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Dengue Fever Treatment: डेंगू के लक्षणों को न करें नजरअंदाज, प्लेटलेट्स इतने पर होती है चढ़ाने के जरूरत
Dengue Fever: डेंगू के शुरूआती लक्षण बिल्कुल आम होते हैं जैसे वायरल फीवर के होते है। ऐसे में इसे नॉर्मल वायरल फीवर समझ के लोग बुखार की दवाई खाते रहते हैं जिससे डेंगू और ज्यादा घातक रूप लेता जाता है और प्लेटलेट्स डाउन होती जाती है।
Dengue Fever Treatment Platelets: भारत के कई राज्यों में बीते एक महीने से डेंगू का भीषण प्रकोप है। इन राज्यों के अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या से प्रशासन के हाथ-पैर ढीले हो गए हैं। लगातार गली-मोहल्लों में कीटनाशक दवाईयों के छिड़काव के बाद डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। डेंगू एक वायरल इंफेक्शन है जोकि संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू के शुरूआती लक्षण बिल्कुल आम होते हैं जैसे वायरल फीवर के होते है। ऐसे में इसे नॉर्मल वायरल फीवर समझ के लोग बुखार की दवाई खाते रहते हैं जिससे डेंगू और ज्यादा घातक रूप लेता जाता है और प्लेटलेट्स डाउन होती जाती है। कभी कदार कमजोर इम्यूनिटी के मरीज में डेंगू होने पर प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगती है, जिसके लाखों से आकर प्लेटलेट्स की काउंटिग हजारों में आ जाती है और इन स्थितियों में मरीज को ब्लीडिंग होने लगती है। समय पर सही इलाज न होने पर मरीज की जान भी जा सकती है। इसलिए समय रहते हैं डेंगू के मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ा दिए जाते हैं। तो आइए आपको डेंगू बुखार के बारे में महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
डेंगू के मुख्य लक्षण
डेंगू मच्छर के काटने से होता है। डेंगू होने का सबसे सामान्य लक्षण ठंडी लगने के साथ तेज बुखार आता है। बुखार के साथ ही पूरे शरीर में दर्द और सिर दर्द होता है। डेंगू का बुखार एडीज मच्छर के काटने से होता है। जब डेंगू का वायरस एडीज मच्छर के द्वारा खून चूसने के बाद शरीर में जाता है तो फिर संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है उस व्यक्ति में भी 3-5 दिन के अंदर डेंगू के लक्षण दिखने लगते हैं।
प्लेटलेट को लेकर जानकारी
डेंगू के लक्षण होने पर मरीज को समय से डेंगू का इलाज शुरू कर देना चाहिए। अन्यथा प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं। ऐसे में बहुत से लोग प्लेटलेट्स चढ़वाने की राय देते हैं। इस बारे में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और जनरल फिजीशियन डॉ. अनिल बंसल ने जानकारी देते हुए कहा कि डेंगू फीवर में ग्रसित मरीजों का प्लेटलेट काउंट तेजी से कम हो जाते हैं। किसी-किसी मरीज के मामले में प्लेटलेट काउंट मात्र कुछ हजार ही रह जाता है।
वैसे सामान्य रूप से स्वस्थ व्यक्ति के खून में 1.50 से 4.50 लाख प्लेटलेट काउंट होता है। तो अगर किसी भी डेंगू के मरीजों का प्लेटलेट काउंट 20 हजार से कम हो जाता है तो ऐसी स्थिति में प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
लेकिन डेंगू के कुछ फीसदी मामलों में ही ऐसा होता है। नहीं तो ज्यादातर मरीज बिना प्लेटलेट्स चढ़ाए ही उपायों और दवाईयों से रिकवर कर लेते हैं। लेकिन डेंगू के लक्षण दिखने पर मरीज को तुंरत ब्लड टेस्ट जरूर कराना चाहिए। नहीं तो स्थिति खराब होने पर रिकवर होने में दिक्कतें आने लगती है।