूर्व ही एंटीबॉडी कॉकटेल दवा के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति (UP Former President) डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भी पिछले साल कोरोना से संक्रमित होने के बाद इसी दवा का सहारा लिया था। दवा की मदद से वे जल्द ही पूरी तरह ठीक हो गए थे। ठीक होने के बाद वे जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार में सक्रिय हो गए थे।

डोज देने के दूसरे दिन ही अस्पताल से छुट्टी

84 वर्षीय मोहब्बत सिंह पिछले कई दिनों से गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ नरेश रेहान ने बताया कि मंगलवार को इस बुजुर्ग मरीज को मोनोक्लीनिकल एंटीबॉडी कॉकटेल दवा का पहला डोज दिया गया। उन्होंने कहा कि इस दवा ने काफी अच्छा असर दिखाया और दवा का डोज देने के दूसरे दिन बुधवार को ही मोहब्बत सिंह को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

केंद्र ने शुरू किया राज्यों को वितरण

इस एंटीबॉडी कॉकटेल दवा का निर्माण फार्मा कंपनी रॉश और सिप्ला ने किया है। जानकारों के मुताबिक रॉश ने इस दवा के दस हजार पैकेट भारत सरकार को मुहैया कराए हैं। केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न राज्यों को इस दवा का वितरण शुरू कर दिया गया है। जानकारों के मुताबिक राजधानी दिल्ली के मरीजों को यह दवा गुरुवार से मुहैया कराई जा सकती है।
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की ओर से हाल ही में एंटीबॉडी कॉकटेल दवा के इमरजेंसी यूज़ की अनुमति दी गई है। इस दवा को अमेरिका और यूरोप के कई देशों में भी आपातकालीन मंजूरी पहले ही मिल चुकी है।

अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं

डॉक्टर नरेश त्रेहान का कहना है कि कोरोना संक्रमित होने वाले व्यक्ति को 7 दिन के अंदर इस दवाई का डोज देने पर अच्छे नतीजे मिलते हैं। 70 से 80 फ़ीसदी ऐसे लोग जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत होती है, वे इस दवा के सेवन से घर में ही पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप में मोनोक्लीनिकल एंटीबॉडी कॉकटेल दवा का काफी ज्यादा चलन है। काफी संख्या में मरीजों को यह दवा दी जा रही है।

एक डोज की कीमत 59,750 रुपये

दवा का पहला बैच सोमवार को भारत में लॉन्च किया गया था। जानकारों के मुताबिक 15 जून तक दवा का अगला बैच आने की संभावना है। जून तक इस दवा के करीब एक लाख पैकेट भारत पहुंच जाएंगे जिनकी मदद से दो लाख लोगों का इलाज किया जा सकेगा।

इस दवा के मल्टी डोज पैकेट के कीमत करीब 1.19 लाख रुपये होगी और एक पैकेट से दो कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा सकता है। इस तरह इसके एक डोज की कीमत करीब 59,750 रुपये होगी।

बच्चों पर भी असरकारक है दवा

भारत में सिप्ला की ओर से इस एंटीबॉडी दवा की मार्केटिंग की जा रही है। डॉक्टर त्रेहान का कहना है कि कुछ मामलों में बच्चों को भी यह दवा दी जा सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि इस दवा का इस्तेमाल करने से करीब 70 फ़ीसदी मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसकी मदद से मृत्यु दर को भी 80 फ़ीसदी तक कम किया जा सकता है।
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