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Depression Effect & Treatment: क्या आपको भी अकेलेपन से है प्यार, तो हो जाएं सावधान नहीं तो हो सकती है परेशानी

Depression Effect & Treatment: आजकल दिन भर की भागदौड़ के बाद हर व्यक्ति अकेला रहना पसंद करता है। हालांकि, कुछ लोगों को हमेशा ही अकेले रहना अच्छा लगता है। लेकिन WHO की मानें तो ये एक बीमारी हो सकती है।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 22 Nov 2023 9:55 AM GMT
Causes of loneliness and depression
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Causes of loneliness and depression

Depression Effect & Treatment : आजकल भागदौड़ की दुनिया में लोग अकेले रहना ज्यादा पसंद करते हैं। अकेलेपन में कुछ लोग अपनी क्रिएटिविटी और आत्म-विकास को प्राथमिकता देते हैं। बता दें कि जब आप अकेले होते हैं, तो आपके पास अपने विचारों को समझने, नए विचारों को खोजने का मौका मिलता है। इस दौरान आप खुद को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं यह कदम आपको मौत की ओर ले जा रहा है। कई बार लोग किसी बात से इतना अधिक परेशान हो जाते हैं कि वो खुश नहीं रह पाते। वो लोगों से बहुत सी बातें करना चाहते हैं पर वो कर नहीं पाते, जिसके कारण वो डिप्रेशन जैसी समस्याओं का धीरे-धीरे शिकार होते चले जाते हैं जो आपको सुसाइड करने तक को मजबूर कर देता है।

WHO ने बताया मानसिक परेशानी

जी हां, ऐसा हम नहीं बल्कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का मानना है। WHO ने अकेलेपन को एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में मान्यता दी है। इससे व्यक्ति का खुद से संबंध खो जाता है। अकेलापन की स्थिति से लोगों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। यह डिप्रेशन, अंधाधुंध क्रोनिक स्ट्रेस और आत्महत्या की संभावना को बढ़ा सकता है। अकेलापन या एकांत की समस्या दुनिया भर में बढ़ रही है, जिसमें भारत का नाम भी शामिल है। इसके नकारात्मक प्रभाव को हमें सीरियस तरीके से देखना चाहिए। अकेलेपन में लंबे समय तक सहने से व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है।

मानसिक मुद्दा है अकेलापन

WHO ने अकेलेपन को मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा माना है। अकेलेपन से लोगों को तकलीफें और दिक्कतें हो सकती हैं। सीधे तौर पर कहे तो यह सिगरेट पीने जितना नुकसानदायक होता है। इससे स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। अकेलापन से तनाव की मात्रा बढ़ जाती है और इससे हार्मोनल परिवर्तन भी होते हैं। तनाव और अकेलापन आपको बार-बार संक्रामक रोगों के खतरे में डाल सकता है। इससे इम्यून सिस्टम की कमजोर होती है।

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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