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Covishield Side Effects: कविडशील्ड से हो रही लोगों को एक और घातक बीमारी, जानिए क्या है ये नया खतरा

Covishield Side Effects: एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन कोविडशील्ड के एक साइड इफ़ेक्ट का पता चलने के बाद अब एक और खतरे की बात सामने आई है जिसने सभी को परेशान कर दिया है।

Shweta Srivastava
Published on: 18 May 2024 11:46 AM IST
Covishield Side Effects
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Covishield Side Effects (Image Credit-Social Media)

Covishield Side Effects: एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन कोविडशील्ड के साइड इफेक्ट्स सामने आने की बात ने दुनियाभर में लोगों को परेशान कर दिया था वहीँ अब एक और चौकाने वाला खुलासा हुआ है जिसने लोगों की परेशानी को और भी ज़्यादा बढ़ा दिया है। आइये जानते हैं कौन सी नई बीमारी का खतरा अब बढ़ सकता है।

कोविडशील्ड से होने वाला नया खतरा (New Side Effect of AstraZeneca Covid Vaccine)

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की मदद से बनाई गई ब्रिटिश स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन की वजह से लोगों को इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और थ्रोम्बोसिस का खतरा बढ़ने की रिपोर्ट आई थी वहीँ अब एक नए खतरे ने भी दस्तक दी है। जिससे लोगों में ब्लड क्लॉटिंग डिसऑर्डर पाया गया है। इसका पता एक रिसर्च द्वारा लगाया गया है। इसका दावा ऑस्ट्रेलिया की फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी और कुछ अन्य इंटरनेशनल रिसर्चर ने हाल ही में किया है।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट के रूप में इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और थ्रोम्बोसिस का खतरा लोगों में होता नज़र आया था। जिससे खून का थक्का जम जाता है। वहीँ इन आरोपों के चलते कंपनी ने अपनी वैक्सीन दुनियाभर से वापस मंगवाने का फैसला लिया था।

वहीँ अब ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से एक नई बीमारी का खतरा होने की बात कही जा रही है जो VITT एक नई बीमारी के रूप में सामने आई है। आपको बता दें कि घातक ब्लड ऑटोएंटीबॉडी में प्लेटलेट फैक्टर 4 (PF 4) को वीआईटीटी का कारण बताया गे है। ये बीमारी नेचुरली एडेनोवायरस यानी सामान्य सर्दी संक्रमण के बाद कुछ मामलों में खतरनाक रूप से पाई गयी।

इस नए रिसेर्च में पाया गया कि एडेनोवायरस इंफेक्शन से जुड़े वीआईटीटी और क्लासिक एडेनोवायरल वेक्टर VITT दोनों में PF4 एंटीबॉडी समान मॉलिक्यूलर मौजूद है। इसका पता ऑस्ट्रेलिया में फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी और दुनिया के दूसरे विशेषज्ञों द्वारा किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह के डिसऑर्डर में खतरनाक एंटीबॉडी बनने का एक जैसा ही तरीका है।

गौरतलब है कि साल 2022 के एक रिसर्च में शोधकर्ताओं की टीम ने पीएफ4 एंटीबॉडी के मॉलिक्यूलर का पता लगाया था और एक आनुवंशिक खतरे की पहचान भी की थी। वहीँ नए परिणामों में टीके की सेफ्टी को लेकर कुछ ज़रूरी सुझाव भी दिए गए हैं।



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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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