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Dementia: नींद में आने वाली परेशानी सेहत के लिए हो सकती है बुरी, बढ़ सकता है डिमेंशिया का खतरा

Dementia : एक अच्छी नींद शरीर के लिए रिस्टोरेटिव होती है और साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 8 Jan 2024 11:15 AM IST (Updated on: 8 Jan 2024 11:16 AM IST)
Dementia
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Dementia (Photos - Social Media)

Dementia : डिमेंशिया एक ब्रेन डिसॉर्डर है जो स्मृति, विचार और दैहिक क्षमता को प्रभावित करता है। यह एक गंभीर रोग हो सकता है जो सामाजिक, पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित कर सकता है। यह अलजाइमर रोग जैसे विभिन्न कारणों से हो सकता है। डॉक्टर्स इसे ब्लड परीक्षण, इमेजिंग टेस्ट्स जैसे तकनीकों के माध्यम से निदान कर सकते हैं। इसका कोई क्योंकि उपचार नहीं है, लेकिन कुछ दवाइयाँ और थेरेपी रोगी के लक्षणों को संभाल सकती हैं। सुकून की नींद लेना बहुत आवश्यक होता है। नींद गहरी और पूर्ण हो ताकि शरीर और मस्तिष्क दोनों को विश्राम मिल सके। एक अच्छी नींद शरीर के लिए रिस्टोरेटिव होती है और साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है।

डिमेंशिया के लक्षणों में मुख्य रूप से मेमोरी लॉस, स्वयं को सही से नभाना, दिनचर्या की कमी, भाषा में कठिनाई, और निर्णय लेने की क्षमता में घातक गिरावट शामिल होती है। डिमेंशिया कई रूपों में हो सकती है, जिसमें अल्जाइमर रोग, वैस्कुलर डिमेंशिया, ल्यूइ बॉडी डाइसीज, फ्रंटो-टेम्पोरल डिमेंशिया, इत्यादि शामिल हैं। इसका इलाज आमतौर पर ब्रेन स्टिमुलेशन, दवाइयां और थैरेपी के माध्यम से किया जा सकता है, लेकिन यह बराबरी की पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता है।

नींद नहीं होती पूरी

नींद की गहराई और सुकून को पूरा करने के लिए, आपको दिन में अपने व्यायाम, खाने-पीने, और रिलेक्सेशन के पैटर्न का ध्यान रखना चाहिए। योग, मेडिटेशन, ध्यान, गहरी सांसें लेना, और संतुलित डाइट नींद को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। साथ ही, समय पर सोना भी महत्त्वपूर्ण है। नियमित सोने की आदत बनाने से नींद की क्वालिटी में सुधार हो सकता है और दिनभर की थकान को कम करने में मदद मिलती है। व्यस्त जीवनशैली में भी सोने का खास ध्यान रखना चाहिए ताकि आपका शरीर और मस्तिष्क सही ढंग से विश्राम पा सके।




इन टिप्स को करें फॉलो

नींद की अच्छी क्वालिटी के लिए नियमित समय पर सोना बेहद महत्त्वपूर्ण है।

सोने से पहले स्क्रीनों से दूर रहने का प्रयास करें, क्योंकि ब्लू लाइट नींद को प्रभावित कर सकता है।

दिनभर की थकान के बाद समाप्ति समय तक समय रखने का प्रयास करें।

सोने के लिए शांतिपूर्ण, ठंडा और अंधेरे माहौल को प्राथमिकता दें।

सेहतमंद और संतुलित भोजन खाने से भी अच्छी नींद मिल सकती है।




नींद पूरा होने के फायदे

कई शोधों ने दिखाया है कि नींद की कमी या अच्छी नींद न लेने से कॉग्निटिव हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है और यह बढ़ती उम्र में डिमेंशिया जैसी बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकती है। अच्छी नींद से वंशानुगतीकरण और नये सूत्रों की गठरी में सहायता मिलती है, जो कॉग्निटिव क्षमता के लिए जरूरी होती है। अच्छी नींद से ध्यान और सामर्थ्य की बढ़ती क्षमता मिलती है, जो कोशिशों में सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। नींद के दौरान मस्तिष्क के कुछ हिस्से बदलते रहते हैं जो की न्यूरोडेजेनरेशन को संवारने में मदद कर सकते हैं। नींद की कमी से स्ट्रेस हो सकता है।



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Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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