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Covid-19 and Dementia: कोविड-19 से ग्रस्त हुए लोग हो रहे हैं डिमेंशिया के शिकार!
Covid-19 and Dementia: डिमेंशिया मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी से सम्बंधित होता हैं।
Covid-19 and Dementia: विगत दो वर्षों से सम्पूर्ण विश्व कोरोना का दुष्प्रभाव झेल रहा है। बता दें कि कोविड-19 महामारी का ये तीसरा साल भी दुनिया भर में ओमिक्रॉन वैरिएंट के साथ कोरोना की चौथी लहर का साया मंडरा रहा है। हालाँकि अभी तक ओमिक्रॉन की बहुत गंभीर स्थिति सुनने में नहीं आयी है। बल्कि इससे जुड़े ज़्यादातर लक्षण कुछ ही दिनों या हफ्तों में ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन इनमें से ऐसे भी कई लक्षण मिले है जो रिकवरी के बाद भी व्यक्ति को परेशान करते रहते हैं।
कोविड-19 का दुष्प्रभाव दिमाग़ पर भी असर करेगा
ऐसे में लक्षणों की शुरुआत के बाद कई हफ्तों या महीनों तक मरीज़ का ठीक नहीं होना लॉन्ग कोविड के रूप में जाना जाता है। बता दें कि कोविड-19 का दुष्प्रभाव सिर्फ शरीर पर ही नहीं बल्कि दिमाग़ पर भी असर करता है। जो बेहद चिंताजनक है। गौरतलब है कि कोविड -19 महामारी के मनोवैज्ञानिक परिणामों में ब्रेन फॉग, चिंता, मूड बदलना, ध्यान केंद्रित करने या चीजों को याद रखने में मुश्किल और नींद न आना शामिल है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इसके मनोवैज्ञानिक परिणामों में डिमेंशिया का ख़तरा भी शामिल है?
डिमेंशिया को भूलने की बीमारी के नाम से भी जानते हैं
बता दें कि डिमेंशिया (Dementia) बिमारियों के लक्षणों के समूह का नाम है, जो मस्तिष्क की हानि से सम्बंधित होता हैं। जो Dementia शब्द 'de' मतलब without और 'mentia' मतलब mind से मिलकर बना है। साधारण भाषा में ज्यादातर लोग डिमेंशिया को भूलने की बीमारी के नाम से भी जानते हैं। लेकिन याददाश्त की समस्या ही इसका एकमात्र प्रमुख लक्षण नहीं है।
बल्कि इसके अन्य भी कुछ प्रमुख लक्षण है जो डिमेंशिया (Dementia) होने का संकेत देते हैं। जिनमें किसी बात को यूं ही दोहराते रहना, बात को समझने में समस्या, सामाजिक तौर-तरीके भूल जाना, अजीब बातें करना, असभ्य भाषा इस्तेमाल करना, गाली देना, अश्लील हरकतें करना, किसी काम को बहुत कोशिश के बाद भी याद न रख पाना, सोचने-समझने की शक्ति कम हो जाना और लगातार खराब डिसीजन लेना इत्यादि भी डिमेंशिया (Dementia) के लक्षण होते हैं।
कोविड-19 हो सकता है डिमेंशिया (Dementia) की वजह
कोविड -19 महामारी के मनोवैज्ञानिक परिणामों में ब्रेन फॉग, चिंता, मूड बदलना, ध्यान केंद्रित करने या चीजों को याद रखने में मुश्किल और नींद न आना शामिल है। इन लक्षणों का सीधा सम्बन्ध आपके ब्रेन यानि दिमाग से हैं। बता दें कि कोविड -19 आपके तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है। जिसमें रक्त-मस्तिष्क अवरोध की उपस्थिति के कारण वायरस दिमाग़ से प्रवेश नहीं कर पाता है। लेकिन यह आपके नाक, मुंह या आंखों के ज़रिए शरीर में प्रवेश कर गले तक जाता है। जहां से यह फेफड़ों या अन्य अंगों में भी प्रवेश कर सकता है। बता दें कि कुछ मामलों में, रक्त मस्तिष्क अवरोध वायरस से बाधित हो आसपास के न्यूरॉन्स में प्रवेश कर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र तक में प्रवेश कर सकती है।
रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि बढ़ी हुई सूजन तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित कर रोगियों को प्रलाप, चेतना के स्तर में कमी, स्ट्रोक और अन्य जटिलताओं से सामना कराती है। इतना ही नहीं शोध में यह खुलासा हुआ है कि सूजन जितनी अधिक होगी, रोगी में कोविड-19 के लक्षण उतने ही गंभीर होंगे।
कई रिसर्च के बाद डिमेंशिया और कोविड-19 जैसे वायरल संक्रमणों के बीच एक संबंध की पुष्टि की गयी है। बता दें कि डिमेंशिया (Dementia) से पीड़ित लोगों में कोविड का ख़तरा औरों के मुकाबले बढ़ जाता है। इतना ही नहीं जो लोग कोविड से पीड़ित होते हैं उनमें भी डिमेंशिया का जोखिम ज्यादा माना जाता है।
थ्रॉम्बोसिस भी कोविड-19 से पीड़ित लोगों के लिए एक प्रबल ख़तरा माना जाता है। बता दें कि स्ट्रोक्स का सबसे बड़ा कारण थ्रॉम्बोसिस है। इतना ही नहीं कोविड से जूझ रहे हैं मरीज़ों की उनमें मौत का कारण भी ये बन सकता है। हालांकि, अभी किसी भी रिसर्च में यह साफ़ तौर नहीं बताया जा सका है कि डिमेंशिया का मुख्य कारण कोविड-19 बन सकता है या फिर ये पहले से मौजूद डिमेंशिया को और गंभीर स्थिति में लाने को ज़िम्मेदार है।