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Coronavirus: बच्चे हफ्ते भर में दे देते हैं कोरोना को मात, स्टडी में दावा

Coronavirus: एक अध्ययन में पता चला है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर अधिकांश बच्चे हफ्ते भर में ठीक हो जाते हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shreya
Published on: 7 Aug 2021 2:58 PM GMT
Coronavirus: बच्चे हफ्ते भर में दे देते हैं कोरोना को मात, स्टडी में दावा
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Coronavirus: बच्चों में कोरोना संक्रमण की दहशत के बीच एक अध्ययन में पता चला है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर अधिकांश बच्चे हफ्ते भर में ठीक हो जाते हैं। लांसेट पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया है कि कोरोना से संक्रमित बच्चों पर स्टडी करने पर पता चला है कि सिर्फ 4.4 फीसदी बच्चों में चार हफ्ते से ज्यादा समय तक बीमारी के लक्षण बने रहे। इन लक्षणों (Corona Symptoms) में थकान, सिरदर्द और गंध की शक्ति खत्म हो जाना शामिल था।

शोधकर्ताओं ने यूनाइटेड किंगडम (UK) में पिछले साल सितंबर से इस साल फरवरी तक 5 से 17 वर्ष के ढाई लाख बच्चों पर अध्ययन किया। लन्दन के किंग्स कॉलेज में क्लीनिकल एंडोक्रिनोलॉजी की प्रोफेसर एमा डंकन इस अध्ययन की प्रमुख थी। उनका कहना है कि अध्ययन के परिणाम पेरेंट्स, बच्चों, टीचरों और परिवारों के लिए भरोसा दिलाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि घबराने की बात नहीं है, अधिकांश बच्चे समय के साथ स्वस्थ हो जाएंगे।

वैक्सीन (कॉन्सेप्ट फोटो- न्यूजट्रैक)

वैक्सीन पर बहस

इस अध्ययन के परिणाम ऐसे समय में आये हैं जब ये बहस चल रही है कि टीनेजरों को वैक्सीन लगाई जाए कि नहीं। भारत समेत कई देशों में स्कूल खोलने पर भी एक राय नहीं बन पा रही है। सबको चिंता है कि बच्चों को कोरोना संक्रमण हो गया तो फिर क्या होगा। भारत तथा तमाम अन्य देशों में बच्चों का वैक्सीनेशन (Children's Vaccination) भी शुरू नहीं हुआ है।

यूनाइटेड किंगडम में बच्चों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाने की तैयारी है लेकिन अधिकारियों ने कहा है कि 12 से 17 वर्ष की उम्र वाले सिर्फ उन्हीं बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी जिनको हेल्थ संबंधी कोई समस्या (Health Issues) है। उधर जर्मनी में सभी टीनेजरों को वैक्सीन देने की बात चल रही है।

बहरहाल, नई स्टडी के डेटा का विश्लेषण डेल्टा वेरियंट के प्रकोप के पहले किया गया था। हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि डेल्टा वेरियंट से संक्रमित बच्चों का डेटा पहले वाले वेरियंट्स के संक्रमण के डेटा से मिलता जुलता है।

हालांकि सीडीसी के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में डेल्टा वेरियंट से बच्चे काफी बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल जुलाई - अगस्त में 45 हजार से ज्यादा बच्चे अस्पताल में भर्ती किये गए हैं। सीडीसी ने बताया है कि औसतन रोजाना 192 बच्चे कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती किये जा रहे हैं। एक हफ्ते में ऐसे बच्चों की संख्या 45.7 फीसदी बढ़ गई है।

(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

आंखों पर असर

इस बीच हांगकांग में हुई एक अन्य स्टडी से पता चला है कि कोरोना से संक्रमित बच्चों की आंखें कमजोर हो जाती हैं। ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थमोलॉजी में छपे एक अध्ययन में बच्चों की आंखों पर कोरोना महामारी के असर की पड़ताल की गई है। अध्ययन में पता चला है कि कोरोना से संक्रमित करीब 20 फीसदी बच्चों में पास की नजर कमजोर हो गई। शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि जो बच्चे संक्रमित नहीं हुए उनकी भी पास की नजर प्रभावित हुई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि लम्बे समय तक गरों में बंद रहने और ज्यादातर समय मोबाइल, टीवी आदि के साथ बिताने से ऐसा हुआ है।

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