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Dementia Symptoms: जंक फ़ूड के सेवन से बढ़ रहा डिमेंशिया का खतरा, पता चलते ही अलर्ट रहें
Dementia Symptoms: जंक फूड हमारे सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं। डिमेंशिया की समस्या का कारण जंक फूड भी है। दरअसल ज्यादातर लोग डिमेंशिया को भूलने की बीमारी के नाम से जानते हैं।
Dementia: जंक फूड हमारे सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं। डिमेंशिया की समस्या का कारण जंक फूड भी है। दरअसल ज्यादातर लोग डिमेंशिया को भूलने की बीमारी के नाम से जानते हैं। याददाश्त की समस्या एकमात्र इसका प्रमुख लक्षण नहीं है। डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति को दैनिक कार्य करने में भी दिक्कतें होती हैं और ये दिक्कतें उम्र के साथ बढ़ती जाती हैं। ऐसे में बेहद जरूरी है कि जंक फूड के सेवन से दूरी बनाएं।
दरअसल डिमेंशिया से जुड़े एक सर्वे के अनुसार जो लोग अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन खाते हैं और चीनी, वसा और नमक का सेवन भी अधिक मात्रा में करते हैं, उनमें डिमेंशिया विकसित होने का खतरा उन लोगों से अधिक होता है जो अपने आहार में कम मात्रा में जंक फूड को शामिल करते हैं।
बता दे की अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में शीतल पेय, नमकीन और शर्करा युक्त स्नैक्स, आइसक्रीम, सॉसेज, डीप-फ्राइड चिकन, डिब्बाबंद बेक्ड बीन्स, केचप और तेल वाले अनाज शामिल हैं। जो दिमाग को हेल्दी रखने में बाधा डालते हैं। जब जंक फूड का बहुत अधिक सेवन किया जाता है, तो इसमें पाए जाने वाले अतिरिक्त वसा, कार्बोहाइड्रेट और प्रोसेस्ड शुगर मोटापे, हृदय रोग, मधुमेह, वजन बढ़ने, डिमेंशिया और कई अन्य समस्याओं के बढ़ते जोखिम में योगदान देते हैं।
पैनक्रियास इंसुलिन के विपरीत मस्तिष्क में भी उत्पन्न होता है, जो तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संकेतों को याद करता है और यादें बनाते हैं। लेकिन शरीर में इंसुलिन के बढ़ते स्तर को बढ़ाने के कारण यह प्रक्रिया बाधित होती है। जो लोग हर रोज जंक फूड खाते हैं उनके दिमाग पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। मस्तिष्क की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है। यहां तक की याददाश्त भी कमजोर हो सकती है। फास्ट फूड खाने वाले लोगों को टाइप-2 डायबिटीज हो सकता है और उनके मस्तिष्क की कार्यक्षमता में गिरावट आ सकती है। ऐसे लोग डिमेंशिया के शिकार भी जल्द हो सकते हैं।
ऐसे में अगर आप ज्यादा बर्गर और पिज्जा खाते हैं तो सतर्क हो जाएं। इससे आपके दिमाग का स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ सकती है। दुनिया की 30 फीसदी से ज्यादा आबादी मोटापे का शिकार है। वहीं एक सर्वे के अनुसार यह सामने आया है कि साल 2030 तक दुनिया की 10 फीसदी आबादी टाइप 2 डाइबिटीज का शिकार हो जाएगी। लोग अपनी डाइट में ऐसा भोजन शामिल कर रहें है जो उनके दिमाग के स्वास्थ्य के लिए घातक है। ज्यादा जंक फूड खाने से दिमाग सिकुड़ने और डिमेंशिया की समस्या होने लगती है।
बता दे कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ सुविधाजनक और स्वादिष्ट जरूर होते हैं, लेकिन वे किसी व्यक्ति के आहार की गुणवत्ता को कम कर देते हैं। दरअसल इन खाद्य पदार्थों में पैकेजिंग से या हीटिंग के दौरान उत्पादित खाद्य योजक या अणु भी हो सकते हैं, जो सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। जंक फूड डिमेंशिया के बढ़ते जोखिम से जुड़े हैं, जिसे संतुलित और पौष्टिक आहार के साथ बदलने से डिमेंशिया का खतरा कम हो सकता है। ऐसे में ज्यादा मात्रा में जंक फूड खाने की आदत को बदल डालें। यह आपके सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है।