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Coronavirus: Omicron BA.2 नहीं बनेगा एक और कोरोना के लहर का कारण, बोले स्वास्थ्य विशेषज्ञ

Coronavirus: भारत में बड़े पैमाने पर नए मामले ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब वेरिएंट Omicron BA.2 के ही हैं। लेकिन भारत के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे लेकर एक राहत भरी बात कही है। देश के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में कोरोना केसों के एक औऱ उछाल का कारण Omicron BA.2 नहीं बनेगा।

Krishna Chaudhary
Written By Krishna ChaudharyPublished By Deepak Kumar
Published on: 21 Feb 2022 6:36 PM IST
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Corona Virus

Coronavirus: बीते दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ओमिक्रॉन (Omicron) का असर कम होने पर दुनिया को चेताया था कि भविष्य में इससे भी खतरनाक कोरोना के वेरिएंट आ सकते हैं। इस दौरान WHO की महामारी विशेषज्ञ डॉ मारिया वान केरखोव (Epidemiologist Dr Maria Van Kerkhove) ने मौजूदा ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब वेरिएंट Omicron BA.2 के विश्व स्तर पर फैलने की आशंका जाहिर की थी। उन्होंने बताया था कि BA.2 में ओमिक्रॉन के मुकाबले तेज फैलने की क्षमता है।

इस दावे ने भारत सरकार (Indian Government) को चिंता में डाल दिया था। क्योंकि भारत में बड़े पैमाने पर नए मामले ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के सब वेरिएंट Omicron BA.2 के ही हैं। लेकिन भारत के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे लेकर एक राहत भरी बात कही है। देश के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में कोरोना केसों के एक औऱ उछाल का कारण Omicron BA.2 नहीं बनेगा।

BA.2 ओमिक्रॉन संस्करण की एक उप-वंशावली है: डॉ राजीव जयदेवन

मीडिया से बात करते हुए नेशनल आईएमए कोविड टास्क फोर्स (National IMA Covid Task Force) के उप प्रमुख डॉ राजीव जयदेवन (Deputy Chief Dr. Rajeev Jayadevan) ने बताया कि BA.2 ओमिक्रॉन संस्करण की एक उप-वंशावली है, जो देश में तीसरी लहर का कारण बनी। उन्होंने बताया कि BA.2 उन लोगों को संक्रमित नहीं कर सकता जिनके पास पहले COVID-19 का BA.1 उप-संस्करण था। BA.2 BA.1 वाले लोगों को संक्रमित करने में सक्षम नहीं है। यह कोई नया वायरस या स्ट्रेन नहीं है। BA.2 ओमिक्रॉ़न का एक उप-वंश है। ये देश में कोरोना के एक औऱ उछाल का कारण नहीं बनेगा।

जयदेवन (Deputy Chief Dr. Rajeev Jayadevan) ने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन संस्करण ने दिखाया कि वैक्सीन प्रतिरक्षा "आसानी से वेरिएंट से आगे निकल सकती है" और यह प्रवृत्ति भविष्य में भी देखी जाती रहेगी, अगर वायरस के उत्परिवर्तन के बाद नए संस्करण सामने आते हैं। उन्होंने आगे कहा कि ओमिक्रॉन ने दिखाया कि वैक्सीन प्रतिरक्षा को भी वेरिएंट द्वारा आसानी से पार किया जा सकता है और भविष्य में इस प्रवृत्ति की उम्मीद की जाएगी क्योंकि नए वेरिएंट आएंगे। लेकिन बीए.1 और बीए.2 दोनों में प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता है, जिसका अर्थ है कि यदि आप स्वाभाविक रूप से संक्रमित हैं , या यदि आपको टीका लगाया गया है या दोनों, तो भी यह वायरस हमें संक्रमित कर सकता है।

हमारे आसपास लंबे समय तक रहने वाला है कोविड: उप प्रमुख

कोविड टास्क फोर्स (National IMA Covid Task Force) के उप प्रमुख ने बताया कि कोविड हमारे आसपास लंबे समय तक रहने वाला है। यह बहुत लंबे समय तक उतार-चढ़ाव में आएगा। जब अगला वेरिएंट आएगा, तो उछाल आएगा। हम नहीं जानते कि यह कब होगा, लेकिन इतिहास कहता है कि यह अनिवार्य रूप से छह से आठ महीने में एक बार हो सकता है और आमतौर पर यह इसी तरह काम करता है। जापान में हैम्स्टर्स पर किए गए एक अध्ययन का हवाला देते हुए, डॉ जयदेवन ने कहा कि BA.2 फेफड़ों की गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।

वैश्विक स्तर पर ओमिक्रॉन बीए.2 मामलों की प्रवृत्ति पर, डॉ जयदेवन ने कहा, "ऐसा माना जाता है कि बीए.2 भारत में बढ़ रहा है। लेकिन भारत के अलावा ये अन्य एशियाई देशों, समस्त यूरोप और यूएस में भी पैर पसार रहा है। बता दें कि ओमिक्रोन बीए.2 का उपनाम स्टील्थ ओमिक्रोन भी है। सबसे पहले इसके मामले दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन में देखे गए थे। इसके बाद धीरे – धीरे ये पूरी दुनिया में फैलने लगा।

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