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Covid 19 : कोरोना महामारी ने घटा दी दो साल की जिन्दगी, WHO का दावा

Covid 19 : कोरोना वायरस ने बहुत कुछ बिगाड़ दिया है। सबसे बड़ी बात ये कि इस महामारी ने इंसानों की जिदंगी के दो अमूल्य वर्ष कम कर दिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना महामारी ने औसत उम्र और स्वस्थ जीवन, दोनों के साथ बड़ा उलटफेर कर दिया है।

Neel Mani Lal
Published on: 25 May 2024 6:58 PM IST
Covid 19
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सांकेतिक तस्वीर (Photo - Social Media)

Covid 19 : कोरोना वायरस ने बहुत कुछ बिगाड़ दिया है। सबसे बड़ी बात ये कि इस महामारी ने इंसानों की जिदंगी के दो अमूल्य वर्ष कम कर दिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना महामारी ने औसत उम्र और स्वस्थ जीवन, दोनों के साथ बड़ा उलटफेर कर दिया है।

डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी विश्व स्वास्थ्य सांख्यिकी के नवीनतम संस्करण के मुताबिक कोरोना महामारी ने औसत जिन्दगी यानी जीवन प्रत्याशा बढ़ाने की दिशा में किये गए कामों को बर्बाद कर दिया है। आंकड़ों के अनुसार 2019 और 2021 के बीच ग्लोबल जीवन प्रत्याशा 1.8 वर्ष घटकर 71.4 वर्ष पर आ गयी। यानी अब औसत जिन्दगी 2012 के लेवल पर लौट गयी है। इसी तरह वैश्विक स्वस्थ जीवन प्रत्याशा 2021 में 1.5 वर्ष गिरकर 61.9 वर्ष (2012 के स्तर पर वापस) हो गई।

सबसे ज्यादा असर अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया में

रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा असर अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया में हुआ है जहाँ 2019 और 2021 के बीच जीवन प्रत्याशा में लगभग 3 वर्ष और स्वस्थ जीवन प्रत्याशा में 2.5 वर्ष की गिरावट आई। इसके विपरीत पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र पहले दो वर्षों के दौरान न्यूनतम रूप से प्रभावित हुआ था। वहां महामारी के कारण जीवन प्रत्याशा में 0.1 वर्ष से कम और स्वस्थ जीवन प्रत्याशा में 0.2 वर्ष से कम की हानि हुई। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयसस ने कहा है कि सिर्फ दो वर्षों में कोरोना महामारी ने जीवन प्रत्याशा में एक दशक की बढ़त को मिटा दिया है।

गैर-संचारी रोग अभी भी सबसे जानलेवा

कोरोना तेजी से मौतों के एक प्रमुख कारण के रूप में उभरा है। 2020 में यह विश्व स्तर पर मृत्यु दर का तीसरा सबसे बड़ा कारण और 2021 में दूसरे स्थान पर रहा। इस अवधि के दौरान लगभग एक करोड़ तीस लाख लोगों की जान चली गई।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट ये भी बताती है कि गैर-संचारी यानी बिना छूत वाले रोग जैसे कि हृदय रोग और स्ट्रोक, कैंसर, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, अल्जाइमर रोग, डिमेंशिया और मधुमेह महामारी से पहले सबसे बड़े हत्यारे थे। ये सभी 2019 में कुल मौतों में से 74 फीसदी के लिए जिम्मेदार थे। महामारी के दौरान भी गैर संचारी रोगों के कारण 78 फीसदी गैर-कोरोना मौतें हुईं।

मोटापा और कुपोषण

रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया कुपोषण और मोटापे की एक विशाल और जटिल समस्या का सामना कर रही है। 2022 में पांच साल और उससे अधिक उम्र के एक अरब से अधिक लोग मोटापे के शिकार थे जबकि आधे अरब से अधिक लोग कम वजन वाले थे। बच्चों में कुपोषण भी गंभीर था। पांच साल से कम उम्र के 148 मिलियन बच्चे बौनेपन से प्रभावित थे, 45 मिलियन बच्चे कमज़ोरी और 37 मिलियन अधिक वजन से पीड़ित थे। 2021 में लगभग 1.3 अरब लोग या वैश्विक आबादी का 16 फीसदी विकलांगता से पीड़ित थे।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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